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मंच पर उपस्थित हैं आमंत्रित अतिथि।

व्यसनमुक्त व स्वच्छ जीवन के संकल्प के साथ मनाया गया विश्वकर्मा दिवस

हाइलाइट्स :-

  • वह दिन दूर नहीं जब विश्वकर्मा के द्वारा पुनः होगी स्वर्ग की स्थापना

  • संस्था में कार्य करने वाले शिल्पकारों के लिए ग्लोबल ऑडोटोरियम में आयोजित हुआ कार्यक्रम

  • विश्वकर्मा दिवस के अवसर पर आबू रोड के तहसीलदार ने दी शुभकामना

  • ब्रह्माकुमार भूपाल भाई ने विश्वकर्मा दिवस की शुभकामना देते हुए कहा – हम सबको मिलकर बनानी है एक नई दुनिया

  • व्यसन मुक्त होकर ही नए समाज का निर्माण संभव

  • अपना जीवन विश्वकर्मा के समान स्वच्छ व व्यसनमुक्त बनाना है

  • शिल्पकार मंदिर, मीनार या स्तंभ के निर्माण के महत्व को न जानने के कारण सिर्फ मजदूरी में ही खुश हो जाते हैं

मंच पर उपस्थित हैं आमंत्रित अतिथि।

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 17-09-21
आबू रोड। ब्रह्माकुमारी संस्था के शांतिवन के प्रबंधक ब्रह्माकुमार भूपाल भाई ने विश्वकर्मा दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि हम परमात्मा के घर में उसके रचे हुए रूद्र यज्ञ में बैठे हैं। अगर हमें सिर्फ यही स्मृति रही तो हमारे कर्म श्रेष्ठ कर्म बन जाएंगे। परमात्मा सबसे बड़ा शिल्पकार है जो ऐसे सुंदर विश्व की रचना कर, देवी-देवताओं की रचना की। विश्वकर्मा दिवस हमें यही स्मृति दिलाता है कि हम सबको मिलकर एक नई दुनिया की रचना करनी है।

शिल्पकारों की सभा को संबोधित करते हुए शांतिवन के प्रबंधक ब्रह्माकुमार भूपाल भाई जी।
शिल्पकारों के लिए आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए संस्था के वरिष्ठ राजयोगी भाई-बहनें।
  • खुद का विश्वकर्मा बनें…

शिव आमंत्रण के संपादक ब्रह्माकुमार कोमल भाई ने शिल्पकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि व्यसन मुक्त होकर ही हम नए समाज की स्थापना का कार्य कर सकते हैं। सर्वप्रथम हम खुद का विश्वकर्मा बनकर अपना जीवन श्रेष्ठ बनाएं। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन से जो भी बुराइयां है उसका त्याग करें व दूसरों को भी इसकी प्रेरणा दें। वर्तमान समय खुद का जीवन श्रेष्ठ बनाने का समय है।

विश्वकर्मा दिवस की शुभकामना देते हुए ब्रह्माकुमार कोमल भाई।
  • दादी ने विदेशों में भारत की संस्कृति का परचम फहराया…

विश्वकर्मा दिवस की शुभकामना देते हुए राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी हंसा दीदी जी।

राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी हंसा दीदी ने कहा दादी ने हम सबको यही सिखाया है कि आप जहां भी रहो – स्वच्छता और सफाई से रहो। यही विश्वकर्मा का भी संदेश है। दादी जब विदेशों में जाती थी तो वहां के लोंगो को भारत की रस्मों-रिवाज और संस्कृति के बारे में बताती थी और कहती थी कि परमात्मा इस धरती पर आकर स्वर्ग बनाने का कार्य कर रहा है।

  • आपके कुशल हाथों से होनी है स्वर्ग की रचना…

राजयोग शिक्षिका व मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्माकुमारी कविता दीदी ने शिल्पकारों को धन्यवाद देते हुए कहा कि स्वर्ग की रचना आप सबके कुशल हाथों से होनी है। सदा यह स्मृति रहे कि हम सभी विश्वकर्मा के रूप हैं। हमें अपने जीवन को विश्वकर्मा के समान श्रेष्ठ बनाना है। इसलिए जरूरी है कि हम व्यसनमुक्त जीवन व्यतीत करें।

संस्था में कार्य करने वाले शिल्पकारों को सम्बोधित करते हुए राजयोग शिक्षिका व मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्माकुमारी कविता बहन।
  • कर्म के साथ भावना मिलने से बनता है विश्वकर्मा

विश्वकर्मा ग्रुप के संयोजक ब्रह्माकुमार कीर्ति भाई ने विश्वकर्मा दिवस मनाएं जाने के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि जो विश्व के लिए कार्य करता है वही विश्वकर्मा कहलाता है। उन्होंने कहा कि जब हम कोई स्तंभ, मंदिर या मीनार का निर्माण करते हैं तो हम बस अपनी मजदूरी लेकर चले जाते हैं। उसके महत्व को न जानने के कारण ही हम उससे कोई प्रेरणा नहीं लेते हैं। जिससे हमारे जीवन में कोई बदलाव भी नहीं आता है। हम अपनी भावना को कर्म के साथ जोड़ लें तो हमारा जीवन भी विश्वकर्मा जैसा बन जाएगा।
मंच का कुशल संचालन करते हुए शांतिवन रोटी डिपार्टमेंट के ब्रह्माकुमार भानू भाई ने अपनी प्रेरणादायी बोल से सभी को उमंग-उत्साह से भर दिया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ राजयोगी भाई-बहनों के द्वारा शिल्पकारों को शॉल व गुलदस्ता भेंटकर सम्मान किया गया।

कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए विश्वकर्मा ग्रुप के संयोजक बीके कीर्ति भाई।

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