Breaking News

उम्र हारी, हौसला जीता : सात देशों के धावकों ने दौड़ को बनाया जीवन संदेश

हाईलाइट्स –

  • 7वीं दादी प्रकाशमणि आबू इंटरनेशनल हाफ मैराथन का सफल आयोजन

  • 7वीं दादी प्रकाशमणि आबू इंटरनेशनल हाफ मैराथन में उमड़ा जुनून और जज़्बा

  • सात देशों के 2700 धावकों ने रचा इतिहास: हौसले, स्वास्थ्य और विश्व बंधुत्व की मिसाल

  • मंज़िल से आगे जज़्बा: 18 से 72 वर्ष तक के धावकों ने दिखाई अटूट हिम्मत

  • दौड़ सिर्फ कदमों की नहीं, जज़्बे की भी है – दादी प्रकाशमणि इंटरनेशनल मैराथन में उमड़ा उत्साह

  • जब जुनून बना ताकत: हजारों धावकों ने पहाड़ों के बीच लिखा प्रेरणा का नया अध्याय

🏃‍♂️ 21.9 किमी लंबी यात्रा – संघर्ष और जीत की कहानी

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान

आबूरोड। रविवार की सुबह आबू रोड और माउंट आबू की वादियों ने एक ऐसा नजारा देखा, जिसने हर किसी को प्रेरित कर दिया। 7वीं दादी प्रकाशमणि इंटरनेशनल हाफ मैराथन में सात देशों से आए 2700 धावकों ने 21.9 किमी की दूरी तय करने के लिए कदम बढ़ाए। धावकों का जुनून ऐसा था कि ठंडी हवाओं और ऊँचाई भरे रास्ते भी उन्हें रोक न सके। निर्धारित समय साढ़े तीन घंटे में 2000 प्रतिभागी मंज़िल तक पहुँचे, जबकि 700 धावक अपनी पूरी क्षमता लगाकर भी आधी दूरी तक ही जा पाए। यह दृश्य यह संदेश देता है कि मंज़िल तक पहुँचना ज़रूरी नहीं, कोशिश करना ही सबसे बड़ी जीत है। यादगार पल यह भी रहा कि कई धावक रास्ते में थके, रुके, लेकिन हार नहीं मानी और अपनी क्षमता तक लड़ते रहे।

  • शुभारंभ का जोश और उमंग

सांसद लुम्बाराम चौधरी, विधायक समाराम गरासिया, विधायक मोतीराम कोली, ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई और डॉ. बीके मृत्युंजय भाई ने सुबह 6 बजे मनमोहिनीवन परिसर से हरी झंडी दिखाकर धावकों को रवाना किया। हरी झंडी के साथ ही मैदान पर एक ही आवाज़ गूंज उठी – “हम दौड़ेंगे, हम पहुँचेंगे।” युवा, बुजुर्ग, महिलाएँ, बच्चे – हर कोई आत्मविश्वास से भरा नज़र आया।

  • युवाओं से बुजुर्गों तक का जोश

इस दौड़ की सबसे खास बात रही इसमें शामिल होने वालों की विविधता।

  • 18 साल के युवा जहाँ ऊर्जा और स्पीड के साथ दौड़ते दिखे, वहीं 72 साल के बुजुर्ग अनुभव और संयम का प्रतीक बने।
  • दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, लंदन, केनिया, दुबई और इथोपिया से आए धावकों ने यह साबित किया कि खेल किसी देश या भाषा से नहीं, बल्कि इंसानी जज़्बे से जुड़ा है।
  • महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भाग लेकर यह संदेश दिया कि सपनों और हौसले की कोई सीमा नहीं होती।

🥤 हर 1 किमी पर रिफ्रेशमेंट पाइंट

मैराथन के लिए हर 1 किलोमीटर पर रिफ्रेशमेंट पाइंट बनाए गए।
यहाँ धावकों के लिए नींबू पानी, ग्लूकोज, एनर्जी ड्रिंक और फल उपलब्ध थे।

  • आबू रोड रोटरी क्लब, भाजपा मंडल, र्बुद ब्राह्मण समाज और राजपूत समाज के सैकड़ों स्वयंसेवकों ने सेवा दी।
  • ग्लोबल हॉस्पिटल और ट्रॉमा सेंटर के डॉक्टर्स लगातार धावकों पर नज़र रखे हुए थे।
  • दो एंबुलेंस पूरी दौड़ के दौरान धावकों के साथ चलती रहीं।
    यह व्यवस्था न सिर्फ धावकों की ऊर्जा को बढ़ाती रही, बल्कि यह भी दिखाती रही कि सफलता टीमवर्क और सहयोग से मिलती है।

