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आध्यात्मिक नेतृत्व से ही होगा सच्चा सामाजिक परिवर्तन: केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके का संबोधन

हाईलाइट्स:

  • ब्रह्माकुमारी संस्था के अंतरराष्ट्रीय मंच पर आध्यात्मिक अनुभवों का संगम, ब्रह्माकुमारीज के प्रमुख सदस्यों की विशेष उपस्थिति

  • समाज में सकारात्मक बदलाव की आवश्यकता / प्रमुख नेताओं ने आध्यात्मिकता की ओर किया आह्वान

  • दुर्गादास उईके ने आध्यात्मिक नेतृत्व को सामाजिक परिवर्तन का आधार बताते हुए ब्रह्माकुमारी बहनों की साधना और समर्पण की सराहना की

  • भारत के जनजातीय मामलों के मंत्री दुर्गादास उईके ने आध्यात्मिक नेतृत्व को समाज में सकारात्मक परिवर्तन का मूल आधार बताया

  • भारत सरकार के मंत्री दुर्गादास उईके ने आध्यात्मिक नेतृत्व को समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए महत्वपूर्ण बताया, ब्रह्माकुमारी बहनों के योगदान की सराहना की

  • दुर्गादास उईके का आध्यात्मिक नेतृत्व पर जोर / सामाजिक परिवर्तन के लिए आवश्यक है आत्म-ज्ञान

  • समाज में शांति और परिवर्तन के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता: राजमाता शुभांगिनी गायकवाड़ का महत्वपूर्ण बयान

  • उपेंद्र राय का महत्वपूर्ण विचार: धर्म और अध्यात्म के विभिन्न मार्गों को समझने की आवश्यकता

  • समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए आध्यात्मिकता की आवश्यकता – मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई का स्पष्ट दृष्टिकोण

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 04/10/2024

आबू रोड, राजस्थान। भारत सरकार के जनजातीय मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके ने सामाजिक परिवर्तन के लिए आध्यात्मिक नेतृत्व विषय पर गहन विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि अध्यात्म का अर्थ स्वयं की खोज है, और यदि हमें समाज में सशक्त बदलाव लाना है, तो समाज का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को आध्यात्मिक ज्ञान से समृद्ध होना आवश्यक है। जब नेता आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलेंगे, तो उनके कार्य भी समाज में सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में अग्रसर होंगे।

  • भारत संतों और महापुरुषों की भूमि: आत्म शुद्धि से समाज में लाएं बदलाव, उईके का आह्वान

उईके ने भारतीय परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत संतों और महापुरुषों की भूमि है, जहां प्राचीन काल से ही राजा और शासक आध्यात्मिक चेतना के माध्यम से अपने राज्यों का कुशल संचालन करते थे। उन्होंने कहा कि आत्म शुद्धि के बिना एक स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने यह भी बताया कि इतिहास में जितने भी गहरे बदलाव हुए हैं, वे महान विचारकों और साधकों द्वारा किए गए हैं, क्योंकि बिना स्वम की साधना के सूक्ष्म परिवर्तन असंभव है।

  • वसुधैव कुटुंबकम को कर्मों में उतारने की अपील, ब्रह्माकुमारी बहनों के योगदान की सराहना…

उईके ने “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना पर जोर देते हुए कहा कि इसे कर्मों में उतारना बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने महिलाओं और विशेष रूप से ब्रह्माकुमारी बहनों के योगदान की सराहना की, जो अपने तप, त्याग और साधना से समाज में परिवर्तन लाने के लिए कार्यरत हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ब्रह्माकुमारी बहनें अपने आध्यात्मिक नेतृत्व से निश्चित रूप से समाज में एक दिन बड़ा परिवर्तन लाएंगी। उन्होंने इनकी साधना और समर्पण को नमन किया।

  • उपेंद्र राय को ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा राष्ट्र चेतना पुरस्कार से सम्मानित, धर्म और अध्यात्म के बीच पहचान की आवश्यकता पर जोर

भारत एक्सप्रेस न्यूज़ के प्रधान संपादक एवं निदेशक उपेंद्र राय को उनके पत्रकारिता में योगदान के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा राष्ट्र चेतना पुरस्कार से नवाजा गया। इस सम्मान समारोह में राय ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि हमारे देश में धर्म और अध्यात्म को जोड़ने की कोशिश की गई है, लेकिन उनके अनुसार, दोनों एक-दूस से अलग हैं।

  • उपेंद्र राय का संदेश: धर्म की शिक्षा से बढ़कर है आत्मा की समझ

उपेंद्र राय ने कहा, मेरा अनुभव यह है कि धर्म और अध्यात्म की अपनी-अपनी पहचान और भूमिका है। मुझे लगता है कि मैं अपने बच्चे को किसी एक धर्म की शिक्षा न देकर, उसे इस बात की समझ दूं कि विभिन्न धर्मों ने हमें परमात्मा तक पहुंचने के विभिन्न मार्ग बताए हैं।

  • उपेंद्र राय के विचारों ने सभा में उजागर किया आध्यात्मिकता का महत्व और पत्रकारिता की नैतिकता की ज़रूरत

