हाईलाइट्स –
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कला एवं संस्कृति प्रभाग के चार दिवसीय सम्मेलन का आत्म जागृति के प्रतीक के रूप में अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया कार्यक्रम का उद्घाटन
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मुम्बई विले-पार्ले की कन्याओं ने स्वागत नृत्य द्वारा सभी अतिथियों का किया स्वागत
यह भी बोले कलाकार –
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दिव्यगुण जब हमारे किरदार के हिस्सा होंगे तब हम वही किरदार निभाएंगे जिसके लिए परमात्मा ने हमें इस धरती पर भेजा है
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हमें अपने जीवन में कुछ बातों को डिलीट करना है तो कुछ बातों को ऐड करना है – चंद्रिका
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विश्व के स्टेज पर हम सभी कलाकार के रूप में आए हैं
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दादी के बोल जैसे हमारे लिए वरदान बन गए – ओम व्यास
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मैं देश के हर बच्चे को मोदी और आडानी के रूप में देखना चाहुंगी – दीप्ति
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ये रिश्ता क्या कहलाता है में जब मैंने हैंडीकेप्ट का रोल किया तब मुझे नहीं पता था कि हमारे इस किरदार से दिव्यांगों को इतनी प्रेरणा मिलेगी – निधि
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हमारे जीवन से नॉनवेज और ड्रिंक पीना कब छूट गया पता ही नहीं चला – मिश्रा
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दोहरा चरित्र निभाने से समाज में अनेक प्रकार की विसंगतियां आ गई – पन्नू
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 15-07-23
रपट: बीके गिरीश भाई, मीडिया, ज्ञानसरोवर
माउण्ट आबू, ज्ञानसरोवर। विश्व के स्टेज पर हम एक कलाकार के रूप में आए हैं और हम सभी हीरो एक्टर हैं। भगवान ने किसी को एक जैसा दूसरा इंसान नहीं बनाया।
उक्त उद्गार कला एवं संस्कृति प्रभाग की चेयरपर्सन राजयोगिनी बीके चंद्रिका दीदी ने ब्रह्माकुमारी संस्था के ज्ञानसरोवर परिसर में स्थित हार्मनी हॉल में कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा “उत्कृष्ट समाज के लिए कलाकारों का किरदार” विषय पर आयोजित चार दिवसीय अखिल भारतीय सम्मेलन में पूरे देश से आए हुए कलाकारों को सम्बोधित करते हुए कहा।
आगे उन्होंने कहा समस्याओं से भरे संसार की अनेक बातें हमें सुनने को मिलती है। लेकिन जो हम देखना चाहते हैं उसे नकार भी नहीं सकते हैं। हमें ऐसा समाज चाहिए जो खुशियों से, प्रेम से भरा हो। लेकिन प्रश्न उठता है कि ऐसा समाज बनाने की पहल करेगा कौन? यह कार्य करना सिवाए परमात्मा के और किसी के वश की बात नहीं है। यह विश्व विद्यालय स्वयं निराकार परमात्मा द्वारा स्थापित किया हुआ है। हमें कुछ बातों को अपने जीवन से सदा के लिए डिलीट कर देना चाहिए और कुछ चीजों को जोड़ दें तो हम अपने जीवन को जैसा बनाना चाहे वैसा बना सकते हैं। हमारे बोल ऐसे हों जो आशीर्वाद का काम करे।
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विश्व के स्टेज पर हम एक कलाकार के रूप में हैं…
