हाईलाइट्स –
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आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा दया एवं करूणा विषय पर शांतिवन में पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन का शुभारंभ
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राष्ट्रपति भवन प्रजातंत्र का मंदिर के सामान है
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भारत के राष्ट्रपति का निर्णय पूरे विश्व के लिए संदेश
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आध्यात्मिक मंच पर राजनेताओं ने दिल खोलकर रखी अपनी बात
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पांच विकारों से ग्रसित व्यक्ति में दया और करूणा के भाव जागृत नहीं हो सकते हैं – बीके बृजमोहन
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आज समाज में बेटियों की पहली जरूरत सुरक्षित सफर की है
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बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं को धरातल पर उतारने का एक छोटासा प्रयास हमने अपने जीवन में किया है – कुंडू
नवयुग टाइम्स, संवादाता राजस्थान 23/09/22
आबू रोड, शांतिवन। ब्रह्माकुमारी संस्था के राजनीतिज्ञ प्रभाग द्वारा शांतिवन परिसर में स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में देशभर से आए हुए सांसदों, विधायकों, पार्षदों और विभिन्न पार्टियों के पदाधिकारियों के लिए पांच दिवसीय राजनेता सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। इस सम्मेलन में सांसदों, विधायकों ने अपने द्वारा किए गए कार्यों के साथ-साथ नए भारत की तस्वीर भी रखी। अगर आने वाले वर्षों में देखा जाए तो यह अनुभव होता है कि आज हमारा देश बदल रहा है, लोगों की सोच बदल रही है, देखने का नजरिया बदल रहा है। यही तो है बदलते हुए भारत की तस्वीर।

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लेकिन आज हमारा देश बदल रहा है…
समेलन के स्वागत सत्र को सम्बोधित करते हुए भिंड सांसद संध्या राय ने कहा आज से अगर हम 25 वर्ष पहले की बात करें तो तब की राजनीति में महिलाओं को आगे आना शायद संभव नहीं था। लेकिन आज मेरा देश बदल रहा है। इसमें कोई दो राय नहीं है। आज सरपंच से लेकर देश में कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्री, जैसी अनेक महत्वपूर्ण पदों को महिलाएं संभाल रही है। अगर हम राजनीति के क्षेत्र से बाहर भी जाएं तो वहां भी नारी शक्ति काम कर रही है। महिलाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आज से 25 साल बाद के भारत की जो हम कल्पना सोच रहे हैं कि पूरा विश्व ही भारत होगा।

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राजनेता के हाथ में है देश का भाग्य
संस्थान के अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार बृजमोहन भाई ने सम्मेलन का लक्ष्य बताते हुए कहा व्यक्ति के सेलेक्शन में त्रुटि रह सकती है लेकिन परमात्मा के सेलेक्शन में कोई त्रुटी नहीं रहती है। कुछ सोचकर ही परमात्मा ने आप सभी को यहां बुलाया है। दया और करूणा में बहुत बड़ी शक्ति है। राजनेता के हाथ में देश का भाग्य होता है। पांच विकारों से ग्रसित व्यक्ति में दया और करूणा के भाव जागृत नहीं हो सकते हैं। इसके लिए हमें आत्मिक स्वरूप की पहचान होना जरूरी है। दया एवं करूणा आत्मा में होती है इसलिए आत्मा का सशक्तिकरण किया जाना चाहिए। राजनेताओं को आध्यात्मिकता का संदेश देने के लिए ही यह सम्मेलन आयोजित किया गया है।

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बेटियों की पहली जरूरत है सुरक्षित सफर की…
हरियाणा के मेहम से आए विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि सेवाभाव को आदर्श मानकर मैं राजनीति के क्षेत्र में आया हूं। क्या हम वो सोच लेकर राजनीति कर रहे हैं जिसका लक्ष्य राजनीति का मतलब होता है। बसों पर चढ़ते समय जो दुर्दशा मैंने बहनों की देखी, तभी हमारे दिमाग में संकल्प आया कि आज समाज में बेटियों की पहली जरूरत सुरक्षित सफर की है। तभी मैंने निर्णय लिया कि तीन बसें मैं फ्री में लड़कियों को कॉलेज जाने के लिए चलाऊंगा। आज मुझे गर्व है कि हमने जो छोटासा संकल्प लिया था बहनों को आगे बढ़ाने और पढ़ाने का उसकी वजह से 90 प्रतिशत बहनें उच्च शिक्षा ले रही है। प्रधानमंत्री का सपना है बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओं। उसको धरातल पर उतारने का एक छोटासा प्रयास हमने अपने जीवन में किया है।

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सब नीतियों की जननी है राजनीति
नेपाल की पूर्व मंत्री आरती पैडोल ने कहा कि सब नीतियों की जननी राजनीति है। इसे स्वच्छ बनाने का दायित्व हम सभी पर है। राजनीति में दया और करूणा के समावेश से ही नए समाज का निर्माण होगा।

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राष्ट्रपति का निर्णय पूरे विश्व के लिए संदेश
मैसूर के पूर्व सांसद सीएच विजयशंकर ने कहा जब आध्यात्मिक मूल्यों से संपन्न कोई व्यक्ति शीर्ष पदों पर आसीन होता है तब समाज में जो बदलाव होता है उसका साक्षी इतिहास बनता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण वर्तमान समय हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म हैं। जिनके एक निर्णय ने राष्ट्रपति भवन में मांसाहार बंद करा दिया और यही कहा राष्ट्रपति भवन प्रजातंत्र का मंदिर के सामान है। ऐसा ऐतिहासिक निर्णय आध्यात्मिक सत्ता ही ले सकती है जिसमें सर्व का कल्याण समाया होता है।

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देश के आधार होते हैं राजनेता
राजनीतिज्ञ सेवा प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी ने कहा कि राजनेता देश के आधार होते हैं। आपके एक शुभ और श्रेष्ठ निर्णय से लाखों लोगों को लाभ मिलता है।
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नई राह पर ले जाने का संकल्प लेकर जाएं
प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका ब्रह्माकुमारी ऊषा दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि यहां से समाज और देश को नई राह पर ले जाने का संकल्प लेकर जाएं। मंच का कुशल संचालन मैसूर के बीके रंगनाथ भाई ने किया। बीके अर्चना बहन और बीके युगरत्न भाई ने मधुर गीतों की प्रस्तुति देकर मंत्रमुग्ध कर दिया। मैसूर की बीके मंजुला बहन के साथ अनेक बहनों ने सभी अतिथियों को तिलक, बैज, गुलदस्ता, माला व शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया।
