नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 27 मई 2023
रपट: बीके गिरीश भाई, मीडिया, ज्ञानसरोवर
ब्रह्माकुमारी संस्था के ज्ञानसरोवर परिसर के हॉर्मनी हॉल में संस्था के न्यायविद प्रभाग द्वारा अखिल भारतीय जूरिस्ट सम्मेलन का आमंत्रित अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न प्रांतों से आए जुरिस्टों ने भाग लिया और राजयोग के अभ्यास द्वारा अपनी आंतरिक शक्तियों को जाना।
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न्यायविदों को समयबद्धता का पालन करना चाहिए
आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा न्यायविदों का उत्कर्ष विषय पर बोलते हुए ओडिसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस बीआर सारंगी ने कहा सामाजिक न्याय के लिए जुडिशियल सिस्टम का सशक्तिकरण होना चाहिए। सशक्तिकरण की पहली शर्त यही है कि हमें हर प्रकार के माया और मोह से खुद को दूर रखना होगा। इसके साथ ही न्यायविदों को समयबद्धता का पालन करना चाहिए। इससे भारतीय न्यायप्रणाली पर लोगों का विश्वास बढ़ेगा।
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परमात्मा के ध्यान से होता है आत्मा का सशक्तिकरण
ब्रह्माकुमारीज़ के प्रिंसिपल सेक्रेटरी राजयोगी बृजमोहन भाई जी ने सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा जो हमारे पास होगा हम दुनिया को वही दे पाएंगे। बिना किसी भेद भाव के हमें सभी को शुभ भावना- कामना देनी है। आगे उन्होंने कहा सशक्तिकरण का सोर्स परमात्मा है। हम सभी परमात्मा की शक्ति लेकर अपना सशक्तिकरण करते हैं। उन पर अपना ध्यान लगा कर बल प्राप्त करते हैं। इस कला को सीख कर हम सभी अपना उत्कर्ष कर पाएंगे।
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आत्मा को सशक्त करके ही संसार को सामाजिक न्याय दे पाएंगे…
आन्ध्रप्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बी.ईश्वरैया ने भारत के संविधान का लक्ष्य है सभी को सामाजिक न्याय देना। अब जूरिस्ट्स सामाजिक न्याय किस प्रकार से दे सकेंगे ? जब तक सभी आध्यात्मिक रूप से मजबूत नहीं होंगे ऐसा नहीं हो पायेगा। शरीर की क्षमताएं सीमित हैं। आत्मा ही सभी कर्मेन्द्रियों को संचालित कर रही है। अतः आत्मा को सशक्त और जाग्रत करके ही हम संसार को सामाजिक न्याय दे पाएंगे।
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निर्णय लेने में एकाग्रता की शक्ति का अहम रोल…
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीडी राठी ने कहा राजयोग के द्वारा हम स्वयं को परमात्मा से जोड़ते हैं। जिससे आत्मा में एकाग्रता की शक्ति आती है और यही शक्ति हमें बड़े-बड़े निर्णय करने में सहायता करती है। इसी का नाम आध्यात्मिकता है ।
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गहन शांति की अनुभूति कराई…
ब्रह्माकुमारीज जूरिष्ट विंग की चेयरपर्सन राजयोगिनी पुष्पा दीदी जी ने कहा आध्यात्मिकता के माध्यम से ही कोई भी अपने जीवन को मूल्यवान बनाकर न्याय प्रदान कर पाएगा। इसके पश्चात उन्होंने राजयोग मेडिटेशन के द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई।
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अतिथियों का किया स्वागत
ब्रह्माकुमारीज जूरिष्ट विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर राजयोगिनी लता बहन ने पधारे हुए मेहमानों का स्वागत किया। आपने परम पिता परमात्मा को सुप्रीम जूरिस्ट बताया और कहा कि वह जानी जाननहार है और उनको हमारी सारी जानकारी रहती है।
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सफलता के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी
मुंबई से पधारी जूरिस्ट विंग की नेशनल कोऑर्डिनेटर डॉक्टर रश्मि ओझा ने आज के इस सम्मेलन का लक्ष्य सभी के सामने रखा। आपने अनेक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि जब इंसान आध्यात्मिक रूप से सशक्त होता है तभी वह जस्टिस कर पाता है। अन्यथा गलतियां होती रहती हैं। सफलता के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण जरूरी है।
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इन्होंने भी किया सम्बोधित
इस कार्यक्रम को ब्रदर पंकज घीया, कर्नाटक उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश पच्चपुरे ने भी सम्बोधित किया। मंच का कुशल संचालन जूरिस्ट विंग की मुख्यालय संयोजिका बीके श्रद्धा बहन ने किया।
(रपट : बी के गिरीश, मीडिया ,ज्ञान सरोवर )