इससे पूर्व उन्होंने स्वागत सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा विश्व के स्टेज पर हम एक कलाकार के रूप में आए हैं और हम सभी हीरो एक्टर हैं। भगवान ने किसी को एक जैसा दूसरा इंसान नहीं बनाया। इसलिए हमें कभी भी अपनी तुलना किसी दूसरे के साथ नहीं करनी चाहिए। जब कोई दो व्यक्ति एक जैसा है ही नहीं तो हम अपनी तुलना दूसरों के साथ क्यों करें।
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जीवन में आशा की किरण जगाती है आध्यात्मिक शिक्षा…
संस्था के कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई ने कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए कहा कला, संस्कृति, साहित्य, हमारे जीवन की नाड़ी है। जीवन में आशा की किरण जगाने के लिए आध्यात्मिक व मूल्यों की शिक्षा चाहिए। परमात्मा के द्वारा दी जा रही शिक्षाओं को जीवन में धारण कर एक नया समाज बना सकते हैं। आगे उन्होंने कहा अपराध मुक्त समाज बनाने के लिए पहले स्वयं के अंदर शांति होनी चाहिए। हर व्यक्ति के अंदर कोई न कोई कला अवश्य होती है जिसके द्वारा वह अपनी बातों को समाज तक सहजता से पहुंचा सकता है।
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यह आगाज है महान क्रांति का – निहा
कला एवं संस्कृति प्रभाग की महाराष्ट्र की रीजनल क्वाडिनेटर व राजयोग शिक्षिका बीके निहा बहन ने कहा परम कलाकार प्रभू पिता के इस घर में आप सभी का सुंदर मंगल-मिलन, इस उत्कृष्ट समाज की महान क्रांति के लिए आगाज है। आप एक-एक कलाकार समाज के लाखों लोगों से जुड़े हुए हैं। माना यहां पूरा समाज बैठा हुआ है। कलाकार अपनी भावनाओं और सुंदर विचारों के द्वारा समाज का निर्माण करता है। समाज परिवर्तन करने के लिए कलाकारों को सिर्फ एक कदम उठाने की आवश्यकता है। समाज में बढ़ती जा रही समस्याएं, विकृतियों से कलाकार भी अछूता नहीं रहा। जिसने हमारी कला की गरिमा को गिरा दिया। स्वयं की पहचान, हमारी शक्तियों को और कलाओं को जागृत करती है। हमारे मन की श्रेष्ठ स्थिति और वृत्ति समाज को प्रभावित करती है।
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मैं यहां मन की शांति के लिए आयी हूं…
बोरीवली मुम्बई से आयी लाइफ कोच ट्रेनर दीप्ति शाह ने कहा मैं यहां मन की शांति के लिए आयी हूं। हमने यह अनुभव किया है कि जब मन में शांति होगी तो सफलता अपने आप आएगी। आज बच्चे कम्पीटिशन के दौर में अपनी शांति को खो चुके हैं। इसलिए आवश्यक है कि हर बच्चे को बचपन से ही ओम शांति का मंत्र दिया जाए। जिससे कि वे आगे चलकर कठिन परिस्थितियों का सामना कर सके। मैं देश के हर बच्चे को मोदी और आडानी के रूप में देखना चाहुंगी। जिससे कि देश का पैसा देश में ही रहे और देश की उन्नति हो।
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हर आर्टिस्ट यूनिक है…
मालाड मुम्बई से पधारी टीवी व फिल्म एक्ट्रेस निधि उत्तम पाठक ने कहा हर अर्टिस्ट अपने आप में युनिक होता है। ये रिश्ता क्या कहलाता है में जब मैंने हैंडीकेप्ट का रोल किया तब मुझे नहीं पता था कि हमारे इस किरदार से दिव्यांगों को इतनी प्रेरणा मिलेगी। गुजरात में उनकी बातें सुनकर हमारी आंखों में आंसू आ गए।
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परिपक्व होने पर यह बात समझ में आने लगती है…
