दादी के हाथ में हाथ देकर पूरी की कन्यादान की रस्म

  • वरमाला पहनाकर शिव को बनाया अपना साजन

  • बेटी का हाथ दादी के हाथ में देकर बोले माता-पिता अब ये आपकी अमानत है

  • इंदौर जोन के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित हुआ 20 कन्यायों के समर्पण समारोह का कार्यक्रम

  • तपोस्थली मधुबन (माउण्ट आबू) से पधारे 108 ब्रह्मचारी राजयोगी भाई-बहनों का तिलक, गुलदस्ता, मुकुट और माला पहनाकर हुआ दिव्य सम्मान

  • खचाखच भरा रहा इंदौर का बॉस्केटबॉल स्टेडियम

मां-बाप की लाडलियों ने शिव को वरमाला पहनाकर बनाया अपना जीवनसाथी।

नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि।
22 दिसम्बर 2019
इंदौर, म.प्र.। सभी बेटियां सजधजकर दुल्हन के रूप में हाथ में वरमाला लिए जैसे ही स्टेज पर पहुंची पूरा हाॅल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। चारों ओर शहनाइयां बजने लगी, ढोल नगाड़ों की आवाजों ने दसों दिशाओं को गुंजायमान कर दिया। मधुर गीतों की आवाजों ने मन को एक अलग ही उमंग उत्साह से भर दिया। अवसर था इंदौर जोन की की गोल्डन जुबली और 20 कन्याओं के समर्पण समारोह का। यह समारोह हमारे भारतीय दैवी संस्कृति का जीता जागता उदाहरण था। जो मन में परमात्मा के प्रति आस्था और विश्वास को दृढ़ कर दिया। भारतीय पुरातन संस्कृति में कहा जाता है कि विवाह एक ऐसा बंधन होता है जो उसे अनेक जन्मों तक इस बंधन में बांध देता है। आज के समय में योग्य जीवन साथी का मिलना कितना कठिन है इसका दर्द आप उन मां-बाप से पूछ सकते हैं जिनके घर में बेटियां हैं। हर पल उन्हें अपनी लाडली के योग्य वर की चिंता सताए रहती है। उन बेटियों ने जबसे ब्रह्माकुमारी संस्था में अपने कदम रखें तब से वह इन चिंताओं से मुक्त होकर परमात्मा शिव को वर के रूप में चुन लिया। इस संकल्प के साथ देश के अलग- अलग स्थानों से पहुंची 20  बेटियों ने अपने वर के रूप में शिव को चुना और सात वचनों में इस रस्म को पूरा किया। अब इनके जीवन का एक ही लक्ष्य है भारतीय पुरातन दैवी संस्कृति, सभ्यता, आध्यात्मिकता और राजयोग मेडिटेशन के द्वारा परमात्मा का संदेश जन- जन तक पहुंचाना।

मन को शांति प्रदान करता है ओम शांति का महामंत्र  – दादी

गोल्डन जुबली और समर्पण समारोह के अवसर पर बॉस्केट बॉल स्टेडियम में आयोजित कार्यकम को सम्बोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी।

दस हजार से अधिक लोगों की सभा को संबोधित करते हुए दादी जानकी  ने कहा साइलेन्स से शांति, खुशी और शक्ति मिलती है। साइलेन्स में बहुत पावर है। ओम शांति का ये महामंत्र मन को शांति प्रदान करता है। सभी के दिल में बाबा है। हम बाबा के हैं और बाबा हमारा है। जब हम प्यार से मेरा बाबा कहते हैं तो हमें भगवान की मदद मिलती है।

दादी : सब बाबा का कमाल है….

