हाईलाइट्स –
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राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज द्वारा आयोजित आध्यात्मिक सशक्तिरण से स्वर्णिम भारत का उदय सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर किया उद्घाटन
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राष्ट्रपति के मंच पर पहुंचने के साथ राष्ट्रगान से प्रारंभ हुआ सम्मेलन राष्ट्रगान के साथ हुआ समाप्त
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू झारझंड का राज्यपाल रहते हुए दो बार और माउंट आबू सात बार आ चुकी हैं
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जीवन के प्रारंभिक दिनों से है राष्ट्रपति को अध्यात्म और योग-साधना के प्रति विशेष लगाव
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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रस्तुत किया 2047 का विजन
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सिकंदराबाद और इंदौर के रिट्रीट सेंटर का वर्चुअल किया शुभारंभ
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महिलाओं द्वारा संचालित विश्व के सबसे बड़ा संस्थान है ब्रह्माकुमारीज – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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अध्यात्म ही वो प्रकाश पुंज है जो पूरी मानवता को सही राह दिखा सकता है – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
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पंजाब से आए कलाकारों ने वन गॉड वन वर्ल्ड फैमिली गीत पर नृत्य की दी प्रस्तुति
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कार्यक्रम के पूर्व राष्ट्रपति ने संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी गुलजार के स्मृति में बने अव्यक्त लोक पर पहुंचकर श्रद्धासुमन अर्पित किए
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 03/01/23
आबू रोड, शांतिवन। ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के तहत आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वर्णिम भारत का उदय विषय पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा ब्रह्माकुमारी संस्था शांति और आनंद के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है। अध्यात्म ही वो प्रकाश पुंज है जो पूरी मानवता को सही राह दिखा सकता है। मेरा मानना है कि अमृत काल में 2047 के स्वर्णिम भारत के लिए आगे बढ़ते हुए हमारे देश को विश्व शांति के लिए विज्ञान और अध्यात्म दोनों का उपयोग करना होगा। आगे उन्होंने कहा ब्रह्माकुमारीज संस्थान के विभिन्न सेवाकेन्द्रों पर जो अध्यात्म शक्ति प्राप्त होती है उसका ज्वलंत उदाहरण यह है कि एक समय मैं स्वयं अंधकारमय जीवन की ओर अग्रसर हो गई थी। मेडिटेशन और ध्यान योग के माध्यम से मुख्य धारा में लौटी।
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महिलाओं को शक्ति बनकर आगे आना होगा…
राष्ट्रपति मुर्मु ने देश में महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि आज देश में बहनों और बेटियों के साथ जो घटनाएं हो रहीं ऐसे में उन्हें शक्ति स्वरूप बनकर आगे आना होगा। ब्रह्माकुमारी बहनें-बेटियां लोगों के अंदर सतोगुण जागृत करने के लिए जागरूक करने का कार्य करें। ब्रह्माकुमारी बहनों लोगों में प्रेम, शांति और आत्मीयता को भरने और उनके अंदर विकारों को समाप्त करने का कार्य कर रही हैं।
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कलियुग की मानसिकता को खत्म कर सतयुग की मानसिकता का आह्वान करना होगा…
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा युद्ध और कलह के वातावरण में विश्व समुदाय समाधान के लिए भारत की ओर देख रहा है। हमें कलियुग की मानसिकता को खत्म करना होगा और सतयुग की मानसिकता का आह्वान करना होगा। इसके लिए हम सबको मन में सत्वगुण को अपनाने का प्रयास करना होगा। मैं संस्थान के संस्थापक ब्रह्मा बाबा को नमन करती हूं और धन्यवाद देती हूं कि महिलाओं को पूरे विश्व में शांति और शक्ति प्रदान करने के लिए उनके सिर पर कलश रखा है। ब्रह्मा बाबा ने जिस तरह महिलाओं को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई, वैसे अन्य संस्थानों को भी प्रयास करना होंगे।
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शांति के लिए विज्ञान और अध्यात्म दोनों का उपयोग करना होगा…
