हाईलाइट्स:
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गृह मंत्री शाह का विश्वास: योग और ध्यान से हम भविष्य में विश्व में शीर्ष स्थान पर होंगे
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गृह मंत्री शाह ने देश को शांति और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ाने का आह्वान किया
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अमित शाह ने कहा- सुरक्षा बलों के बलिदान से ही देश सुरक्षित है, जवानों का जीवन है देश की शान
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गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा बलों के बलिदान को सराहा, 46 डिग्री तापमान में सीमाओं पर सुरक्षा का महत्त्व
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अमित शाह ने ब्रह्माकुमारीज़ के सम्मेलन में दी आंतरिक शांति और देश की सुरक्षा पर जोर
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गृह मंत्री का आह्वान: शांति और समृद्धि के लिए हमें आंतरिक जागरूकता की जरूरत
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गृह मंत्री बोले – आत्मा की शांति से ही राष्ट्र की सुरक्षा संभव
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‘वसुधैव कुटुंबकम’ भारत की नहीं, अब पूरी दुनिया की सोच बने: गृह मंत्री का आह्वान
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राजस्थान में अमित शाह का भाषण: योग और ध्यान से सुरक्षा बलों को मिल रही मानसिक शक्ति
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अमित शाह का बयान: भारत को योग और ध्यान से मिलेगा वैश्विक शांति का मार्ग
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योग और ध्यान से आत्मा को शांति मिलती है, राष्ट्र को शक्ति मिलती है: गृहमंत्री शाह की प्रेरणा
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आध्यात्मिक जागृति और ध्यान से एक समृद्ध और शांतिपूर्ण राष्ट्र का निर्माण संभव
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गृह मंत्री का ब्रह्माकुमारीज़ परिवार में दिल से स्वागत
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गृहमंत्री शाह ने दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित की
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भारत ने सिखाया दुनिया को एकता का मंत्र: वसुधैव कुटुंबकम
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जब दुनिया गुफाओं में थी, भारत कह रहा था– समस्त विश्व है मेरा परिवार
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान
आबूरोड, राजस्थान। गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन स्थित अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय में सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रभाग की सिल्वर जुबली का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने संस्थान की वर्ष 2025 की वार्षिक थीम “विश्व एकता एवं विश्वास हेतु ध्यान” का भी राष्ट्रीय उद्घाटन किया।
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कार्यक्रम में गृह मंत्री शाह ने कहा –
46 डिग्री से माइनस 46 डिग्री तापमान तक, हमारे जवान सीमाओं की सुरक्षा में अपने जीवन का स्वर्णकाल समर्पित करते हैं। उनके त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि जब हम आंतरिक सुरक्षा की बात करते हैं तो सेना और सीआरपीएफ के अलावा, सभी राज्यों की पुलिस व्यवस्था भी कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में हर निर्बल को संरक्षण देने का कार्य करती है। यह कार्य अत्यंत तनावपूर्ण होता है – नींद, जल और शांति की कमी के बीच, हिंसा का सामना करते हुए वे अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं।
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ब्रह्माकुमारीज़ की सराहना करते हुए, शाह ने कहा –
ऐसे माहौल में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा सुरक्षा कर्मियों को मानसिक, आत्मिक और शारीरिक शांति प्रदान करना एक महान कार्य है। मैं इस सेवा के लिए उन्हें हृदय से साधुवाद देता हूं।
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भारत ने दुनिया को सबसे पहले सिखाया ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का संदेश: अमित शाह
