हाइलाइट्स:-
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बीके गीता दीदी के समर्पित जीवन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर अटलादरा सेवाकेंद्र में मनाया स्वर्ण जयंति समारोह
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वड़ोदरा भाजपा के अध्यक्ष ने बीके गीता दीदी को दी स्वर्ण जयंति की शुभकामना
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उद्योगपति राजनभाई शाह ने भी दी शुभकामना
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दीप प्रज्ज्वलित कर व केक के द्वारा मुख मीठा कराकर मनाया स्वर्ण जयंति समारोह
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बीके गीता दीदी के आध्यात्मिक जीवन के 50 वर्षों के सफर को नृत्य नाटिका के माध्यम से दिखाया
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दिवाली के 15 दिनों के बाद गुजरात में मनाई जाती है देव दिवाली
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बचपन की मधुर यादों ने समारोह में बिखेरी खुशी के इंद्रधनुषी रंग
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सेवाकेंद्र प्रभारी बीके अरूणा दीदी से बीके गीता दीदी के संग बिताए हुए क्षणों को सुनकर हरेक के चेहरे खुशी से मुस्काए
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बीके अरूणा दीदी ने कहा – बीके गीता दीदी समर्पित जीवन के महत्व को अपने जीवन से सिखाया
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गीता दीदी के प्रेरणादायी बोल ने समारोह में किया उमंग-उत्साह का संचार


नवयुग टाइम्स, संवादाता, गुजरात 19-11-21
वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी के स्वर्ण जयंति के अवसर पर वडोदरा, अटलादरा सेवाकेंद्र की सह-संचालिका बीके पूनम बहन की विशेष रिपोर्ट –
वड़ोदरा, अटलादरा, गुजरात। ब्रह्माकुमारीज संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका व व्यवसाय प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका ब्रह्माकुमारी गीता दीदी के आध्यात्मिक जीवन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर अटलादरा सेवाकेंद्र द्वारा दीदी जी का स्वर्ण जयंति समारोह मनाया गया। इस अवसर पर शहर के गणमान्य नागरिकों के साथ-साथ संस्था से जुड़े भाई-बहन भी उपस्थित थे। सभी ने दीदीजी को स्वर्ण जयंति की हार्दिक बधाई दी और उनके दीर्घायु जीवन की कामना की। अटलादरा सेवाकेंद्र के भाई-बहनों की ओर से उन्हें 50 फूलों का हार पहनाकर स्वागत किया गया। इससे पूर्व सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी अरूणा दीदी और सह-संचालिका ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी द्वारा उन्हें तिलक, गुलदस्ता, ताज और चुन्नी ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इसके साथ ही राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी के साथ संस्था के मुख्यालय माउण्ट आबू से आए भाई-बहनों का तिलक व गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया गया।
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महान आत्माओं का जन्मदिवस मनाने का अवसर मिला…

इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित वड़ोदरा भाजपा के अध्यक्ष डॉ विजयभाई शाह ने दीदीजी को आध्यात्मिक जीवन के 50 वर्ष पूर्ण होने पर नगरवासियों की ओर से उन्हें जन्मदिवस की व स्वस्थ जीवन की शुभकामना देते हुए कहा कि गुजरात कला की नगरी के साथ-साथ संस्कृति की भी नगरी है लेकिन अब ब्रह्माकुमारी अरूणा बहन के आ जाने से यह अध्यात्म की भी नगरी बन गई। आगे उन्होंने कहा कि आज के दिन देव दिवाली भी है, गुरूनानक देव की भी जयंति है तो रानी लक्ष्मीबाई की भी जयंति है। इसलिए यह जन्मदिवस और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। ईश्वरीय सेवा का अवसर मिलना भी श्रेष्ठ भाग्य बनाता है।

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तभी मैंने आध्यात्मिक मार्ग को चुना – बीके गीता दीदी
ब्रह्माकुमारी संस्था की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका व व्यवसाय प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके गीता दीदी ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि हमारे पिताजी तालुका विकास अधिकारी थे उनमें इतना उमंग था कि वे जहां-जहां जाते थे वहां प्रोजेक्टर के माध्यम से परमात्मा का सत्य ज्ञान अवश्य देते थे। हमारे माता और पिताजी ने खुशी-खुशी हमें ईश्वरीय जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। स्कूल के दिनों को याद करते हुए कहा कि मैंने बोर्ड की परीक्षा के बाद एक मास में ही मैंने 1965 से 1972 तक की ज्ञानामृत पूरी पढ़ डाली। इससे हमारा निश्चय और भी पक्का हो गया और दिल ने कहा यही सच्चा ज्ञान है। तभी मैंने आगे की पढ़ाई न कर आध्यात्मिक मार्ग के सफर को चुना। आगे कहा कि हमें व्यक्ति विशेष बनकर नहीं रहना है। हमंे परमात्मा को प्रत्यक्ष करने के निमित्त बनना है।
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दीदी की बताई हुई बातों को नुस्खे की तरह यूज करते हैं…

सबजोन मंगलवाडी सेवाकेंद्र की प्रभारी ब्रह्माकुमारी राज दीदी ने बीके गीता दीदी को जन्मदिवस की कोटि-कोटि बधाई देते हुए कहा कि हमें वड़ौदा में रखने के निमित्त भी गीता दीदी ही बनी। उन्होंने यहां के लोगों के स्वभाव, संस्कार, व्यवहार और संस्कृति के बारे में बताया जो कि मुझे आज भी याद है। हम दादी के नुस्खे की तरह दीदी की बताई हुई बातों को यूज करते हैं। दीदी ने श्वांसों-श्वांस सेवा में सफल कर अपने जीवन को हीरे तुल्य बनाया है। हम उनके स्वस्थ जीवन की शुभकामना करते हैं।
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हम जैसी अनेकों बहनों के जीवन को संवारा…

अटलादरा सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारीअरूणा दीदी ने बीके गीता दीदी के स्वर्ण जयंति पर उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम अपने टीचर बहन का 50 वां स्वर्ण जयंति मना रहे हैं। आगे उन्होंने कहा कि हमने बचपन से ही गीता दीदी की पालना ली है। इसलिए हमारे परिवार के उपर उनका बहुत ऋण है। आज हमें दीदी का गोल्डन जुबली मानाकर उस ऋण को चुकाने का अवसर मिला। हमें सतयुग में चलना है तो हमारा हर कर्म परफेक्ट होना चाहिए और इसकी कला हमें दीदी ने सिखाई है। दीदी ने हम जैसी अनेकों बहनों का जीवन संवारा है व अध्यात्म के मार्ग पर लाने के निमित्त बनी है।


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सांस्कृतिक प्रस्तुति ने किया मंत्रमुग्ध
राजयोग शिक्षिका बीके गीता दीदी के स्वर्ण जयंति के अवसर पर अटलादरा सेवाकेंद्र की कुमारी हिनल और कुमारी वैष्णवी ने स्वागत नृत्य कर मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं तनु बहन और राजेश भाई के द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य नाटिका ने गीता दीदी के आध्यात्मिक सफर से रूबरू कराया। विनय नृत्य कला केंद्र समूह के द्वारा प्रस्तुत की गई नृत्य ने भारत की दैवी संस्कृति को दर्शाया। संस्था के मुख्यालय माउण्ट आबू से आए बीके नितिन भाई ने परमात्मा के याद के गीत गाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंच का कुशल संचालन अटलादरा सेवाकेंद्र की सह-संचालिका बीके पूनम बहन और जयपुर की बीके हेतल बहन ने किया।


