हाईलाइट्स :
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सभी अतिथियों का स्वागत ब्रह्माकुमारी बहनों के द्वारा तिलक, बैज व पुष्पगुच्छ भेंटकर किया गया
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दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया कार्यक्रम का उद्घाटन
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राजयोग के अभ्यास से होती है दिव्य गुणों की अनुभूति – डॉ.सविता
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बार्शी में विभिन्न महिला संगठनों ने डॉ.सविता दीदी का किया अभिनंदन
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स्थानीय महिलाओं ने पारंपारिक महाराष्ट्रीयन पोशाक में डॉ.सविता दीदी और मेहमानों का किया स्वागत
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डॉ.सविता दीदी ने कहा – हमें दूसरों के जीवन में निन्यानबे दोषों को हटाकर सौवां गुण देखने की दृष्टि विकसित करनी चाहिए
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राजयोगिनी सोमप्रभा दीदी व डॉ.सविता दीदी द्वारा सभी अतिथियों को ईश्वरीय उपहार भेंटकर सम्मानित किया गया
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सभी वक्ताओं ने महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए राजयोग मेडिटेशन को आवश्यक बताया
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कार्यक्रम के अंत में सभी को केक खिलाकर मुख मीठा कराया गया
नवयुग टाइम्स, संवादाता, सोलापुर, महाराष्ट्र
बार्शी, सोलापुर। आध्यात्मिक ज्ञान मन के विचारों को सही दिशा देता है। राजयोग का अभ्यास करने से हमारा रिश्ता ईश्वर के साथ जुड़ता है। जिससे हम दिव्य गुणों को अपने जीवन में अनुभव करने लगते हैं।

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शुक्रिया से जीवन में अनुभव होगा…

उक्त उद्गार ब्रह्माकुमारी संस्था के महिला प्रभाग की मुख्यालय संयोजिका डॉ.सविता दीदी ने सेवाकेंद्र के सभागार में आयोजित सुखी और स्वस्थ परिवार के लिए सकारात्मकता विषय पर आयोजित महिला स्नेह मिलन समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करते हुए व्यक्त की। आगे उन्होंने कहा कि भगवान ने जो हमें दिया है उसके लिए हम ईश्वर का शुक्रिया अदा करें तो हमें जीवन में संतुष्टि और संतोष का अनुभव होगा।
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हर कोई चाहता है…

आगे उन्होंने कहा कि हर कोई चाहता है कि उसके परिवार में सुख-शांति बनी रहे। उसके लिए स्वभाव में सकारात्मक बदलाव लाना जरूरी है। सही मायने में महिलाएं परिवार की मुखिया होती है। इसलिए कहा भी जाता है जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं।
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इस विचारधारा को अपनाने से…

अपने स्वार्थ के लिए जीना एक बात है और दूसरों के लिए जीना एक अलग बात है। मेरा जीवन मेरे लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए है। दूसरों को देने में ही लेना समाया हुआ है। अगर आप इस विचारधारा को जीवन में अपना लेंगे तो आप डिप्रेशन का शिकार नहीं होंगे। बल्कि जो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार है वह इस विचारधारा को अपनाने से डिप्रेशन से बाहर आ जायेगा।
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समय का वह दौर भी था जब…

सोलापुर सबजोन की संचालिका राजयोगिनी सोमप्रभा दीदी ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि एक समय का दौर था जब महिलाओं को अबला कहा जाता है आज समय का वह दौर भी है जहां महिलाओं ने हर क्षेत्र में अपनी पहचान बनायी है। अपनी योग्यता व कुशलता से उन्होंने परिवार को ही नहीं बल्कि समाज को भी नई दिशा दी है। हमारे प्राचीन शास्त्रों में भी नारी को देवी का स्थान दिया गया है।
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जहां नारी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है…

सेवाकेंद्र संचालिका ब्रह्माकुमारी संगीता दीदी ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि वर्तमान समय बदलाव का समय है। जहां नारी को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन में राजयोग मेडिटेशन को अपनाकर स्वयं को सशक्त बनाएं। तभी हम बुराईयों पर विजय प्राप्त कर पाएंगे।
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इन्होंने भी दी शुभकामनाएं…

महिला स्नेह-मिलन कार्यक्रम को माउण्ट आबू से बीके सुप्रिया बहन, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.अर्पणाताई शाह, सामाजिक कार्यकर्ता उज्वलताई सोपाल, इनरव्हील क्लब की अध्यक्ष विनिता ताई भानुशाली, लायंस क्लब बार्शा की अध्यक्ष अर्चनाताई आवटे, तालुका प्रबंधक रागिनी ताई वास्कर ने भी संबोधित किया। सभी ने यह माना कि महिलाओं के सर्वांगीण विकास के लिए राजयोग मेडिटेशन आवश्यक है। इसे हम जीवन में अपनाकर अपना जीवन मूल्यवान बना सकते हैं।



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ये भी रही उपस्थित…
मंच का कुशल संचालन बीके अनिता बहन ने किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से महिला कार्यकर्ता कुसुमताई राठौड़ सहित अनेक विशिष्ट महिलाएं उपस्थित थी।
