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आत्मबल बढ़ाकर हम जीवन में सुख-शांति प्राप्त कर सकते हैं
नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि, हरियाणा।
कादमा (हरियाणा) : मानसिक बीमारियों से दूर रहने व भयमुक्त जीवन जीने की कला सिखाता है राजयोग जिससे हमारा समाज स्वस्थ एवं सुखी बन सकता है यह उद्गार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कादमा शाखा में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष में आयोजित कार्यक्रम “राजयोग द्वारा स्वस्थ एवं सुखी समाज” विषय पर सेवाकेंद्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकमारी वसुधा बहन ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आज लोग कोरोना महामारी के भय के साए में जी रहे हैं ऐसे में हम अपने आत्मबल की शक्ति से ही इस भय से मुक्त रहकर दूसरों की सेवा कर सकते हैं क्योंकि राजयोग से हमारी आंतरिक शक्तियों का विकास होता है जिससे आत्मबल बढ़ता है। ब्रह्माकमारी बहन ने कहा की विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार तीस प्रतिशत से भी अधिक मानसिक रोगी कोरोना के नाम से बढ़ गए हैं इसलिए मानसिक शांति के लिए राजयोग के अभ्यास से शक्तिशाली श्रेष्ठ व पवित्र संकल्प लेकर परमात्मा का स्मरण कर आत्मबल बढ़ाना है तभी हम अपने जीवन में सुख शांति आनंद की प्राप्ति कर सकते हैं।
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तभी हम एक स्वस्थ एवं सुखी समाज की संकल्पना कर सकते हैं
इस अवसर पर ब्रह्माकमारी ज्योति बहन ने कहां की राजयोग ध्यान की पद्धति सबसे प्राचीन और हमारी पुरातन संस्कृति है राजयोग ध्यान वह अवस्था है जो व्यक्ति देह भूलकर खुद को आत्मस्वरूप में स्थित करता है। ब्रह्माकुमारी बहन ने मन की शक्ति बढ़ाने के लिए कहा कि सभी अपने घरों में कम से कम 10 मिनट प्रातः वेला में ओम की ध्वनि का उच्चारण करें, भोजन खाते, पानी पीते समय श्रेष्ठ शुद्ध संकल्प करें जिससे हमारे अंदर इम्यूनिटी पावर बढ़ेगी तथा नेगेटिविटी घटेगी तभी हम एक स्वस्थ एवं सुखी समाज की संकल्पना कर सकते हैं।