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शिवशक्तियों का दिव्य समर्पण समारोह: 116 कन्याओं ने जीवन समर्पित कर रचा एक नया इतिहास

हाईलाइट्स –

  • 🙏 ब्रह्माकुमारी संस्था का डिजीटल न्यूज सर्विस नवयुग टाइम्स ब्रह्माकुमारी परिवार की ओर से इन सभी शिवशक्तियों को हार्दिक शुभकामनाएं और भावभीनी बधाई!

  • 🌸 यह कार्यक्रम संदेश देता है – जब नारी शक्ति परमात्मा से जुड़कर समर्पण का पथ चुनती है, तो वह केवल स्वयं को नहीं, बल्कि पूरे समाज को दिव्यता और प्रेरणा से भर देती है

  • 🔱 बेटियों ने चुना दिव्य जीवनसाथी, बनीं ‘शिवप्रिया’ 🔱

  • ‘शिवलिंग को पहनाई वरमाला, लिया आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत और ईश्वरीय सेवा का संकल्प’

  • यह न केवल एक आध्यात्मिक निर्णय था, बल्कि नारी शक्ति की आत्म-उत्थान और समर्पण की मिसाल भी बनी

  • कार्यक्रम के समापन पर सभी को केक खिलाकर मिठास के साथ इस पावन दिन की याद को सहेजा गया

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान

आबू रोड, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संस्था के लिए 20 जून 2025 का दिन अत्यंत पावन, ऐतिहासिक और भावनात्मक बन गया। ब्रह्माकुमारी संस्था के शांतिवन मुख्यालय के भव्य डायमंड हॉल में आयोजित ‘शिवशक्तियों का दिव्य अलौकिक समर्पण समारोह’ ने सभी के हृदयों को गहराई से स्पर्श किया। इस प्रेरणादायक अवसर पर 116 कन्याओं ने संकल्पपूर्वक अपना सम्पूर्ण जीवन सांसारिक बंधनों से ऊपर उठकर परमात्मा शिव को समर्पित कर दिया। यह न केवल एक आध्यात्मिक निर्णय था, बल्कि नारी शक्ति की आत्म-उत्थान और समर्पण की मिसाल भी बनी।

देशभर से आईं उच्च शिक्षित बेटियां – बीए, एमए, डॉक्टरेट धारक – अपने माता-पिता की उपस्थिति में यह दिव्य व्रत लेकर बनीं ‘शिवप्रिया’। यह कोई साधारण क्षण नहीं था, बल्कि आत्मा की परमात्मा से मिलन की वह दिव्य घड़ी थी जिसने सभी को भाव-विभोर कर दिया।

🌸 जीवन का सर्वोच्च वरदानईश्वरीय सेवा:

इस अवसर पर संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने कहा, “धन्य हैं वे माता-पिता जिन्होंने अपनी लाड़लियों को भगवान की सेवा में समर्पित किया। यह परमार्थ का मार्ग है, जो जीवन को सच्चे आनंद से भर देता है।”

संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके संतोष दीदी ने भावुक होकर कहा, “आपने भगवान को ही जमाई बनाया है, यह सौभाग्य हर किसी को नहीं मिलता। आपकी बेटी अब सदा सुहागिन रहेगी, क्योंकि उसका जीवनसाथी खुद परमात्मा है।”

🕊️ युवा शक्ति का अद्भुत रूप:

संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके सुदेश दीदी ने कहा, “युवावस्था में संयम को चुनना, आत्मबल और धैर्य का प्रतीक है। इन बेटियों ने सिद्ध कर दिया कि आध्यात्मिकता केवल साधना नहीं, साहस है।”

🎶 जब कला ने किया आत्मा का स्पर्श

इस भव्य आयोजन में गुजरात से आए कुल 75 कलाकारों ने अपनी सहभागिता देकर इसे एक सफल और संगीतमय समारोह में परिवर्तित कर दिया। कलाकारों ने देशभर की विविध संस्कृतियों की प्रस्तुति देकर इस आयोजन को भक्ति, नाट्य और संगीत का अनुपम संगम बना दिया। बीके अविनाश भाई, मधुरवाणी ग्रुप और बीके दामिनी बहन की प्रस्तुतियाँ हृदय को छू गईं, वहीं नुक्कड़ नाटक ने समाज जागरण के संदेश दिए।

📜 तीन मुख्य संकल्प जो बदल देते हैं जीवन:

इन बहनों ने मंच पर दुल्हन की तरह सजकर यह तीन प्रेरणादायक संकल्प लिए:

  1. “मैं आज से मन, वचन और कर्म से परमात्मा को अपना जीवन समर्पित करती हूँ।”
  2. “मैं सेवा और योग-साधना को अपने जीवन का ध्येय बनाकर यज्ञ की मर्यादाओं में रहूंगी।”
  3. “जहां सेवा का अवसर मिलेगा, वहां प्रसन्नता से जाऊंगी और हर परिस्थिति में ‘हां जी’ की भावना रखूंगी।”

💖 यह दिन बना सौभाग्य का प्रतीक:

संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके करुणा भाई ने कहा, “यह दिन इन बेटियों के जीवन का नया सूर्योदय है। माता-पिता और शिक्षकों ने उन्हें ब्रह्माकुमारी बनने के योग्य बनाया, यह त्याग और तपस्या का प्रतिफल है।” यह समर्पण समारोह आत्मिक शक्ति, आध्यात्मिक संकल्प और परमात्मा से जुड़ाव की सशक्त अभिव्यक्ति है। यह दिन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्पद संदेश देता है कि जब आत्मा परमात्मा से जुड़ती है, तब जीवन एक नई दिशा और उद्देश्य प्राप्त करता है।

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