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बिहार में अखिल भारतीय भगवद् गीता महासम्मेलन का शुभारंभ
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गीता महासम्मेलन में बिहार के राज्यपाल ने की शिरकत
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बिहार के उपमुख्य मंत्री ने भी किया सम्बोधित
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भगवद् गीता के ज्ञान से अलोकित हुआ बिहार
नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि। २५ नवम्बर २०१९
पटना। गीता कोई एक धर्म या सम्प्रदाय का शास्त्र नहीं है, बल्कि पूरे विश्व को शांति का संदेश देने वाली एक मार्गदर्शिका है। ब्रह्माकुमारी संस्था पूरे विश्व को भारतीय संस्कृति, परम्परा और मूल्यों से अवगत कराने का कार्य रही है। जो कि बहुत ही सराहनीय कदम है।
बिहार के राज्यपाल फागु चौहान पटना में स्थित श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में ‘परमात्म श्रीमत द्बारा सतयुगी पावन विश्व की पुन: स्थापना विषय पर आयोजित अखिल भारतीय गीता महासम्मेलन का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि आज के तनाव भरे जीवन में गीता का अध्ययन करना बहुत ही प्रासंगिक है। यह हमें सत्य के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है।
जीवन के लिए उपयोगी है गीता ज्ञान
बिहार के उपमुख्य मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि गीता शास्त्र में जीवन में अपनाये जाने वाले मूल्यों का समावेश है। जो हमें जीवन के हर पथ पर साथ देता है। आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग मेडिटेशन के नियमित अभ्यास से ही हम अपने अंदर की बुराईयों का त्याग कर, सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
गीता में परमात्मा के द्वारा दिया गया श्रेष्ठ मत है
ब्रह्माकुमारी संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने बताया कि गीता में निराकार परमात्मा शिव द्वारा दिया श्रेष्ठ मत है जिस पर चलकर हम भारत को स्वर्ग बना सकते हैं।
अनेक जन्मों का भाग्य बना सकते हैं
दिल्ली से आए ब्रह्मऋषि गौरीशंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान समय संगमयुग चल रहा है। इस युग में ही परमात्मा से मंगल-मिलन कर हम अनेकों जन्मों का भाग्य बना सकते हैं।
सुख-शांति के लिए जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना आवश्यक
दिल्ली से आए डॉ.फिरोज बख्त अहमद ने बताया कि आत्मिक चिंतन और सकारात्मक दृष्टिकोण को अपनाकर ही हम विश्व में सुख और शांति की स्थापना कर सकते हैं।
इस सम्मेलन को जबलपुर की पुष्पा पाण्डे, आरा की बीके किरण बहन सहित अनेक वक्ताओं ने सम्बोधित किया। मंच का कुशल संचालन पटना की बीके संगीता बहन ने किया।