भारत वह देश है जिसने सबसे पहले ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – अर्थात ‘पूरा विश्व एक परिवार है’ – की भावना को विश्व को प्रदान किया। जब विश्व के अधिकांश लोग गुफाओं में जीवन यापन कर रहे थे, तब भारत के उपनिषदों में यह ऋचा उद्घोषित की गई कि समस्त संसार हमारा परिवार है।
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शाह ने योग, ध्यान और भारतीय अध्यात्मिक परंपरा की वैश्विक प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए कहा कि –
मन, बुद्धि, आत्मा और शरीर को एकीकृत कर ज्ञान व चिंतन के माध्यम से प्रगति और समाधान की दिशा में बढ़ना भारत की अत्यंत प्राचीन परंपरा रही है, जिसे आज भी हम विश्व के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। गृह मंत्री ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान द्वारा पिछले 25 वर्षों से सुरक्षा बलों के बीच कार्य करते हुए उनके तनाव को कम करने, मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करने के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों को तनाव से मुक्त कर, उन्हें शांत मन और स्वस्थ शरीर के साथ सेवा हेतु सक्षम बनाना ब्रह्माकुमारीज़ का एक महान प्रयास है।
एक गृह मंत्री के नाते मैं इस योगदान की हृदय से प्रशंसा करता हूं और देश की ओर से धन्यवाद ज्ञापित करता हूं। शाह ने इस मंच से भारत की आध्यात्मिक शक्ति को विश्व कल्याण का आधार बताते हुए इसे आज की सबसे बड़ी आवश्यकता करार दिया।
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2037 तक भारत बनेगा विश्व का सर्वोच्च अर्थतंत्र : अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भारत आज जिस रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, उससे साफ है कि आजादी की शताब्दी तक भारत विश्व का शीर्ष आर्थिक शक्ति बन जाएगा। 75 वर्षों की यात्रा में भारत ने कई चुनौतियों को पार करते हुए आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर दिखाया है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले कुछ ही वर्षों में भारत तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था होगा। और जब हम 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे, तब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारा लक्ष्य होगा – विश्व में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करना।
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आध्यात्मिक परंपराओं से होगी भारत की सर्वांगीण प्रगति
शाह ने भारत की प्राचीन आध्यात्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं की शक्ति पर बल देते हुए कहा कि हमारी परंपराओं में वह शक्ति है जो मानव आत्मा को परमात्मा से जोड़ सकती है, और हर जीवन को सद्-वृत्ति की ओर ले जा सकती है। इस शक्ति को दुनिया तक पहुंचाने का कार्य हमें उतनी ही गति से करना चाहिए, जितनी तेजी से हम आर्थिक विकास कर रहे हैं। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसी संस्थाएं भारत के इस आध्यात्मिक उद्देश्य की पूर्ति में अहम भूमिका निभा रही हैं।
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योग है वैश्विक शांति का माध्यम
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाना भारत की वैदिक विरासत को विश्वभर में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम रहा है। आज विश्व के करोड़ों लोग योग और ध्यान के माध्यम से अपने जीवन को संवार रहे हैं। यही मार्ग आने वाले समय में संपूर्ण विश्व के लिए शांति और समरसता का मार्ग बनेगा।
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ब्रह्माकुमारीज़ परिसर में अनुभव हुई अलौकिक शांति : अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जब वह पहली बार ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के शांतिवन परिसर में आए तो बिना कुछ सुने और कहे ही उन्हें आंतरिक शांति और साधना का अनुभव हुआ। उन्होंने संस्थान की तपस्या, योग, और ध्यान के माध्यम से मानवता में सद्बुद्धि जागृत करने के प्रयासों की मुक्तकंठ से सराहना की। मैंने ब्रह्माकुमारीज़ के बारे में बहुत सुना था, लेकिन यहां आकर जो शांति महसूस की, वह शब्दों से परे है। यह स्थान एक तपोभूमि जैसा प्रतीत होता है, जहां हर आत्मा के भीतर सद्गुणों की ज्योति प्रज्ज्वलित की जाती है।
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दादा लेखराज कृपलानी जी को दी श्रद्धांजलि
