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ब्रह्माकुमारी संस्थान में परमात्म अनुभूति शिविर का आयोजन

शांतिवन में परमात्म अनुभूति शिविर को सम्बोधित करते हुए दादी जानकी तथा मंच पर उपस्थित हैं दादी रतनमोहिनी, बीके निर्वैर भाई, बीके बृजमोहन भाई, बीके करूणा भाई तथा अन्य।
  • शांतिवन में हर मास किया जाता है परमात्म अनुभूति शिविर का आयोजन

  • परमात्म अनुभूति करने के लिए राजयोग का अभ्यास आवश्यक

  • 17000 लोगों ने दिव्य नेत्रों से की परमात्मा की अनुभूति

  • शाकाहार भोजन शैली अपनाने से होती है दिव्य प्राप्ति

  • तो आप करना चाहते हैं परमात्मा की अनुभूति…

नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि।
30/11/19

आबू रोड। जहां एक ओर लोग भौतिक साधनों की प्राप्ति को ही अपने जीवन कीश्रेष्ठ प्राप्ति मान रहे हैं वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इन साधनों से दूर होकर परमात्म अनुभूति से अपने मन को तृप्त कर रहे हैं। उनके जीवन में सुख-शांति की सरिता प्रवाहित हो रही है। उनका सादा जीवन हम सभी के लिए प्रेरणास्रोत है। मन को संतुष्ट करना ही जीवन की सबसे बड़ी प्राप्ति है। शांतिवन के डायमण्ड हॉल में आयोजित परमात्म अनुभूति शिविर को सम्बोधित करते हुए संस्थान की १०४ वर्षीय मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा भगवान का बनने से जीवन में बहुत सुख मिलता है। हम भगवान के बच्चे हैं यह स्मृति ही हमें दु:खों से छुड़ा देती है। स्व की स्मृति में रहने से हमें अपने कर्मों के प्रति जागरूकता आती है। आगे उन्होंने कहा कि जब तक जीना है परमात्मा की याद में ही जीना है।

तो हमारा जीवन बन जायेगा देवी-देवता के समान…

संस्थान के अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने अपने जीवन का अनुभव सुनाते हुए कहा अगर हम परमात्मा के बताए हुए मार्ग पर चलेंगे, अपने मन में सबके लिए शुभ भावना और शुभकामना रखेंगे तो हमारा जीवन भी देवी-देवताओं जैसा बन जायेगा। हम अपने जीवन में जितनी खुशी बांटेंगे उतना हम खुशनुमा बनते जाएंगे।

समय का सदुपयोग श्रेष्ठ भाग्य की प्राप्ति

परमात्म अनुभूति शिविर में उपस्थित जन समुदाय।

संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर भाई ने कहा कि मधुबन परमात्मा की अवतरण भूमि होने के कारण हम कहीं भी रहें लेकिन हमारा मन मधुबन में ही लगा रहता है। परमात्मा का ज्ञान हमारे जीवन को अमूल्य बना देता है। जीवन में समय का सदुपयोग करने से हमारा ऊंचा भाग्य बनता है। संस्थान के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने बताया कि जितना हम आत्मिक स्थिति का अभ्यास बढ़ाते जाएंगे उतना परमात्मा से स्नेह और प्यार बढ़ता जायेगा।

आपको बताते चले कि ब्रह्माकुमारी संस्थान में भारत के अनेक राज्यों के लिए तथा विदेश के लोगों के लिए भी अलग-अलग समय पर अनुभूति शिविर का आयोजन किया जाता है। इस अनुभूति शिविर का प्रारंभ और समापन परमात्मा की दिव्य स्मृति से किया गया। यदि आप भी अपने जीवन में परमात्मा की अनुभूति करना चाहते हैं तो आप अपने शहर के नजदीकी ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र से सम्पर्क करें।

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