विश्व शांति का नया अध्याय : ब्रह्माकुमारीज़ के शांति शिखर का लोकार्पण

हाईलाइट्स –

  • छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर शांति का संदेश — मोदी बोले, ब्रह्माकुमारीज़ भारत के अध्यात्म की जीवंत शक्ति हैं

  • छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ने नई ऊर्जा और विकास की शुभकामनाएँ दीं

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा — ‘ओम शांति’ केवल शब्द नहीं, बल्कि आत्मिक जागरण का वैश्विक संदेश है

  • ओम शांति से विश्व शांति तक — मोदी बोले, ब्रह्माकुमारीज़ की सेवा भावना बनेगी विकसित भारत की प्रेरणा

  • ब्रह्माकुमारीज़ की शांति शिखर एकेडमी विश्व शांति और मानवता के लिए नया केंद्र बनेगी

  • प्रधानमंत्री मोदी ने कहा — ब्रह्माकुमारीज़ का मूल भाव कर्म और आचरण की शक्ति में निहित है

  • भारत ने हमेशा संकट में मानवता का साथ दिया है; ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ इसका जीवंत प्रतीक है

  • प्रधानमंत्री का संदेश — प्रकृति के साथ संतुलन ही भविष्य की सुरक्षा का आधार है

  • संस्था की तपस्या और निस्वार्थ सेवा समाज को शक्ति और दिशा प्रदान कर रही है

नवयुग टाइम्स, संवादाता, छत्तीसगढ़

नवा रायपुर (छत्तीसगढ़) 01/11/2025 — आज का दिन भारत की आध्यात्मिक यात्रा के स्वर्णिम अध्यायों में सदैव अंकित रहेगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नवा रायपुर में ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के “शांति शिखर – एकेडमी फॉर ए पीसफुल वर्ल्ड” का लोकार्पण करते हुए इसे “विश्व शांति और मानवता के उत्थान का केंद्र” बताया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने मेडिटेशन रूम में कुछ समय राजयोग ध्यान में व्यतीत किया और कहा —“ब्रह्माकुमारीज़ में शब्द कम, सेवा अधिक है। यही सच्चे अध्यात्म की पहचान है।”

कार्यक्रम में राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी जयंती दीदी, तथा अतिरिक्त महासचिव राजयोगी डॉ. मृत्युंजय भाई भी उपस्थित रहे।

🕊️ आध्यात्मिकता भारत की आत्मा है –  ओम शांति: भारत की आत्मा की वाणी…

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रेरक संबोधन में कहा —“ओम शांति केवल एक अभिवादन नहीं, यह भारत की आत्मा का संदेश है। ओम ब्रह्म है, और शांति हमारी सबसे बड़ी कामना। भारत का अध्यात्म केवल शांति सिखाता नहीं, वह हर कदम पर हमें शांति की राह दिखाता है।” उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ की सेवा भावना और निस्वार्थ कर्म भारत के मूल आदर्शों को साकार करती है। “मैंने हमेशा महसूस किया है कि ब्रह्माकुमारीज़ में आडंबर नहीं, आचरण है; दिखावा नहीं, दिव्यता है। यही इस संस्था की आध्यात्मिक शक्ति का स्त्रोत है।”

🌍 विश्व शांति की दिशा में भारत की अग्रणी भूमिका…

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत सदैव विश्व कल्याण की भावना के साथ आगे बढ़ता आया है। “जब भी दुनिया में संकट आता है, भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। यही हमारी ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की भावना का साक्षात् प्रमाण है।” उन्होंने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि दुनिया के लगभग हर देश में ब्रह्माकुमारीज़ के प्रतिनिधि सक्रिय हैं। “जहां भी मैं गया, वहां ब्रह्माकुमारीज़ परिवार की शुभकामनाएं मुझे मिलीं। यह इस संस्था की वैश्विक ऊर्जा और भारत की आध्यात्मिक पहुंच का प्रमाण है।”