राष्ट्रपति ने कहा कि इस धरती पर प्रत्येक मनुष्य मानसिक शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं चाहे वो किसी देश, जाति, संप्रदाय के हों। शांति भी भोजन की तरह आवश्यक है। ब्रह्माकुमारी संस्था शांति और आनंद के लिए मार्ग प्रशस्त कर रही है। अध्यात्म ही वो प्रकाश पुंज है जो पूरी मानवता को सही राह दिखा सकता है। मेरा मानना है कि अमृत काल में 2047 के स्वर्णिम भारत के लिए आगे बढ़ते हुए हमारे देश को विश्व शांति के लिए विज्ञान और आध्यात्म दोनों का उपयोग करना होगा। हमारा लक्ष्य है कि भारत एक नॉलेज सुपर पावर बने। हमारी अकांक्षा है कि इस नॉलेज का उपयोग सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए हो।
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वसुधैव कुटुम्बकम यानी वन अर्थ वन फैमिली, वन फ्यूचर…
उन्होंने कहा कि भारत इस समय जी -21 की अध्यक्षता कर रहा है, जिसका थीम है वसुधैव कुटुम्बकम यानी वन अर्थ वन फैमिली, वन फ्यूचर। अपनी संस्कृति के आधार पर हमारा देश आध्यात्मिक और नैतिकता के निर्माण के लिए सक्रिय है। हमारे देश ने कोरोना काल में भी विश्व के अन्य देशों की मदद की। भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, आदि शंकराचार्य और संत कबीर, महात्मा गांधीजी की शिक्षाओं ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने के साथ-साथ भारत शांति के अग्रदूत की भी भूमिका निभा रहा है। माउंट आबू से शुरू यह क्रांति देश के लोगों को आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाएगा।
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सिकंदराबाद और इंदौर के रिट्रीट सेंटर का वर्चुअल किया शुभारंभ –
कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वर्चुअल रिमोट का बटन दबाकर उप्र के सिकंदराबाद में नवनिर्मित साइलेंस रिट्रीट सेंटर और मप्र के इंदौर में बन रहे शिव शक्ति सरोवर रिट्रीट सेंटर के ऑडिटोरियम एवं शिवदर्शन आर्ट गैलरी का भी शुभारंभ किया। बता दें कि इंदौर में मप्र के पहले रिट्रीट सेंटर का निर्माण कार्य पांच एकड़ के विशाल परिसर में जारी है। जहां पांच हजार लोगों की क्षमता का एक विशाल ओपन ऑडिटोरियम भी बनाया जा रहा है।
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भारत के उत्थान पर ही पूरे विश्व का उत्थान निर्भर है – बृजमोहन
संस्था के अतिरिक्त महासचिव ब्रह्माकुमार बृजमोहन भाई ने कहा आज भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक दिवस है। जब विश्व के सबसे प्राचीन, विशाल पावन देव भूमि भारत देश के राष्ट्रपति के तौर पर हमारे बीच आज आदरणीय द्रौपदी मुर्मू उपस्थित हैं। हम सब जानते हैं मानव का उत्थान ही देश का और विश्व का उत्थान होता है। भारत के उत्थान के ऊपर ही पूरा विश्व का उत्थान निर्भर है। चरित्र का उत्थान ही वास्तव में विश्व का उत्थान है। एक समय था जब भारत चरित्रवान देवी-देवताओं की भूमि था। चरित्र में भी जो सबसे बड़ा मापदण्ड होता है वह नारी के स्वमान का, नारी के इज्जत, आबरू की रक्षा का होता है।
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संयुक्त मुख्य प्रशासिका ने बैज व मुकुट पहनाकर किया सम्मानित
स्वागत भाषण और सम्मेलन के विषय को स्पष्ट करते हुए संस्थान के कार्यकारी सचिव डॉ. बीके मृत्युंजय ने कहा कि संस्थान का प्रयास है कि आने वाले 25 सालों में सरकार के साथ मिलकर स्वर्णिम भारत को साकार करने के प्रयास में जुटा हुआ है। संस्थान की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने मुकुट और बैज पहनाकर राष्ट्रपति का सम्मान किया। जयपुर सबजोन की निदेशिका बीके सुषमा दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन की गहन अनुभूति कराई। संचालन शिक्षा प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका बीके शिविका ने किया।
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ये रहे मौजूद –
राजस्थान के संस्कृति मंत्री बीडी कलरा, सीएम के सलाहकार व सिरोही विधायक संयम लोढ़ा, पिंडवाड़ा- आबू रोड विधायक समाराम गरासिया, जिला कलेक्टर डॉ. भंवर लाल, सिरोही सीईओ टी शुभमंगला, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, एडीएम कालूराम खौड़, आबू रोड एसडीएम नीलम लखारा, तहसीलदार रायचन्द देवासी, पर्यटन की उपनिदेशक स्मिता मीना, पीडब्लूडी एक्सईएन पारस सिंगारिया, यूआईटी एक्सईएन वाष्र्णेय समेत तमाम आलाधिकरी उपस्थित थे।