उन्होंने यह भी बताया कि अध्यात्म धर्म से कहीं ऊँचा है और यह सिखाता है कि जीवन में जो मूल्यवान चीजें हैं, उन्हें छोड़ते चले जाना ही सच्चे मायने में जीवन को जीने का सही तरीका है। राय के विचारों ने इस बात पर जोर दिया कि आध्यात्मिकता हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और यह हमें गहराई से सोचने और समझने की प्रेरणा देती है। इस सम्मान के दौरान उपेंद्र राय ने पत्रकारिता के क्षेत्र में सत्य और नैतिकता के महत्व पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि कैसे समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है।

  • शांति और सकारात्मक बदलाव के लिए एकजुट हों: राजमाता शुभांगिनी गायकवाड़ का प्रेरणादायक संबोधन

बड़ौदा की राजमाता शुभांगिनी राजे गायकवाड़ ने अपने हालिया दौरे के दौरान कहा, यहां आकर मुझे अत्यधिक शांति और खुशी का अनुभव हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि आज समाज में अनेक युद्ध चल रहे हैं, जो कि चिंताजनक है। राजमाता ने स्वामी विवेकानंद के योगदान की सराहना करते हुए कहा, स्वामी विवेकानंद ने अपने अद्भुत आध्यात्मिक संदेश को विदेशों में फैलाया, जिसके परिणामस्वरूप विश्व में लोगों का भारत को देखने का नजरिया बदल गया। उनका यह बयान इस बात का प्रतीक है कि आध्यात्मिकता और शांति के लिए एकजुट होकर प्रयास करना आवश्यक है। उन्होंने सभी से अपील की कि हमें अपने अंदर शांति की खोज करनी चाहिए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए।

  • डाइकिन इंडिया की कंवलजीत जावा ने ब्रह्माकुमारीज के कार्यों की सराहना की, ‘ज्वैल ऑफ भारत’ पुरस्कार से किया सम्मानित

डाइकिन एयरकंडीशनिंग इंडिया प्रा. लिमिटेड की सीएमडी कंवलजीत जावा ने हाल ही में ब्रह्माकुमारीज संस्था के सराहनीय कार्य की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “ब्रह्माकुमारीज संस्था उद्योग क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही है। आपकी मेहनत और समर्पण के लिए आपको संस्थान की ओर से ‘ज्वैल आफ भारत’ पुरस्कार से नवाजा गया है।”

  • कर्ली टेल्स की सीईओ कामिया जानी वर्मा ने साझा किए विशेष पुरस्कार की खुशी के पल…

इस अवसर पर कर्ली टेल्स की सीईओ कामिया जानी वर्मा ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, आज यहां आकर बहुत खुशी महसूस हो रही है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि आपको भी विशेष कार्य के लिए राष्ट्र चेतना पुरस्कार’ से नवाजा गया है।

इस कार्यक्रम में दोनों प्रमुख व्यक्तियों ने ब्रह्माकुमारीज संस्था की कार्यशैली और उनके योगदान की सराहना की, जो समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

  • आधुनिक युग में आध्यात्मिकता की आवश्यकता समाज के सकारात्मक परिवर्तन का मंत्र – बीके करुणा भाई

मीडिया निदेशक बीके करुणा भाई कहा कि आधुनिक युग में समाज जिस तीव्र गति से बदल रहा है, वहां आध्यात्मिकता की आवश्यकता और भी अधिक बढ़ जाती है। परिवर्तन केवल बाहरी ढांचे तक सीमित नहीं रह सकता, हमें आंतरिक रूप से भी बदलाव की आवश्यकता है। यही आंतरिक परिवर्तन समाज को सकारात्मक दिशा में ले जाने का मूलमंत्र है। ब्रह्माकुमारीज संस्थान समाज के हर वर्ग को ये सिखाते हैं कि आध्यात्मिकता से जीवन के हर क्षेत्र में सुधार संभव है—चाहे वह शिक्षा हो, स्वास्थ्य हो, पर्यावरण हो, या फिर सामाजिक न्याय। जब हम अपने आचरण और विचारों में शुद्धता और स्वच्छता लाते हैं, तभी समाज में भी स्वच्छता और शांति का संचार होता है।

  • ब्रह्माकुमारी संस्था में अन्य संस्थाओं के प्रमुखों का संगम…

ऑस्ट्रेलिया में ब्रह्माकुमारीज़ के निदेशक चार्ली हॉग, रामकृष्ण मिशन नई दिल्ली के सचिव स्वामी सर्वलोकानंद, कर्नाटक राज्य मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शरणप्पा वैजीनाथ हाल्से, मैंगलोर के सौरभ संगीत नृत्य कला परिषद के श्रीविद्या मुरलीधर, ब्रह्माकुमारीज़ की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी, नईदिल्ली पांडव भवन की निदेशिका राजयोगिनी बीके पुष्पा दीदी, वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका बीके सुमन दीदी ने भी अपने आध्यात्मिक अनुभव सांझा किए। स्वागत भाषण ग्लोबल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. बीके प्रताप मिड्‌ढा ने दिया। स्वागत नृत्य पुणे से आए नृत्यर्ष कथक नृत्य संस्थान के कलाकारों ने पेश किया। मंच का कुशल संचालन जयपुर की बीके चंद्रकला दीदी ने किया।

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