🌱 प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता ही सच्चा अध्यात्म…

प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण संरक्षण पर बल देते हुए कहा —“प्रकृति ने हमें बहुत कुछ दिया है, अब हमारी जिम्मेदारी है उसे लौटाने की। जब हम नदियों को माता मानते हैं, पौधों में परमात्मा को देखते हैं — तब हम प्रकृति के साथ मिलकर जीना सीखते हैं। यही जीवन की सच्ची साधना है।” उन्होंने भारत के ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ के विज़न को मानवता के उज्जवल भविष्य की दिशा बताया।

🕯️ प्रधानमंत्री की भावनात्मक अभिव्यक्ति …

प्रधानमंत्री ने अपने लंबे संबंधों को स्मरण करते हुए कहा — “मैं अतिथि नहीं, इस परिवार का हिस्सा हूं।
दादी जानकी जी का स्नेह और दादी हृदयमोहिनी जी का मार्गदर्शन मेरे जीवन की अमूल्य धरोहर हैं।” उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था केवल भारत नहीं, बल्कि पूरे विश्व को शांति की दिशा में अग्रसर कर रही है।

💫 शांति शिखरनई चेतना का उदय …

प्रधानमंत्री मोदी ने विश्वास व्यक्त किया कि शांति शिखर एकेडमी भारत के शांति प्रयासों को नई ऊर्जा प्रदान करेगी। “यह केंद्र लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएगा और उन्हें आत्मशक्ति तथा विश्व शांति के मार्ग पर प्रेरित करेगा।”

🇮🇳 छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस पर प्रधानमंत्री का संदेश …

प्रधानमंत्री ने कहा — “आज छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है। साथ ही झारखंड और उत्तराखंड भी अपने स्थापना दिवस मना रहे हैं। मैं इन सभी राज्यों के नागरिकों को हृदय से बधाई देता हूं।” उन्होंने कहा कि शांति शिखर एकेडमी जैसे संस्थान राज्य और राष्ट्र, दोनों के विकास में नई ऊर्जा और नई चेतना का संचार करेंगे। “यह केंद्र भारत के शांति प्रयासों को नई दिशा देगा और लाखों लोगों को वैश्विक शांति के विचार से जोड़ेगा।”

🕯️ मैं अतिथि नहीं, आपका अपना हूं …

प्रधानमंत्री ने ब्रह्माकुमारीज़ से अपने दशकों पुराने जुड़ाव को याद करते हुए कहा — “मेरा इस संस्था से गहरा अपनापन है। दादी जानकी जी का स्नेह, दादी हृदयमोहिनी जी का मार्गदर्शन — ये मेरे जीवन की अमूल्य स्मृतियाँ हैं।” उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ का प्रत्येक साधक समाज में निःस्वार्थ सेवा, नैतिकता और आंतरिक शांति का संदेश फैला रहा है।

🌸 संस्थान का आभार…

राजयोगिनी जयंती दीदी ने प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा —“परमात्मा प्रधानमंत्री को उत्तम स्वास्थ्य और बल प्रदान करें ताकि वे भारत को विश्व गुरु बनाने के अपने संकल्प को पूर्ण कर सकें।”

इस अवसर पर प्रधानमंत्री का छत्तीसगढ़ी परंपरा अनुसार टोपी और माला पहनाकर सम्मान किया गया। परिसर में दादी जानकी जी और प्रधानमंत्री मोदी की आकर्षक रंगोली सजाई गई, तथा संपूर्ण परिसर को दीप और लाइटिंग से जगमगाया गया।

🌺 संक्षेप मेंयह आयोजन केवल एक उद्घाटन नहीं, एक जागरण था…

एक ऐसा क्षण, जब भारत की आध्यात्मिक विरासत और आधुनिक नेतृत्व एक सूत्र में बंधे — विश्व शांति, सेवा और मानवता के उदय के लिए।

ओम शांति।

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