हाईलाइट्स:
वैश्विक शिखर सम्मेलन का दूसरा दिन-
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विश्व शांति के लिए ब्रह्माकुमारीज़ की भूमिका पर बोले सीएम धामी – वसुधैव कुटुम्बकम्, हमारे समय की आवश्यकता
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आज पूरा विश्व विभिन्न युद्धों से घिरा हुआ है, ऐसे में शांति का संदेश वर्तमान समय की अनिवार्यता है: मुख्यमंत्री धामी
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नई टेक्नोलॉजी भौतिक सुख, आध्यात्मिकता आंतरिक शांति देती है: सीएम धामी, ब्रह्माकुमारीज़ को बताया सतयुग की स्थापना का मार्ग
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मानवता के संरक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुए प्रो. चेतन सिंह सोलंकी, केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष को मिला विशेष सम्मान
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अध्यात्म की कमी से नशे की गिरफ्त में आ रहे लोग – सांसद रवि किशन
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संसार का परिवर्तन खुद से शुरू होता है, वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को समझें – प्रो. डॉ. मोहित गुप्ता
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वैश्विक शिखर सम्मेलन में वसुधैव कुटुम्बकम् पर मंथन, पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए राहुल सिन्हा और मुकेश माथुर सम्मानित
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अध्यात्म से मिलती है नई ऊर्जा, ब्रह्माकुमारीज़ का योग संदेश है समय की आवश्यकता – राहुल सिन्हा
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दुनिया में नकारात्मकता से निपटना पत्रकारों की चुनौती, ब्रह्माकुमारीज़ ला सकती है बदलाव – मुकेश माथुर
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दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर, इंसानियत को खतरे में डाल रहे हैं संघर्ष – माथुर
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बीके मेहरचंद भाई ने उत्तराखंड में संस्थान की सेवाओं का प्रस्तुत किया रिपोर्ट, राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कराया गहन शांति का अनुभव
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वैश्विक शिखर सम्मेलन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत व्यक्तियों के प्रति सम्मान और प्रेरणा का एक अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 05/10/2024
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आध्यात्मिकता के मार्ग से लाएँ विश्व में शांति और संतुलन – सीएम धामी का आह्वान
आबू रोड। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सुबह के सत्र में भारतीय जीवन दर्शन के सार “वसुधैव कुटुम्बकम्” पर जोर देते हुए कहा कि यह विश्व शांति का संदेश है। उन्होंने कहा, आज पूरा विश्व विभिन्न युद्धों और संघर्षों से जूझ रहा है, और तृतीय विश्व युद्ध की आशंका भी व्यक्त की जा रही है। ऐसे समय में हमारी संस्कृति और सनातन परंपरा में कहा गया है अयं निज: परोवेति गणना लघुचेतसाम् उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश विश्व की शांति की लिए है। ऐसे में हमारी सनातन परंपरा का यह सिद्धांत अत्यधिक प्रासंगिक है।
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शांति का संदेश आज की अनिवार्यता, उत्तराखंड ने लागू किया सकल पर्यावरण उत्पाद – सीएम धामी
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि यह केवल शांति का उपदेश नहीं है, बल्कि वर्तमान समय में यह एक अनिवार्यता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज अगर हम इस संदेश को समझ लें तो बेहतर होगा, वरना भविष्य में इसे समझने के लिए विवश होना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जिसने सकल पर्यावरण उत्पाद को लागू किया है, जिसका उद्देश्य इकोनॉमी और इकोलॉजी के बीच संतुलन स्थापित करना है। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग सच्ची खुशी और आंतरिक शांति को भूल गए हैं। भाईचारे का संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था।
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नई टेक्नोलॉजी भौतिक सुख, आध्यात्मिकता आंतरिक शांति देती है: सीएम धामी, ब्रह्माकुमारीज़ को बताया सतयुग की स्थापना का मार्ग
