हाईलाइट्स –
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परमात्मा की मधुर स्मृति की गीतों से हुआ सम्मेलन का शुभारंभ
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अमरावती की खुशी पटेल ने प्रस्तुत किया स्वागत नृत्य
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अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया कार्यक्रम का उद्घाटन
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समाज में मूल्यों की पुनर्स्थापना का कार्य परमात्मा के सिवाए कोई नहीं कर सकता
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विदेशी संस्कृति से हो रहा है समाज में मूल्यों का पतन
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एक तरफ साधन बढ़ रहे हैं और दूसरी तरफ मूल्यों का पतन होता जा रहा है
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विश्व परिवर्तन का आधार है समाज का परिवर्तन
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आध्यात्मिक मूल्यों से होता है श्रेष्ठ संस्कार का निर्माण
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान, 08-07-23 रपट: बीके गिरीश भाई, ज्ञानसरोवर
माउण्ट आबू, ज्ञानसरोवर। समाज सेवा के विभिन्न वर्गों में रूचि रखने वाले प्रतिनिधियों के लिए ब्रह्माकुमारी संस्था के समाज सेवा प्रभाग द्वारा ज्ञानसरोवर परिसर में ईश्वरीय योजना द्वारा मूल्यनिष्ठ समाज की पुनर्स्थापना विषय पर पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया।
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व्यक्ति की मूल प्रवृत्ति है आध्यात्मिकता…
सम्मेलन का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए जयपुर से आए राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के वाईस चेयरपर्सन सचिन विष्णुदेव सरवते ने कहा मैंने ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा बनाई गई फिल्म डिस्कवरी को देखकर इस संस्था की ओर खींचा चला आया। व्यक्ति की मूल प्रवृत्ति आध्यात्मिकता है। यह संस्था व्यक्ति के अंदर छुपी अंतरात्मा को बाहर निकालने का कार्य कर रही है।
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इस तरह हमारे जीवन में मानवीय मूल्यों का प्रादूर्भाव हुआ…
आगे उन्होंने कहा हमारे अंदर दया, स्नेह और मामत्व का प्रादूर्भाव हमारे जीवन में घटित एक घटना से हुआ। बचपन में मैं छिपकली से बहुत डरता था इसलिए मैं छिपकली को गिरा देता था। एक दिन ऐसा हुआ कि छिपकली को मैंने जाली से गिरा दिया और उस दिन काफी बारिश हुई थी। अगले दिन मैं देखा तो छिपकली मृत पड़ी थी। तब मुझे बहुत पश्चाताप हुआ और मैं ग्लानि से भर उठा। इस घटना से हमारे जीवन में मानवीय मूल्यों का प्रादूर्भाव हुआ।
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त्याग के बिना कोई सेवा नहीं होती…
समाज सेवा प्रभाग की अध्यक्षा व संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी संतोष दीदी ने समाज सेवकों को प्रेरणा देते हुए कहा पांच विकारों के कारण ही सबके संस्कार बिगड़ गए हैं। इन बिगड़े हुए संस्कारों को पुनः सही करने के लिए हमें आध्यात्मिक मूल्यों की आवश्यकता होती है। और ये मूल्य हमें परमात्मा की याद से और आध्यात्मिक चिंतन से प्राप्त होते हैं। परमात्मा आकर हमें स्मृति दिलाता है कि हमें खुद ही स्वयं के ऊपर दया करनी होगी। तभी हम स्वयं के अंदर परिवर्तन ला पाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि किसी से अपेक्षा रखने के कारण ही मानव के अंदर दुःख और अशांति बढ़ती जा रही है। त्याग के बिना कोई सेवा नहीं होती है। हम जो भी सेवा करते हैं उससे हमें प्राप्ति की ईच्छा नहीं रखनी चाहिए। तभी हम दूसरों को प्रेरणा देकर उसके जीवन में भी परिवर्तन ला सकेंगे।
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यहां बदलाव की बातें की जाती है…
समाज सेवा प्रभाग के वाइस चेयरपर्सन बीके प्रेम भाई ने कहा यहां अध्यात्म की बातें की जाती है। जिससे की मानव को मूल्यों से संपन्न बनाया जा सके। समाज में और स्वयं के अंदर बदलाव लाने के लिए जो ऊर्जा चाहिए उसे हम राजयोग मेडिटेशन द्वारा प्राप्त कर सकते हैं। अध्यात्म को अपने जीवन में उतारना हमारा परम कर्त्तव्य है।
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बच्चों को उच्च शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा दें…