आज इतनी सभा के बीच इन कन्याओं का समर्पण हो रहा है, ये कन्याएं कितनी भाग्यशाली हैं जो देश को स्वर्ग बनाने की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर रही हैं। आज का ये दृश्य कितना सुंदर है। वाह मेरा बाबा, वाह। सब बाबा करा रहा है। मैं तो निमित्त मात्र हूं। आज इंदौर आकर ओम प्रकाश भाई की याद आई।

माता- पिता बोले – ऐसी बेटी पाकर मैं धन्य-धन्य हो गया…

बाद में सभी कन्यायों ने परमात्मा शिव के यादगार चिन्ह शिवलिंग को वरमाला पहनाकर उन्हें अपना साजन बना लिया। इस मौके पर बेटियों के माता- पिता ने अपनी लाडली का हाथ दादी के हाथ में सौपते हुए बोले- दादी मेरे कलेजे का टुकड़ा आज से आपकी अमानत है। आज मेरा जीवन धन्य-धन्य हो गया जो मेरी बेटी ने त्रिलोकिनाथ को वर के रूप में चुना। आज मेरी बेटी ने मेरा सर गर्व से ऊंचा कर दिया। मैंने तो स्वप्न में भी नहीं सोचा था कि मेरी लाडली अध्यात्म के मार्ग पर चलकर परिवार के साथ समाज और देश का नाम रोशन करेगी। उनके रिश्तेदारों ने कहा धन्य है हमारी बेटी जो शिव को अपना साजन बनाया। भगवान ऐसी बेटी सबको दे।

इंदौर जोन में एक हजार बहनें बनी ब्रह्माकुमारी…

इस दौरान ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से पधारे 108 बाल ब्रह्मचारी राजयोगी भाई- बहनों का पगड़ी, तिलक और माला पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में इंदौर जोन की जोनल निदेशका बीके कमला दीदी ने कहा कि आज का दिन कितना सुहाना है कि इतने भाई बहनों के बीच 20 बेटियां अध्यात्म की राह पर चलने का संकल्प लें रहीं हैं। आज से 50 वर्ष पूर्व इंदौर में रोपा गया अध्यात्म का पौधा आज वटवृक्ष बन गया है। ओम प्रकाश भाई ने इंदौर जोन में एक हजार से अधिक ब्रह्माकुमारी बहनों को तैयार कर दिया। जो अनेकों का जीवन श्रेष्ठ बनाने का कार्य कर रही हैं।

भाई जी ने मेरा जीवन संवारा….

सभा को सम्बोधित करते हुए माउण्ट आबू से आये ज्ञानामृत के संपादक ब्रह्माकुमार आत्मप्रकाश भाई।

माउंट आबू से आए मीडिया विंग के उपाध्यक्ष बीके आत्मप्रकाश भाई ने कहा कि मैं खुद को भाग्यशाली समझता हूं कि ओम प्रकाश भाई जी के अंग संग रहने का मौका मिला। माउंट आबू से आई वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके डॉ.सविता ने कहा कि भाई जी ने ही मुझे मंच से भाषण करना सिखाया। इस मौके पर ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन के प्रबंधक बीके भूपाल, बीके देव, बीके रुक्मिणी, नागपुर से आई बीके रजनी सहित दस हजार से अधिक लोग उपस्थित रहे।

नृत्य के माध्यम से किया खुशी का इजहार


समर्पण और सम्मान समारोह के बीच इंदौर सबजोन द्वारा की गई अध्यात्मिक सेवाओं के 50 वर्ष पूर्ण होने पर गोल्डन जुबली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। खुशी के इस अवसर पर इंदौर होस्टल की कुमारियों द्वारा बहुत ही सुन्दर और जीवन को प्रेरणा देने वाला सांस्कृतिक कार्यकम प्रस्तुत किया गया।

ब्रह्माकुमारी संस्था के इंदौर सबजोन की गोल्डन जुबली के अवसर पर केक कटिंग और दीप प्रज्ज्वलित करते हुए दादी जानकी, इंदौर जोन की निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, इंदौर सेवाकेंद्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी, माउण्ट आबू से आए ब्रह्माकुमार भूपाल भाई, ब्रह्माकुमारी रूक्कमणि दीदी, ब्रह्माकुमारी सविता दीदी तथा अन्य।

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