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ब्रह्माकुमारी संस्था का वड़ोदरा स्थित अटलादरा सेवाकेंद्र आत्मचिंतन भवन।

वड़ोदरा के अटलादरा में बना है मधुबन के चार धाम

हाइलाइट्स :-

  • चार धाम के साथ बना है मम्मा और दादी का कमरा

  • बीके अरूणा दीदी ने बताया चार धाम बनने के पीछे की कहानी

  • परमात्मा की मदद का उदाहरण बना बड़ौदा का अटलादरा सेवाकेन्द्र

  • अमृतवेले परमात्मा को भोग लगाने के साथ शुरू होती है यहां की अध्यात्मिक दिनचर्या

  • द्वादश ज्योतिर्लिंगम, 50 फीट उंचा शिवलिंग और डिजिटल आर्ट गैलरी बनाने की है योजना

  • लॉक डाउन के दौरान सेवाकेंद्र के द्वारा हुई विशेष सेवा

  • विशेष सेवा बनी उन्नती का आधार

ब्रह्माकुमारी संस्था का वड़ोदरा स्थित अटलादरा सेवाकेंद्र आत्मचिंतन भवन।

नवयुग टाइम्स, बड़ौदा संवादाता, गुजरात 17/11/2021

सेवाकेंद्र की सह-संचालिका बीके पूनम दीदी की विशेष रिपोर्ट।
वड़ोदरा, गुजरात। बह्माकुमारी संस्था के बहुत ही कम सेवाकेंद्रो पर मधुबन के चार धाम देखने को मिलते हैं। और साथ में मम्मा और दादी का कमरा भी बना हो, ऐसा कहीं देखने को नहीं मिलता है। लेकिन बड़ौदा के अटलादरा सेवाकेन्द्र में मधुबन की तरह चार धाम तो बनाए ही गए हैं साथ में मम्मा और दादी का कमरा भी बनाया गया है। जो कि यहां आकर्षण का मुख्य केंद्र बना हुआ है। यहां दूर – दूर से आने वाले भाई – बहनों को मधुबन के चार धाम जैसी अनुभूति होती है।

सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी अरूणा दीदी।

सेवाकेंद्र प्रभारी बीके अरुणा दीदी ने विशेष भेटवार्ता में बताया कि यहां स्टैच्यू ऑफ यूनिटी होने के कारण अक्सर भाई बहनों का आना जाना लगा ही रहता है। इस कारण से अचानक ही एक दिन मेडिटेशन में बैठे हुए संकल्प आया कि यहां इतने सारे भाई – बहनें आते हैं तो क्यों ना यहां मधुबन के चार धाम बना दिए जाए जिससे की लोगों को यहां भी मधुबन जैसे वातावरण की अनुभूति हो। इसे परमात्मा का चमत्कार ही कहें कि अटलादरा सेवाकेंद्र एक छोटे से स्थान से सेवा का मुख्य स्थान बन गया। उन्होंने आगे कहा कि सेवाकेंद्र के आसपास की जमीन इतनी महंगी थी कि हम खरीद नहीं सकते थे। लेकिन विधि का विधान कुछ ऐसा बना की लोगों ने आगे आकर स्वयं कहा कि दीदी हमारी जगह आप ईश्वर सेवार्थ बनाओ, इसकी आप जो कीमत देंगे वह हम ले लेंगे। तो इस तरह से बाबा ने यह जगह सेवाकेंद्र को दिलाई। तब मुझे ऐसा अनुभव हुआ कि जैसे परमात्मा ने इन्हें स्वयं भेजा हो, नहीं तो करोड़ो की संपत्ति इतनी सहजता से सेवाकेंद्र को नहीं मिल पाती। आगे की योजना के बारे में बताते हुए कहा कि आगे चलकर यहां द्वादश ज्योतिर्लिंगम, 50 फीट उंचा शिवलिंग और डिजिटल आर्ट गैलरी बनाने की योजना है जिससे कि लोगों को परमात्मा का सत्य परिचय सहजता से मिल सके। इसके लिए सेवाकेंद्र के पास में ही जमीन मिल चुकी है।
इस दौरान ब्रह्माकुमारी संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका एवं व्यापार उद्योग प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके गीता दीदी भी उनके साथ रहीं। उन्होंने भी अपने जीवन के अनुभव लोगों के साथ साझा किए।

मम्मा और दादी का कमरा।
बाबा की झोपड़ी।
बाबा की झोपड़ी के अंदर का दृश्य।
हिस्ट्री हॉल।
शांति स्तंभ।

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