दिल्ली से पधारे प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ.जीपी. भगत ने कहा एक समाजसेवी अपना तन, मन और धन लगाकर जब सेवा करता है तो उसका एक ही लक्ष्य होता है समाज सुखी बने। मानव के अंदर मूल्यों का हृस होने के कारण ऐसा हो नहीं पाता है जो कि चिंता की बात है। जब स्वयं के अंदर मूल्य होंगे तो फिर वो परिवार में आएगा। जब परिवार में मूल्य आ जाएंगे तो समाज में आना शुरू हो जाएगा। तब इस समाज का परिवर्तन होगा। मानवीय मूल्यों के केंद्र में ब्रह्माकुमारी संस्था स्थित हैं। जहां से समाज के हर वर्ग के लोगों को मानवीय मूल्यों को जीवन में धारण करने की शिक्षा दी जा रही है। आगे उन्होंने कहा जब आप बच्चों को उच्च शिक्षा देते हैं तो उसे सर्वप्रथम नैतिक मूल्यों की शिक्षा अवश्य दें।
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चेहरे पर मुस्कान के साथ खुलते हैं अंतरात्मा के दरवाजे…
इंदौर से पधारे इंटरनेशनल ट्रेनर जूनियर चैम्बर के आरटीएन सरजीव पटेल ने कहा आज हम सभी मूल्यनिष्ठ समाज के निर्माण में प्रयत्नशील हैं। दूसरों से आगे बढ़ने की प्रवृत्ति और ईर्ष्या हमारे अंतरात्मा के दरवाजे को बंद कर देती है। जब आप अपने चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हैं तब आपकी अंतरात्मा के दरवाजे खुल जाते हैं और मानवीय मूल्य स्थापित होने लगते है।
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समाज का परिवर्तन होता है ईश्वरीय योजना के आधार पर …
दिल्ली खानपुर से समाज सेवा प्रभाग की जोनल क्वाडिनेटर बीके आशा बहन ने कहा मनुष्य के द्वारा बनाई गई योजना हमेशा सफल नहीं होती। जबकि ईश्वर के द्वारा बनाई योजना सदैव सफल होती है। और उसी के आधार पर समाज का परिवर्तन होता है। आज मन की स्थिति ऐसी हो गई है कि हम छोटी-छोटी बातों पर तनाव में आ जाते हैं। कहीं न कहीं हमारे अंदर मूल्यों की कमी हुई है जि्ाससे आज समाज की ऐसी तस्वीर सामने आ रही है।
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सभी अतिथियों का किया आभार प्रगट…
समाज सेवा प्रभाग के इस राष्ट्रीय सम्मेलन को नेशनल क्वाडिनेटर बीके अवतार भाई, नेपाल से पधारे मित्र मिलन समाज के प्रेसीडेंट बालाराम जोशी ने भी सम्बोधित किया। सभी अतिथियों का आभार प्रगट समाज सेवा प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके बिरेन्द्र भाई ने किया और मंच का कुशल संचालन मुम्बई से पधारी समाज सेवा प्रभाग की नेशनल क्वाडिनेटर बीके वंदना बहन ने किया।
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समाज सेवकों का कर्त्तव्य है समाज में परिवर्तन लाना…
इससे पूर्व समाज सेवा प्रभाग के स्वागत सत्र को सम्बोधित करते हुए ज्ञानसरोवर की डायरेक्टर व संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका डॉ.निर्मला दीदी ने समाज में हो रही मूल्यों की गिरावट पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा आज लोभ, अत्याचार, व्याभिचार आदि इतना बढ़ गया है कि समाज में कोई भी व्यक्ति स्वयं को सुरक्षित नहीं समझता है। आगे उन्होंने कहा कि समाज सेवकों का कर्त्तव्य है समाज में परिवर्तन लाना। इसके लिए परमात्मा से शक्ति लेनी आवश्यक है। आगे उन्होंने कहा पहले हमें अपने जीवन में मूल्य लाने होंगे और इसके लिए परमात्मा का परिचय जरूरी है। पहले स्व-परिवर्तन करना है फिर विश्व परिवर्तन होगा।
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विदेशी संस्कृति से हो रहा है मूल्यों का पतन…
गुलबर्गा से समाज सेवा प्रभाग की सबजोनल क्वाडिनेटर बीके शिवलीला बहन ने कहा आज साधन तो बढ़ रहे हैं लेकिन मानव का विकास नहीं हो रहा है। लोग अपनी संस्कृति को भूलकर विदेशी संस्कृति को अपनाने लगे हैं। जिससे समाज में मूल्यों का पतन होता जा रहा है। जब हम अपने जीवन में मूल्यों की धारणा करेंगे तभी हमारा जीवन मूल्यवान बनेगा।
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इन्होंने भी किया सम्बोधित…
समाज सेवा प्रभाग के स्वागत-सत्र को संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका व समाज सेवा प्रभाग की चेयरपर्सन राजयोगीनी संतोष दीदी, नेशनल क्वाडिनेटर बीके अवतार भाई, इंदौर से रोटरी इंटरनेशनल के सचिव व सहायक गवर्नर राकेश बामोरिया ने भी सम्बोधित किया और मंच का कुशल संचालन रावतभाटा की सबजोनल क्वाडिनेटर बीके अंकिता बहन ने किया।