हाइलाइट्स :-
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दादी ने कहा / हमें इस विश्व से अज्ञान अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रौशनी फैलाने वाला दीपक बनना है
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मुन्नी दीदी ने कहा/ जीवन में आगे बढ़ना है तो सबको सुख दो और सबकी दुआएं लो, यही सुखी जीवन का आधार है
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मुन्नी दीदी के 73 वें जन्मदिवस को संस्था के परिसर में बहुत ही उमंग-उत्साह से मनाया गया
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डायमण्ड हॉल में दीपावली के साथ मनाया गया मुन्नी दीदी का जन्मदिवस
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स्टेज पर पहुंचते ही मुन्नी दीदी का करतल ध्वनि से हुआ स्वागत
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डायमण्ड हॉल में दीप प्रज्ज्वलित कर व केक काटकर मनाया गया दीपावली का त्योहार
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दीपावली पर्व से है यज्ञ की स्थापना का गहरा सम्बन्ध
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संस्था के महासचिव बीके निर्वैर भाई ने मुन्नी दीदी को दी जन्मदिवस की बधाई
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राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा चंद्रमुखी ने भी मुन्नी दीदी को जन्मदिवस की दी बधाई
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मुन्नी दीदी को संस्था के मैनेजमेंट कमेटी के सदस्यों की ओर से दी गई जन्मदिवस की बधाई

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 2-11-2021
आबू रोड। ब्रह्माकुमारी संस्था के शांतिवन परिसर के डायमण्ड हॉल में दीप प्रज्ज्वलित कर दीपावली का त्योहार मनाया गया। इस विशेष दिन के अवसर पर संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी का भी जन्मदिवस मनाया गया। यह दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि दीपावली के दिन ही ब्रह्मा बाबा के द्वारा निराकार परमात्मा शिव ने रूद्र गीता ज्ञान यज्ञ की स्थापना की और इसी दिन यज्ञ की सभी वरिष्ठ दादियों का समर्पण भी हुआ था। इसलिए दीपावली का त्योहार ब्रह्माकुमारी संस्था के लिए बहुत मायने रखता है। दिवाली आने के कई दिन पूर्व से ही संस्था के सभी परिसरों को आकर्षक रंग-बिरंगी लाड़ियों के द्वारा सजाया गया है।


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नए युग की स्थापना का यादगार है दीपावली – दादी

जन्मदिवस और दीपावली का मुख्य त्योहार डामण्ड हॉल में मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने यज्ञ की स्थापना दिवस और दीपावली पर्व की शुभकामना देते हुए कहा दीपावली नए युग की स्थापना का यादगार है। किसी भी संस्था को चलाने के लिए अवस्था और व्यवस्था का होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। हमें इस विश्व से अज्ञान अंधकार को मिटाकर ज्ञान की रौशनी फैलाने वाला दीपक बनना है।
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सतयुग से भी श्रेष्ठ है संगमयुग का समय

ज्ञान सरोवर की डायरेक्टर व संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका डॉ.निर्मला दीदी ने कहा धनतेरस के साथ ही दीपावली का त्योहार प्रारंभ हो जाता है। दीपावली का त्योहार हम यज्ञ की स्थापना और दादियों के समर्पण के रूप में मनाते हैं। सतयुग में सबकुछ होगा लेकिन वहां परमात्मा (बाबा) हमारे साथ नहीं होगा। इसलिए संगमयुग का समय सतयुग से भी श्रेष्ठ है। इस संगमयुग पर दीपावली का त्योहार मनाने की सबको बधाई हो।
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मैनेजमेंट कमेटी की ओर से जन्मदिवस की बधाई देता हूं

ब्रह्माकुमारी संस्था के मल्टी मीडिया डिवीजन के अध्यक्ष बीके करूणा भाई ने दीपावली पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए बहुत ही विशेष दिन है। हमें यह देखकर बहुत खुशी होती है कि जिस तरह से दादी ने यज्ञ को संभाला है उसी तरह से आज मुन्नी बहन यज्ञ को संभाल रही है। मैं मैनेजमेंट कमेटी की ओर से मुन्नी बहन को जन्मदिवस की शुभकामना देता हूं।
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आप सभी लोगों के विश्वास ने मुझे यज्ञ संभालने की जिम्मेवारी दी

संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में दीपावली की बधाई देते हुए कहा आज हम अपना 73 वां जन्मदिवस मना रहे हैं। उन्होंने दादी के साथ बिताए हुए दिनों को याद करते हुए कहा कि हम सन् 1969 में ही इस संस्था में आ गई थी। मैंने दादियों की ऊंगली पकड़कर इस अध्यात्म के मार्ग पर चलना सीखा। आज दादियों के साथ-साथ आप सभी लोगों के विश्वास ने मुझे यज्ञ संभालने की जिम्मेवारी दी। मैं अपने अनुभव से कहती हूं कि जीवन में आगे बढ़ना है तो सबको सुख दो और सबकी दुआएं लो। यही सुखी जीवन का आधार है।