शाह ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के संस्थापक पूज्य लेखराज कृपलानी जी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने न केवल एक संस्था की स्थापना की, बल्कि हर व्यक्ति की आत्मा को दीप बनाकर उसे उजाले की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। समाज में गुरु तो कई मिलते हैं, लेकिन कृपलानी जी जैसे व्यक्तित्व विरले होते हैं, जो संपूर्ण मानवता को दिशा देने का कार्य करते हैं।
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संयम, साधना और सादगी का प्रतीक बना संस्थान
गृह मंत्री ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ ने दुनियाभर में संयम, सादगी और सहयोग का एक अद्भुत वातावरण खड़ा किया है। उन्होंने दादी रतनमोहिनी जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजयोगिनी मोहिनी दीदी को शुभकामनाएं दीं। संस्थान की वर्ष 2025–26 की थीम ‘विश्व एकता और विश्वास हेतु ध्यान’ तथा ‘आत्म जागृति से राष्ट्र सशक्तिकरण’ को मैं एक दूरदर्शी पहल मानता हूं, खासकर हमारे सुरक्षा बलों के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।
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सेना से लेकर खेल तक हर क्षेत्र में योग का समावेश: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह ने देश की आंतरिक सुरक्षा, संविधानिक सुधारों, और राष्ट्रीय अखंडता को मजबूत करने के लिए कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनका इंतजार देश दशकों से कर रहा था। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ के राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन को एक त्याग, प्रेम, सेवा और आध्यात्मिक अनुशासन की अनूठी मिसाल बताया।
दादी रतनमोहिनी जी का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका त्याग और सेवा का जीवन एक नई दिशा दिखाता है। मुख्यमंत्री ने संस्थान की इस वर्ष की थीम को समाज, राजनीति और वैश्विक परिदृश्य में अत्यंत प्रासंगिक बताया और कहा कि यह आंतरिक जागृति के माध्यम से सुरक्षा बलों के आत्म सशक्तिकरण को और भी प्रभावी बनाएगा।
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योग और ध्यान से मानसिक शक्ति का विकास
मुख्यमंत्री ने ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित कार्यशालाओं और सत्रों का भी उल्लेख किया, जो सुरक्षा बलों को मानसिक सुदृढ़ता और भावनात्मक संतुलन प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब हम भीतर से शांत होते हैं तो हम दुनिया पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आज सेना से लेकर खेलों तक हर क्षेत्र में योग को महत्वपूर्ण स्थान दिया जा रहा है, जिससे शारीरिक और मानसिक शक्ति का संचार हो रहा है।
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राजयोग से मिलती है मानसिक शांति
राजयोगिनी बीके मोहिनी दीदी, ब्रह्माकुमारीज़ की मुख्य प्रशासिका, ने राजयोग मेडिटेशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा की यदि हमारे भीतर शांति नहीं है, तो हम दुनिया में शांति की बात कैसे कर सकते हैं? सबसे पहले हमें अपने मन में शांति लानी होगी। राजयोग मेडिटेशन से हम मानसिक शांति प्राप्त करते हैं, और यह शांति हमें अपने मन-बुद्धि-संस्कारों को एकाग्र करने में मदद करती है।
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तीनों सेनाओं के 400 से अधिक अधिकारी-जवानों ने लिया भाग: राष्ट्रीय सुरक्षा सेवा सम्मेलन में आध्यात्मिकता और राजयोग ध्यान की शिक्षा
सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में जल सेना, थल सेना और वायु सेना के 400 से अधिक अधिकारी और जवान विशेष रूप से शामिल हुए। ये अधिकारी और जवान अगले चार दिन तक आध्यात्मिता और राजयोग ध्यान की बारीकियां सीखेंगे, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक ताकत में वृद्धि होगी।
- अतिरिक्त महासचिव बीके डॉ. मृत्युंजय भाई ने सम्मेलन में भाग लेते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की ओर से गृहमंत्री अमित शाह का हृदय से स्वागत है। हम स्वर्णिम भारत बनाने के कार्य में भारत सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए समर्पित हैं।
- सुरक्षा सेवा प्रभाग की उपाध्यक्षा बीके शुक्ला दीदी ने कहा कि हम भौतिक रूप से बहुत तरक्की कर चुके हैं, लेकिन आंतरिक रूप से हमें अभी भी संतुलन की आवश्यकता है। हमारा उद्देश्य जवानों को आंतरिक रूप से मजबूत करना है ताकि वे राष्ट्र सेवा में और भी सशक्त बन सकें।