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जिस प्रकार नई टेक्नोलॉजी हमें भौतिक सुख प्रदान करती है, उसी प्रकार आध्यात्मिकता हमें आंतरिक शांति और संतुलन देती है। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता न केवल शरीर, मन और आत्मा में संतुलन बनाने का कार्य करती है, बल्कि यह जीवन की एक अनिवार्यता है। । आध्यात्मिक चिंतन से हमारे जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस बदलाव को मैंने अपने जीवन में स्वयं भी महसूस किया है। सीएम धामी ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्था नैतिक मूल्यों के माध्यम से लोगों को सही मार्ग दिखा रही है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ केवल एक संस्थान नहीं, बल्कि कलियुग से सतयुग की स्थापना के लिए एक महान कार्य कर रही है।
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ब्रह्माकुमारीज़ विश्व में शांति और मानवता का संदेश फैला रही है: सीएम धामी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत की भूमि से उपजे ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान का कार्य विश्व के कोने-कोने में शांति और मानवता का संदेश फैलाना है। उन्होंने कहा कि यह संस्थान अध्यात्म और मानवता के लिए कार्य कर रहा है। मैं आज यहां स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण में आध्यात्मिकता की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने के लिए आया हूं।
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आध्यात्मिकता से मिली आंतरिक शांति, समाज में बदलाव का मार्गदर्शन – सीएम धामी
मुख्यमंत्री धामी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि मैं आप सभी के बीच जिज्ञासु बनकर आया हूं। यहां आने के बाद मुझे एक विशेष प्रकार की आंतरिक शांति की अनुभूति हो रही है। उन्होंने बताया कि वह पिछले 15 सालों से ब्रह्माकुमारीज़ के कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं, जहां उन्हें मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतन मोहिनी से मिलने का अवसर मिला और उनका आशीर्वाद प्राप्त हुआ। मैं खुद को बहुत धन्य महसूस कर रहा हूं। आध्यात्मिकता की शक्ति से हम समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं, और यह हमारे जीवन में शांति और संतुलन का माध्यम है।
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अध्यात्म की कमी से नशे की गिरफ्त में आ रहे लोग – सांसद रवि किशन
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से सांसद और अभिनेता रवि किशन ने कहा है कि उन्हें चेहरे पढ़ने का कौशल है और इसीलिए वे लोगों की मानसिकता को समझते हैं। उन्होंने कहा कि यहां आकर बहुत शांति महसूस हो रही है। हम शांति ढूंढने आए थे। रवि किशन ने लोगों की दौड़-भाग की मानसिकता पर चिंता जताते हुए कहा कि जीवन में चलते-चलते रुक जाना, यही लोग नहीं समझ पाते हैं। लोग निरंतर कुछ पाने की चाह में दौड़ते रहते हैं। कला और राजनीति, दोनों क्षेत्रों में लोग लगातार भाग रहे हैं। उन्होंने संसद में ड्रग्स के मुद्दे पर पहली बार चर्चा करने की बात करते हुए कहा कि अध्यात्म के अभाव में लोग नशे की गिरफ्त में जा रहे हैं। यह चिंता का विषय है।
सांसद ने लोगों की सोच पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि लोग सोचते हैं कि बुढ़ापे में ईश्वर को याद कर लेंगे, लेकिन जब कदम ही नहीं चलेंगे, तो तीर्थ यात्रा कैसे करेंगे? उन्होंने समाज को जागरूक करने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि लोग अपने जीवन में आध्यात्मिकता को अपनाएं और नशे से दूर रहें।
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संसार का परिवर्तन खुद से शुरू होता है, वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को समझें – प्रो. डॉ. मोहित गुप्ता
दिल्ली के जीबी पंत अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. डॉ. मोहित गुप्ता ने समाज में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि हमें दुनिया में कमियों की तलाश करने के बजाय अपने मन को देखना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया सुधरे, जग सुधरे, खुद को आज सुधारे कौन? परउपदेश कुशल बहुतेरे, खुद पर आज विचारे कौन?