हरियाणा, करनाल के म्यूनिसिपल कॉरपोरशन के एडिशनल कमिश्नर धीरज कुमार ने कहा जब एक व्यक्ति के अंदर का कलाकार बाहर निकलता है, तब वह अपनी प्रतिभा से अनेकों का जीवन परिवर्तन कर देता है। जब कोई कलाकार दिल से अभिनय करता है तो वह समाज के जेहन में उतर जाता है। आगे उन्होंने कहा जैसे-जैसे व्यक्ति परिपक्व होता जाता है तो उसे एक बात समझ में आने लगती है कि बदलना संसार को नहीं बल्कि स्वयं को है। सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रकार की सोच हमारे अंदर है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम किसे उजागर करते हैं।
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नॉनवेज कब छूट गया पता ही नहीं चला…
विले-पार्ले मुम्बई से पधारे भोजपुरी फिल्म एक्टर राजेश मिश्रा ने अपने जीवन के अनुभव को सुनाते हुए कहा शिवानी दीदी का प्रोग्राम सुनते-सुनते कब हमारे जीवन से नॉनवेज खाना और ड्रिंक पीना कब छूट गया पता ही नहीं चला। जब से मैं इस संस्था से जुड़ा हूं मैंने विलन के रोल को छोड़कर एक नया जीवन जीने का प्रयास कर रहा हूं।
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हमारी ईच्छा है कि…
विले-पार्ले मुम्बई से पधारी कथक क्वीन जयंति माला मिश्रा ने कहा बचपन से ही मैं शिव की भक्त हूं। हमारी भारत की पुरातन संस्कृति को मैं नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत करती हूं। हमारी ईच्छा है कि भारत की जो संस्कृति शुद्ध है, पावन है, उसे सभी लोग अपनाएं।
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इन्होंने भी किया संबोधित…
कलाकारों के इस राष्ट्रीय सम्मेलन को बंगलोर से पधारे कलाकार डॉ.राजेश जी, कला एवं संस्कृति प्रभाग की रीजनल क्वाडिनेटर बीके तृप्ति बहन ने राजयोग के द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई। सभी अतिथियों का आभार प्रगट मुख्यालय संयोजक बीके सतीश भाई ने किया तथा मंच का कुशल संचालन करनाल की रिजनल डायरेक्टर बीके प्रेम दीदी ने किया।
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स्वागत सत्र में बोले कलाकार –
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दादी के बोल जैसे वरदान बन गए…
इससे पूर्व स्वागत सत्र को सम्बोधित करते हुए करनाल हरियाणा से आए नीफा के प्रेसीडेंट प्रीतपाल सिंह पन्नू ने कहा परमात्मा ने हमें जिस किरदार को निभाने के लिए भेजा था लेकिन हम उस रोल को छोड़कर दोहरा चरित्र निभाने लगे हैं। जिससे समाज में अनेक प्रकार की विसंगतियां आ गई।
वॉलीवुड एक्ट्रेस, डायरेक्टर व प्रोडयूसर शशी शर्मा ने कहा आप सभी भाग्यशाली हैं जो आप परमात्मा के घर में पधारे हैं। वॉलीवुड एक्टर अनाहद ने कहा जिस ईश्वर को हम बचपन से सुनते आ रहे थे कि ईश्वर हमारे हृदय में है। उसकी अनुभूति मुझे यहां आकर हुई।
मुम्बई से प्रसिद्ध संगीतकार ओम व्यास ने कहा आज मैं जो कुछ भी हूं उसमें संस्था की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी प्रकाशमणि का बहुत बड़ा योगदान है। दादी के बोल जैसे हमारे लिए वरदान बन गए।
सभी अतिथियों का शब्दों से स्वागत कला एवं संस्कृति प्रभाग के वाइस चेयरमैन बीके दयाल भाई ने किया। संस्था का परिचय साइंटिस्ट एण्ड इंजीनियरिंग विंग के नेशनल क्वाडिनेटर बीके मोहन सिंघल भाई ने दिया। सभी अतिथियों का नृत्य के द्वारा स्वागत उड़ीसा की कुमारी पुष्पांजलि और प्रतिमा ने किया। सभी अतिथियों का आभार प्रगट शांतिवन के बीके भानू भाई ने किया तथा मंच का कुशल संचालन शालीमार बाग सेवाकेंद्र की राजयोग शिक्षिका बीके पुनम बहन ने किया।