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कन्यादान से बड़ा न ही कोई दान और न ही कोई पुण्य
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मकर सक्रांति के दिन कन्यादान करना हमारे लिए बहुत बड़े भाग्य की बात
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कन्या के माता-पिता बोले भगवान ने हमारे घर में बेटी देकर हमारा मान बढ़ा दिया
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बाबुल की दुआयें लेती जा…. मधुर गीतों के बीच माता-पिता ने बेटी का हाथ दादी के हाथ में देकर पूरी की कन्यादान की रस्म
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रिश्तेदारों ने कहा कि भगवान ऐसी बेटी सबको दे जो सभी का मान बढ़ाएं
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जोरदार तालियों की गडग़ड़हट के बीच हुआ दादियों और कन्याओं का स्वागत
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डायमण्ड हॉल में आयोजित हुआ दिव्य समर्पण समारोह जिसके साक्षी बनें हम और आप

नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि। 14/01/2020
आबू रोड। सभी के अंतर में बज रही ढोल-बाजे, शहनाइयों और मंजिरों की आवाजों ने हर मानव मन को हर्ष-विभोर कर दिया। जीवन में यह मंगल घड़ी एक ही बार आता है जब हम स्वयं के जीवन को मानव के कल्याण के लिए ईश्वर अर्पण कर जन-जन की सेवा करने का अवसर मिलता है। ब्रह्माकुमारी संस्था के शांतिवन परिसर के डायमण्ड हॉल में आयोजित हुआ दिव्य समर्पण समारोह का कार्यकम। इस समारोह में हजारों लोगों ने भाग लिया। जब कन्या के माता-पिता ने अपनी बेटी का हाथ दादी के हाथ में दिया तब चारों ओर बधाई हो… बधाई हो… का अनहद स्वर गूंज उठा। मकर सक्रांति के अवसर पर आयोजित किया गया यह समर्पण समारोह बहुत ही महत्वपूर्ण था और दान के महत्व को समझाने वाला था।
कोटों में कोई अपना जीवन समर्पित करता है – दादी

संस्था की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी जी अपनी शुभ प्रेरणा देते हुए कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान से हम अपने जीवन को सुखमय और शांतिमय बना सकते हैं। परमात्मा को आज हम भिन्न-भिन्न नाम रूपों से याद करते हैं। यथार्थ रीति से परमात्मा को जानकर व पहचानकर अपना जीवन समर्पित करे वो कोटो में कोई होता है। हम अपना जीवन ऐसा बना लें जिससे हमें हर समय परमात्मा की अनुभूति होती रहे। ऐसी बहनों को मैं बहुत ही खुशी से स्वागत करती हूं।
यह बड़े भाग्य की बात है

संस्था के महासचिव ब्रह्माकुमार निर्वैर भाई ने अपने दिव्य सम्बोधन में कहा कि आज का दिन विशेष उमंग-उत्साह का दिन है। जयंति भाई और मधु बहन ने इतने प्यार से इनकी पालना की है और परमात्मा के कार्य में जीवन सफल करने के लिए प्रेरणा दी है इसके लिए वे पद्मा-पद्म भाग्यशाली हैं। परमात्मा शिव सारे विश्व का पालनहार है। सच्चे आध्यात्मिक ज्ञान के लिए लोग ब्रह्माकुमारी में आते हैं। इतने बड़े संस्थान में समर्पित होकर अपना पार्ट बजाना यह बहुत बड़े भाग्य की बात है। इनके जीवन में वो ही ज्ञान की गहराई व परिपक्वता आ जाए जो आज दादियों में व बड़ी बहनों में है। ये ज्ञान व योग के द्वारा सभी का मार्गदर्शन करती रहें यही हमारी शुभकामना है। इसके पश्चात निर्वैर भाई ने दोनों कन्याओं को शॉल व टोली देकर सम्मानित किया।

सबसे बड़ा दान है कन्यादान

मेहसाना सेवाकेंद्र की संचालिका ब्रह्माकुमारी सरला दीदी ने कहा मकर सक्रांति का यह पावन दिवस पूरे देश में मनाया जा रहा है वहीं दूसरी तरफ लोग दान-पुण्य भी कर रहे हैं। इन सब में सबसे बड़ा दान कन्यादान को माना जाता है। आज वो शुभ दिन आया जब इन कुमारियों का समर्पण समारोह का उत्सव मनाया जा रहा है।

माता-पिता को दिल से धन्यवाद देती हूं

परमात्मा को साक्षी मान, दादियों और उपस्थित जन-समुदाय के बीच समर्पण की प्रतिज्ञा की और कहा कि हमारा समर्पण तो उसी दिन हो गया था जब हम बाबा के बने थे। दादियों और दीदियों की पालना ने मुझे ईश्वरीय जीवन जीने के लिए प्रेरणा दी। हमने अपने माता-पिता को सदा ही मम्मा और बाबा के रूप में देखा है। मुझे इस जीवन के लायक बनाने के लिए मैं अपने माता-पिता को दिल से धन्यवाद देती हूं। वहीं भाविका बहन ने कहा कि आज हमारा ऐसा जीवन बन पाया है तो यह परमात्मा के प्यार से ही हुआ है। इस जीवन के लिए सदा मैं अपने माता-पिता की ऋणी रहूंगी।

सदा सुहागन रहेगी मेरी लाडली

जयंति भाई और मधु बहन ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि आज के शुभ दिन पर हमारे बच्चों ने एक नया इतिहास रच दिया। इस दिन का हमें बहुत वर्षों से इंतजार था। हमारी बच्चियों को इस जीवन के लायक बनाने में दादियों व वरिष्ठ बहनों को मैं दिल से आभार देता हूँ। मकर संक्राति के दिन किए गए दान को महादान माना जाता है और मुझे इसका अवसर मिला, इसके लिए मैं परमात्मा को दिल से धन्यवाद देता हूं। विदाई के दिन सभी के चेहरे गमगीन हो जाते हैं लेकिन इस समारोह में मुझे बहुत खुशी हुई है। मुझे खुशी इस बात की भी है कि हमारी बेटी आज इतने बड़े परिवार के बीच में जा रही है। भगवान ने हमारे घर में बेटी देकर हमारा मान बढ़ा दिया है। मेरी बेटी ने भगवान को अपना वर चुनकर सदा सुहागन का आशीर्वाद ले लिया।
दिव्य समर्पण समारोह के इस कार्यक्रम में ईशु दादी, ब्रह्माकुमार करूणा भाई, ब्रह्माकुमार भूपाल भाई, ब्रह्माकुमार मृत्युंजय भाई, ब्रह्माकुमार मोहन सिंघल भाई, ब्रह्माकुमारी मुन्नी बहन, ब्रह्माकुमारी भारती बहन, ब्रह्माकुमारी शारदा बहन के सहित हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे। सभी आमंत्रित अतिथियों का स्वागत तिलक, गुलदस्ते, चुन्नी, पगड़ी और माला पहनाकर किया गया।





