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राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन के साथ प्रारंभ हुआ सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ
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अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक लोकेश मुनि ने की दादी जानकी को भारत रत्न देने की मांग
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राज्यपाल ने कहा आज मुझे दादी जी का आशीर्वाद लेने का मौका मिला।
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राज्यपाल के साथ शहर के गणमान्य नागरिकों ने भी दीप प्रज्वलित कर इस महाकुंभ को यादगार बनाया।
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सूबे के मुख्यमंत्री ने कहा मैं ईश्वरीय परिवार से 25 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं।
नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि।
20 दिसम्बर 2019
रायपुर, छत्तीसगढ़। राष्ट्रगान और दीप प्रज्वलन के साथ रायपुर स्थित इंडोर स्टेडियम में ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा प्रारंभ हुआ सर्व मंगल आध्यात्मिक महाकुम्भ। इस महाकुंभ में देश के उज्जवल भविष्य के लिए अनेक वक्त्ताओं ने अपने विचार रखें। इस महाकुंभ को संबोधित करते हुए प्रदेश के राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा कि जीवन को सफल बनाने के लिए हर व्यक्ति को सहजता, सरलता, नम्रता और धैर्यता के गुणों को धारण करना चाहिए।

हम भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे भागते रहते हैं, मगर हमारा लक्ष्य शांति की प्राप्ति होना चाहिए। मेरा सौभाग्य है कि मुझे दादी जानकी जी की उपस्थिति में इस कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला। वे ईश्वर के दूत के रूप में इस धरती पर मौजूद है। महिलाओं के अंदर वो शक्ति है जो इस कार्य को बहुत ही सहजता और सरलता से कर सकती है। आगे उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए तनाव और निराशा में आध्यात्मिक ज्ञान अमृत के समान है जो न केवल मानव के मन से तनाव दूर करता है बल्कि उसे शांति के मार्ग पर ले जाता है।
मैंने लोगों के दुख दर्द को करीब से देखा है, मैं हर किसी को सुख और आनन्द के लिए प्रेरित करने की कोशिश करती हूं। मैं इस प्रदेश के लिए बहुत कुछ करना चाहती हूं। आप सभी मुझे आशीर्वाद दें कि मैं छत्तीसगढ़ में ना भी रहूं तो लोग मेरे द्वारा किये गये कार्य को याद रखें। उन्होंने कहा कि आज मनुष्य भौतिकता और विलासिता में सुख और शांति ढूंढ़ रहा है लेकिन उसे यह मालूम नहीं है कि यह सुखी जीवन का आधार नहीं है। सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के साथ ब्रह्माकुमारी संस्था देश – विदेश में स्थित अपने सेवाकेंद्रों के माध्यम से विश्व को एक नई दिशा देने का कार्य कर रही है जो कि सराहनीय है।
नि:स्वार्थ भाव से किए गए कार्य में ईश्वर मददगार होता है
उन्होंने आगे कहा कि दादी जी ने मानव को सुख और शांति का जो मार्ग बताया है वह बहुत ही प्रेरणादायी है। यदि कोई व्यक्ति निस्वार्थ भाव से कार्य करता है तो ईश्वर भी उसकी मदद करता है।
दादी जी का आशीर्वाद हम सभी को मिलता रहे : बघेल
सूबे के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी 104 वर्ष की उम्र में भी सक्रियता किसी चमत्कार से कम नहीं है। इस उम्र में भी उनकी सादगी और विनम्रता हम सबको प्रेरणा देने वाली है। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। आज पूरे देश मे आग लगी है लेकिन उसका असर हमारे प्रदेश में नहीं है। यह संत महात्माओं, ऋषि-मुनियों का प्रदेश रहा है, साथ ही ब्रह्माकुमारी बहनों की तपस्या का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बह्माकुमारी संस्थान छत्तीसगढ़ के कोने-कोने में कार्यक्रम करके शांति फैलाने का कार्य कर रही है। दादी जी सौ साल की उम्र पार चुकी हैं। ऐसे में दादी जी के स्वस्थ्य और लम्बी उम्र की कामना करता हूं कि हम सभी को उनका आशीर्वाद मिलता रहें।
मीठी वाणी के लिए 5 गुण आवश्यक – दादी
ब्रह्माकुमारी संस्था की मुख्य प्रशासिका 104 वर्षीय दादी जानकी ने कहा कि यह जीवन एक यात्रा है। इसमें ना तो किसी को दुख देना है और न ही दुख लेना। मैं केयर, शेयर और इन्सपायर करती हूं। परमात्मा को सिर्फ गॉड ही नहीं उसे भगवान भी कहते हैं। मीठी वाणी हम तभी बोल सकते हैं जब हमारे अंदर आॅनेस्ट, सत्यता, पवित्रता, धैर्यता, नम्रता और मधुरता के गुण होंगे। मनुष्य के जीवन में टेंशन बहुत है ऐसे में अ लगाने से अटेन्शन हो जाता है।
वही नक्षत्र पूजा जाता है जो कार्य सिद्ध करता है

अहिंसा विश्व भारती के संस्थापक डॉ. लोकेष मुनि ने कहा नक्षत्र तो बहुत हैं लेकिन वही नक्षत्र पूजा जाता है जो किसी कार्य को सिद्ध कर दे। लाखों करोड़ों खर्च करके जो कार्य सरकार नहीं कर सकती वह ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है। भारत सरकार से दादी जानकी जी को मैं भारत रत्न देने की मांग करता हूं क्योंकि वह भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की अमूल्य रत्न हैं।
आध्यात्मिक क्रांति की आवश्यकता
माउण्ट आबू से प्रकाशित ज्ञानामृत पत्रिका के प्रधान सम्पादक ब्रह्माकुमार आत्म प्रकाश ने कहा कि देश में राजनीतिक क्रांति, औद्योगिक क्रांति समेत कई क्रांतियां हुई लेकिन आज आध्यात्मिक क्रान्ति की जरुरत है। इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय ने कहा ब्रह्माकुमारी संस्था पूरे विश्व में आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा श्रेष्ठ समाज बनाने की दिशा में कार्य कर रही है।
जो जीवन की धारणाओं में है वही धर्म है

ब्रह्माकुमारी संस्था की प्रयागराज क्षेत्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी मनोरमा बहन ने कहा सर्वे भवंतु सुखिना की संस्कृति में समाया यह देश सर्व की मंगल कामना करता। जो जीवन की धारणाओं में निहित है वही धर्म है। जब हम स्वयं के अंदर झांकने की कोशिश करते हैं तो आत्मा के नैसर्गिक गुण दिखाई देने लगते हैं। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सेवाकेन्द्रों की प्रभारी ब्रह्माकुमारी कमला दीदी समेत कई लोगों ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
दादी की एक झलक पाने को उमड़े हजारों लोग
14 वर्षों बाद छत्तीसगढ़ में आयी दादी जानकी जी को सुनने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। दादीजी की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर लोगों का ताता लगा रहा।
अपने अधिकारियों के साथ देखी नृत्य नाटिका
नन्हे मुन्ने कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका स्वर्णिम भविष्य के शिल्पकार दादी जानकी जी की शानदार प्रस्तुतियों ने लोगों को मंत्र मुग्ध कर दिया। इस नृत्य नाटिका को राज्यपाल ने अनेक अधिकारियों के साथ देखी और इसकी मुक्त कंठ से सराहना की। राज्यपाल के साथ दादी जानकी जी, कमला दीदी सहित संस्थान के अनेक पदाधिकारी मौजूद रहे।