प्रो. गुप्ता ने वसुधैव कुटुम्बकम् की अवधारणा को समझाते हुए कहा कि यह केवल शब्दों का खेल नहीं है, बल्कि यह भावनाओं और संकल्पों के परिवर्तन की कहानी है। उन्होंने आगे कहा, यदि हमारा संकल्प परिवर्तित होता है तो हमारी दृष्टि परिवर्तित होती है। जब दृष्टि परिवर्तित होती है, तो हमारी कृति भी बदलती है। उन्होंने यह भी बताया कि जीवन के बदलाव के लिए हमें अपनी वृत्तियों और संस्कृतियों में परिवर्तन लाना होगा।
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वैश्विक शिखर सम्मेलन में वसुधैव कुटुम्बकम् पर मंथन, पत्रकारिता में उत्कृष्ट योगदान के लिए राहुल सिन्हा और मुकेश माथुर सम्मानित
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मुख्यालय शांतिवन में चल रहे वैश्विक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन वक्ताओं ने वसुधैव कुटुम्बकम् विषय पर चिंतन-मंथन किया। इस दौरान नोएडा के जी मीडिया के प्रबंध संपादक राहुल सिन्हा और जयपुर के दैनिक भास्कर के राज्य संपादक मुकेश माथुर को पत्रकारिता में उनके उल्लेखनीय योगदान पर ब्रह्माकुमारीज़ की ओर से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्र चेतना पुरस्कार से सम्मानित किया।
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अध्यात्म से मिलती है नई ऊर्जा, ब्रह्माकुमारीज़ का योग संदेश है समय की आवश्यकता – राहुल सिन्हा
नोएडा के जी मीडिया के प्रबंध संपादक राहुल सिन्हा ने आज एक कार्यक्रम में कहा कि उनका अध्यात्म और सनातन के साथ गहरा रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि जब-जब मैं अध्यात्म और सनातन के करीब पहुंचता हूं, मुझे नई ऊर्जा मिलती है। यह ऊर्जा मुझे काम करने की प्रेरणा देती है।
सिन्हा ने ब्रह्माकुमारीज़ संस्था द्वारा प्रस्तुत योग के संदेश की सराहना करते हुए कहा कि यह आज के तनावपूर्ण माहौल में अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा चलाया जा रहा नशामुक्ति अभियान एक प्रकार का यज्ञ है, जिसमें आहुति देना बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के समय में योग का संदेश सभी के लिए बहुत जरूरी है। यह केवल व्यक्तिगत सुधार का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने का एक सशक्त उपाय भी है।
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दुनिया में नकारात्मकता से निपटना पत्रकारों की चुनौती, ब्रह्माकुमारीज़ ला सकती है बदलाव – मुकेश माथुर
जयपुर के दैनिक भास्कर के राज्य संपादक मुकेश माथुर ने कहा कि पत्रकारों के पास नकारात्मक और सकारात्मक दोनों तरह की खबरें आती हैं, और हम इन्हीं में जीते हैं। उन्होंने बताया कि लेकिन उस नकारात्मकता से कैसे निपटना है, यह सवाल हम पत्रकार रोज अपने आप से पूछते हैं।
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दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर, इंसानियत को खतरे में डाल रहे हैं संघर्ष – माथुर
संपादक मुकेश ने वर्तमान विश्व स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कहा कि आज दुनिया में युद्ध चल रहा है और हम तीसरे विश्व युद्ध की कगार पर खड़े हैं। दुनिया दो हिस्सों में बंटी हुई है। आधी दुनिया इजराइल पर हमले की चर्चा कर रही है, जबकि दूसरी आधी हिजबुल्लाह पर हमले की खुशी मना रही है। कोई भी यह नहीं समझ पा रहा कि कहीं भी हमले होने से इंसानियत को नुकसान ही होगा। उन्होंने आगे कहा कि आज हम नकारात्मकता का जीवन जी रहे हैं और समाज जिस दिशा में बढ़ रहा है, उस पर चिंतन करने की आवश्यकता है। ऐसे में ब्रह्माकुमारीज़ का यह मंच, यह इको सिस्टम कैसे बदलाव ला सकता है, यह सभी को नजर आ रहा है।
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मानवता के संरक्षक पुरस्कार से सम्मानित हुए प्रो. चेतन सिंह सोलंकी, केंद्रीय मंत्री और भाजपा अध्यक्ष को मिला विशेष सम्मान
इस मौके पर संस्थान की ओर से केंद्रीय रेल राज्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और उत्तराखंड के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर एनर्जी स्वराज फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. चेतन सिंह सोलंकी को मानवता के संरक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।
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बीके मेहरचंद भाई ने उत्तराखंड में संस्थान की सेवाओं का प्रस्तुत किया रिपोर्ट, राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने कराया गहन शांति का अनुभव…
संस्थान के बीके मेहरचंद भाई ने उत्तराखंड में संस्थान द्वारा की जा रही सेवाओं की रिपोर्ट पेश की। समारोह की शुरुआत में सोनालैक पेंट्स के एमडी बीके राधे श्याम गर्ग ने स्वागत भाषण दिया। अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके जयंती दीदी ने उपस्थित लोगों को राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से गहन शांति का अनुभव कराया।
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राशी अग्रवाल ने साझा किए विचार, समारोह में कलाकारों ने किया मनमोहक स्वागत
राशी अग्रवाल ने भी अपने विचार साझा किए, जबकि मैंगलोर से आए श्रीविद्या मुरलीधर सौरभ संगीत नृत्य कला परिषद के कलाकारों ने स्वागत नृत्य पेश किया। इस समारोह में मधुरवाणी ग्रुप के कलाकारों ने भी मनमोहक स्वागत गीत प्रस्तुत किया। गोरखपुर के विधायक प्रदीप शुक्ल समेत अन्य गणमान्य लोग भी इस कार्यक्रम में उपस्थित रहे। मंच का कुशल संचालन बीके अंजली बहन ने किया, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।