👮 सुरक्षा और अनुशासन – जीत का आधार

मैराथन में सुरक्षा व्यवस्था भी एक मिसाल रही।

  • आबू रोड और माउंट आबू पुलिस बल पूरी तरह मुस्तैद रहा।
  • हर 500 मीटर पर सुरक्षाकर्मी तैनात थे।
  • छीपाबेरी से माउंट आबू तक सुरक्षा का जिम्मा सीआरपीएफ जवानों ने संभाला।
    28 रनिंग पाइंट्स पर जवान लगातार मौजूद रहे।
    इस अनुशासन और सतर्कता ने हर धावक को आत्मविश्वास दिया कि जब सुरक्षा साथ हो, तो मंज़िल तक पहुँचना और आसान हो जाता है।

🏆 विजेताओं को मिला सम्मान और पुरस्कार

माउंट आबू स्थित ओम शांति भवन में समापन समारोह आयोजित किया गया।
यहाँ विजेताओं को मेडल, प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया।

  • प्रथम स्थान – ₹71,000
  • द्वितीय स्थान – ₹61,000
  • तृतीय स्थान – ₹51,000
    लेकिन असली जीत सिर्फ विजेताओं की नहीं रही। वह हर धावक विजेता था, जिसने अपनी सीमाओं से लड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की।

🥇 प्रेरक धावक और उनका प्रदर्शन

पुरुष (18-44 वर्ष आयु वर्ग)

  1. देवाराम (जोधपुर) – 1:19:40 – लगातार मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा
  2. अनिल बमबानिया (गुजरात) – 1:21:44 – आत्मविश्वास से भरी दौड़
  3. मुकेश कुमार (जैसलमेर) – 1:22:17 – संयम और धैर्य का प्रदर्शन

पुरुष (45 वर्ष से ऊपर)

  1. गोरधन मीना (दौसा नांगल) – 1:37:40 – उम्र को मात देने वाला जज्बा
  2. भास्कर काम्बले (महाराष्ट्र) – 1:38:34 – दृढ़ संकल्प का प्रतीक
  3. एनएस रामा राजू डाटला (विशाखापटनम) – 1:43:53 – अनुभव और धैर्य का मेल

महिला (18-44 वर्ष आयु वर्ग)

  1. अर्पिता सैनी (मुजफ्फरपुर, बिहार) – 1:38:48 – सपनों की उड़ान
  2. रोज़ी (नई दिल्ली) – 1:39:46 – लक्ष्य की ओर निरंतर बढ़ने का साहस
  3. महिमा चौधरी – 1:48:33 – थकान को मात देने की मिसाल

महिला (45 वर्ष से ऊपर)

  1. रत्ना आशीष मेहता (सूरत) – 2:08:35 – धैर्य की शक्ति
  2. गीतू खन्ना (जयपुर) – 2:17:03 – मजबूत आत्मबल का प्रतीक
  3. डॉ. किन्नरी कोठारी (सूरत) – 2:23:58 – संतुलन और दृढ़ निश्चय का संदेश

🎤 प्रेरक संदेश

  • सांसद लुम्बाराम चौधरी – “विश्व बंधुत्व और स्वास्थ्य का यह संगम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा है।”
  • विधायक समाराम गरासिया – “जब दुनिया के धावक एक मंच पर आते हैं, तो यह भाईचारे और गौरव की मिसाल बन जाता है।”
  • विधायक मोतीराम कोली – “योग, प्राणायाम और दौड़ – यही स्वस्थ जीवन की चाबी है।”
  • सुनीता गोदेरा (एशियन मैराथन चैंपियन) – “बिना जुनून के कोई जीत संभव नहीं। युवा शक्ति को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाएं।”
  • डॉ. मृत्युंजय भाई (ब्रह्माकुमारीज़) – “दादी प्रकाशमणि हमेशा युवाओं को आगे बढ़ने की प्रेरणा देती थीं। आज उनका सपना साकार होता दिख रहा है।”

✨ यह मैराथन केवल 21.9 किमी की दूरी तय करने की प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि यह एक जीवन दर्शन थी –
👉 जहाँ सहयोग, अनुशासन, आत्मविश्वास और जज्बा – सब मिलकर इंसान को उसकी मंज़िल तक पहुँचाते हैं।

Check Also

ब्रह्माकुमारी संस्था का दीपोत्सव : सादगी और साइलेंस में रोशन होगी इस बार की दीपावली

🔊 Listen to this हाईलाइट्स: साइलेंस की शक्ति से रोशन होगी दीपावली: ब्रह्माकुमारी संस्था का …

Navyug Times