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दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आमंत्रित अतिथि।

उच्च शिक्षा के साथ बच्चों में धर्म के संस्कार भी दें – ज्ञानस्वरूपानंद

हाईलाइट्स –

  • धार्मिक प्रभाग के सम्मेलन में पधारे संत-महात्माओं का किया गया भव्य सम्मान

  • सभी आमंत्रित अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर की सम्मेलन का शुभारंभ

  • बच्चों में धर्म के संस्कार न होने पर संत-महात्माओं ने जतायी चिंता

  • समस्याओं का समाधान विज्ञान में नहीं अध्यात्म में है

दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए आमंत्रित अतिथि।

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान
रपट – बीके गिरीश भाई, मीडिया, ज्ञानसरोवर

माउण्ट आबू, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संस्था के धार्मिक प्रभाग द्वारा ज्ञानसरोवर परिसर में वर्तमान परिस्थितियों में अध्यात्म से समाधान विषय पर चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए जोधपुर से पधारे महामण्डलेश्वर गौऋषि स्वामी ज्ञानस्वरूपानन्द अक्रिय जी महाराज ने कहा जब हम अपने भीतर का ध्यान करेंगे तभी हमारी आध्यामिकता जागेगी। जब इस सृष्टि में होने वाले परिवर्तन को पुरूष संभाल नहीं पाएं, तब-तब आदि शक्ति जगदम्बा ने स्वयं संभाला। जब मातृशक्ति अपने हाथ में बागडोर ले लेती है तो इस देश की परिस्थितियां सुधरने में ज्यादा टाइम नहीं लगता है। आगे उन्होंने कहा हम अपने बच्चों को उच्च शिक्षा देकर डॉक्टर, कलेक्टर, इंजीनियर, बैरिस्टर आदि तो बना देते हैं लेकिन उनमें अपने धर्म के संस्कार डालना भूल जाते हैं।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए महामण्डलेश्वर गौऋषि स्वामी ज्ञानस्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज।
  • समस्याओं का समाधान विज्ञान में नहीं, अध्यात्म में है – ब्रह्मऋषि

सम्मेलन में अपनी शुभभावना व्यक्त करते हुए ब्रह्मर्षि स्वामी महेश योगी।

वहीं अयोध्या से पधारे ब्रह्मऋषि स्वामी महेश योगी ने कहा हमें लगता है कि आज की समस्याएं विज्ञान की मदद के बगैर नहीं सुधर सकती है। मगर फिर एहसास होता है कि ऐसा हो नहीं पाया है। यहां जो आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव होता है उसके सम्पर्क में आने से हमारी विचारधारा उर्ध्वगामी हो जाती है। संसार की सभी समस्याओं का समाधान इसी ऊर्जा में समाहित है। ऐसी ऊर्जा हमें अपने पूर्वजों के जीवन से प्रेरणा लेकर प्राप्त की जा सकती है।

  • अध्यात्म में है सर्व समस्याओं का समाधान…

वर्तमान परिस्थितियों में अध्यात्म से समाधान विषय पर आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए धार्मिक प्रभाग की चेयरपर्सन राजयोगिनी मनोरमा दीदी।

धार्मिक प्रभाग की चेयरपर्सन राजयोगिनी मनोरमा दीदी ने कहा भौतिक साधनां की प्रचुरता ने मानव को अध्यात्म से दूर कर दिया है। जिसके कारण आज भारत सहित पुरे विश्व में अनेक समस्याएं उत्पन्न होती जा रही है। संसार की हालत देखते हुए कह सकते हैं कि आज मनावता मर चुकी है। इन सभी समस्याओं का समाधान आध्यात्मिकता में ही समाया हुआ है। ईश्वर के लिए कहा गया है जो उसको जान लेता है वह उसके जैसा ही बनने का प्रयास करता है।

  • यहां दी जा रही शिक्षा सनातन धर्म की शुरूआत के लिए है…

सम्मेलन में अपनी शुभकामना व्यक्त करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था के मल्टीमीडिया के चेयरपर्सन राजयोगी करूणा भाई जी।

ब्रह्माकुमारी संस्था के मीडिया विंग के चेयरपर्सन राजयोगी करूणा भाई जी ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा हमारा स्लोगन है स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन, हम बदलें तब विश्व बदलेगा। भारत को विश्व गुरू बनना है तो हमारे अंदर विश्व को देखाई दे कि यहां जो भी शिक्षा दी जाती है वो सनातन धर्म की शुरूआत है। 25 लाख परिवार 140 देशों में ये शिक्षा ले रहे हैं।

  • इन्होंने भी किया सम्बोधित

इस आध्यात्मिक सम्मेलन को कुण्डगोल, कर्नाटक से आए बसवअप्पा स्वामी जी, सिरसा से आए संत चेतन आनन्द जी, अयोध्या से पधारे महाराज पवन कुमार दास फलाहारी ने भी सम्बोधित किया और अपने विचार रखें। सभी अतिथियों का आभार प्रगट धार्मिक प्रभाग के जोनल कोऑडिनेटर बीके नारायण भाई ने किया और मंच का कुशल संचालन नारनौल की राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी कमल बहन ने किया। इससे पूर्व सभी साधू-संतों का पुष्पगुच्छ, बैज व तिलक देकर स्वागत किया गया। नारनौल के कुमार निशान और कुमारी समीक्षा ने अपने मधुर नृत्य के द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत किया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए कर्नाटक के कुण्डगोल से पधारे बसवअप्पा स्वामी जी।
सम्मेलन में अपनी शुभभावना व्यक्त करते हुए संत चेतन आनन्द जी।
सम्मेलन में अपनी शुभभावना व्यक्त करते हुए महाराज पवन कुमार दास फलाहारी।

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