भाई दूज के अवसर पर आओ लगाएं आत्म-स्मृति का तिलक कार्यक्रम का आयोजन

हाइलाइट्स :-

  • हमारा प्राचीन और पुरातन धर्म है आदि सनातन देवी-देवता धर्म

  • हमारा प्राचीन और पुरातन धर्म है आदि सनातन देवी-देवता धर्म

  • बुंदेलखंड में प्रथा है कि भटकटाई का पौधा लाकर उसे दरवाजे पर कुचला जाता है मतलब जीवन में जो छोटी-छोटी बातें हमें कांटे की तरह चुभती रहती है उसे हम अपनी दृढ़ता से निकाल फेंके

नवयुग टाइम्स, संवादाता, मध्यप्रदेश
बीना, मंडी बामोरा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के बीना और मंडीबामोरा सेवाकेंद्र पर पांच दिवसीय दीपोत्सव त्योहार के तहत भाई दूज के अवसर पर आओ लगाएं आत्म-स्मृति का तिलक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के तहत बीना में बीके सरोज दीदी और मण्डी बामोरा में बीके जानकी दीदी ने भाई-बहनों को तिलक लगाकर भाई दूज का आध्यात्मिक महत्व बताया और कहा कि आज के दिन बुंदेलखंड में प्रथा है कि भटकटाई का पौधा लाकर उसे दरवाजे पर कुचला जाता है। मतलब जीवन में जो छोटी-छोटी बातें हमें कांटे की तरह चुभती रहती है उसे हम अपनी दृढ़ता से निकाल फेंके। विश्व की सभी आत्माओं के पिता परमपिता परमात्मा ही हैं, इस नाते हम हम सभी आपस में आत्मिक रूप से भाई-भाई हैं। हमारा प्राचीन और पुरातन धर्म आदि सनातन देवी-देवता धर्म है। पुरातन संस्कृति में भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र माना गया है। वहीं बीके रिया बहन ने सभी का मुख मीठा कराते हुए सदा मीठी वाणी बोलने का संकल्प कराया।

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