हाईलाइट्स:
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सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से सैन्य कर्मियों, अर्धसैनिक बलों तथा उनके उच्च पदाधिकारियों ने लिया भाग
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दीप प्रज्ज्वलित कर सम्मेलन का किया गया शुभारंभ
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सबने एक स्वर में कहा आध्यात्मिक शिक्षा से ही मानव का संपूर्ण विकास संभव

नवयुग टाइम्स, संवादाता, बीके गिरीश भाई, ज्ञानसरोवर माउण्ट आबू 20/06/24
माउण्ट आबू, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संस्था के सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा ज्ञान सरोवर परिसर में प्रेरणादायक नेतृत्व एवं स्व – सशक्तिकरण विषय चार दिवसीय अखिल भारतीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में देश की आंतरिक व बाह्य सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया और अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की।

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पूरा ज्ञान प्राप्त करने के लिए लगन के साथ करनी पड़ती है बहुत मेहनत…

आज दुनिया भारतवर्ष के बारे में गहराई से जानना चाहती है। भारत का अध्यात्म सदियों से लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है। मैं 2006 में ब्रह्माकुमारी संस्था से जुड़ा।
उक्त उद्गार सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट वी.जी. खण्डारे ने सुरक्षा प्रभाग के राष्ट्रीय सेमिनार का दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन करते हुए व्यक्त किया। आगे उन्होंने कहा कि संस्थान से जुड़ने पर उन्हें यह पता चला कि इस ब्रह्माण्ड में घटित होने वाली सारी घटनाएं पूर्व निर्धारित है और वह अपने समय पर ही घटित होती है। आध्यात्मिक शिक्षा हमारा सर्वागींण विकास करती है। पूरा ज्ञान तो किसी को नहीं मिलता है इसके लिए लगन के साथ बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

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परमात्मा की याद से बनती है आत्मा शक्तिशाली…

ज्ञानसरोवर की डायरेक्टर राजयोगिनी प्रभा दीदी ने सुरक्षा प्रभाग के द्वारा आयोजित सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ओम शांति एक महामंत्र है। इस मंत्र का जाप करने से आत्मा को अपने निज स्वरूप की अनुभूति होती है। परमात्मा की याद से ही आत्मा शक्तिशाली बनती है।
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भौतिक नहीं आत्मिक सशक्तिकरण की आवश्यकता…

संस्थान के अतिरिक्त महासचिव राजयोगी बृजमोहन भाई ने कहा कि भौतिक सशक्तिकरण को ही लोग सशक्तिकरण मान लेते हैं जबकि सच्चा सशक्तिकरण आत्मिक सशक्तिकरण है। स्वयं को आत्मा अनुभव करते हुए परमात्मा की शक्तियों को अपने अंदर भरना ही आत्मिक सशक्तिकरण है। आत्मिक सशक्तिकरण होने से आत्मा भरपुर हो जाती है और आनंद की स्थिति में होती है। आनंदित अवस्था में वह व्यक्ति समाज के लिए प्रेरणापुंज बन जाता है।
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इन चार चीजों के बीच घुमता है मनुष्य का जीवन…

सीजीडीए श्रीमती देविका रघुवंशी ने शुभकामना देते हुए कहा भारत देश जो अविनाशी खण्ड है उसमें स्वर्णिम युग लाने का कार्य ब्रह्माकुमारी संस्था कर रही है। मनुष्य का जीवन तन, मन, धन और जन इन चार चीजों के बीच में घूमता रहता है। राजयोग मेडिटेशन एकमात्र ऐसी तकनीक है जिससे मन को संतुलित किया जा सकता है। कोई भी व्यक्ति अगर जीवन में सुख शांति चाहता है तो उसे राजयोग का अभ्यास करना चाहिए। यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव है कि राजयोग के अभ्यास से जीवन निर्मल और सुखी बनता है।

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इन्होंने भी सम्मेलन को किया संबोधित…
इस सम्मेलन में वायु सेना के पूर्व स्क्वाड्रन लीडर व सुरक्षा सेवा प्रभाव के अध्यक्ष अशोक गाबा ने अपने विचार रखते हुए पधारे हुए सभी सुरक्षाकर्मियों को उनके सफल व सुखमय जीवन की शुभकामना दी। मुम्बई से पधारी हुई वरिष्ठ राजोग शिक्षिका बीके दीपा दीदी ने सभी को राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा गहन शांति की अनुभूति कराई। सेवानिवृत्त वाइस एडमिरल सतीश घोरमडे ने अपने जीवन के अनुभव से लोगों को प्रेरणा दी। सुरक्षा सेवा प्रभाग के नेशनल क्वाडिनेटर पूर्व कर्नल बी.सी. सत्ती ने सभी अतिथियों का शब्दों से स्वागत किया। कैप्टन शिव सिंह भाई ने सुरक्षा सेवा प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं के बारे में बताया। मंच का कुशल संचालन बीके श्रीनिधि ने किया।




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