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दीपावली के साथ ही यज्ञ की स्थापना दिवस मनाया जाता है

राजयोग शिक्षिका उषा दीदी ने कहा कि दीपावली के पर्व को विजय पर्व और अलोक पर्व भी कहा जाता है। इसी दिन दादी प्रकाशमणि जी यज्ञ में समर्पित हुई थी। दीपावली के दिन ही ब्रह्मा बाबा ने कन्याओं के लिए बोर्डिंग स्कूल की स्थापना की और इसी दिन यज्ञ का स्थापना दिवस भी मनाया जाता है। इस तरह से दीपावली का त्योहार ब्रह्माकुमारी संस्था के लिए बहुत ही विशेष त्योहार है।
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ज्ञान के आधार से सतयुग में प्राप्त करते हैं उच्च पद
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी ने मुन्नी दीदी के जन्मदिवस और दीपावली की बधाई देते हुए कहा कि परमात्मा मुरली के माध्यम से हमें जो ज्ञान देते हैं उसके आधार से सतयुग में उच्च पद प्राप्त होता है। दीपावली का पर्व एक दिन का नहीं बल्कि पूरे वर्ष मनाने का त्योहार है।
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भगवान के दिलतख्त के अधिकारी बन जाते हैं…

वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके शीलू दीदी ने कहा कि हम मुन्नी दीदी वे जन्मदिवस के साथ ही यज्ञ की स्थापना का 86 वां दिवस मना रहे हैं। हम अपने अच्छे कार्यों से भगवान का दिल जीत कर उसके दिलतख्त के अधिकारी बन जाते हैं।
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इस बार डबल खुशी है…

ज्ञानमृत के संपादक बीके आत्मप्रकाश ने कहा कि हमने जीवन में कितनी ही बार दीपावली मनाई है लेकिन इस बार डबल खुशी है कि हम बीके मुन्नी दीदी के जन्मदिवस के साथ ही दीपावली का त्योहार मना रहे हैं। इस अवसर पर हम सभी को मुबारकबाद देते हैं।
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बदलाव के दौर से गुजर रहा है पूरा विश्व

शिक्षा प्रभाग के उपाध्यक्ष व संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई ने कहा कि दीपावली का त्योहार पूरे विश्व में एक नया इतिहास रच रहा है। एक तरफ अयोध्या में दीपावली मनाकर इतिहास रचा जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा भी स्वर्णिम दुनिया की झलक दिखाकर इतिहास रचा जा रहा है। आज पूरा विश्व बदलाव के दौर से गुजर रहा है।


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पुष्प गुच्छ भेंटकर की लम्बी उम्र की कामना..
बीके मुन्नी दीदी के 73 वें जन्मदिवस को संस्था के परिसर में बहुत ही उमंग-उत्साह से मनाया गया। साथ में यज्ञ की स्थापना और दीपावली का त्योहार होने के कारण यह दिवस और भी विशेष हो गया। मुन्नी दीदी को जन्मदिवस की बधाई देने के लिए दादी कॉटेज में सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। जो डायमण्ड हॉल में भी देखने को मिला। यहां भी लोगों ने मुन्नी दीदी को जन्मदिवस की बधाई दी और उनकी लम्बी उम्र की कामना की। बधाई देने वालों में मुख्य रूप से शांतिवन के प्रबंधक बीके भूपाल भाई जी, बीके गोपाल भाई, बीके मोहन सिंघल, बीके रूक्कमणी दीदी, बीके शशी बहन, डॉ.सविता बहन, मुम्बई से डॉ.अशोक मेहता, डॉ.सतीश गुप्ता, दादी कॉटेज के बीके प्रकाश भाई, आवास-निवास स्टोर के प्रबंधक बीके श्रीनिवास भाई, आवास-निवास के बीके देव भाई, राजयोग शिक्षिका बीके प्रवीणा बहन, बीके शालिनी बहन, बीके नीलू बहन, बीके कविता बहन, शिव आमंत्रण के संपादक बीके कोमल भाई सहित अनेक वरिष्ठ राजयोगी भाई-बहनों ने मुन्नी दीदी को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम का कुशल संचालन वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके ऊषा दीदी और बीके सुधीर भाई ने किया। इससे पूर्व सभी अतिथियों सहित मुन्नी दीदी का स्वागत तिलक, पुष्पहार, गुलदस्ते, चुन्नी व ताज पहनाकर किया गया। इसके साथ ही अहमदाबाद मेमनगर से आई कुमारियों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर सभी को भाव-विभोर कर दिया।
