खुद की सेवा में समाया है समाज सेवा – पूर्व मुख्यमंत्री

हाईलाइट्स –

  • `समृद्ध एवं सशक्त समाज की कुंजी – अध्यात्म’ विषय पर चार दिवसीय सम्मेलन का आयोजन

  • सभी अतिथियों का तिलक, बैज, शॉल व गुलदस्ता भेंटकर किया गया स्वागत

  • सभी मुख्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया कार्यक्रम का उद्घाटन

  • नेपाल के विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा बीके सुदेश दीदी और संतोष दीदी का किया गया सम्मान

  • अमरावती करागार की जेल सुपरिटेंडेंट कीर्ति वर्धन चिंतामणि ने सुनाएं अपने जीवन के अनुभव

  • दिल्ली खानपुर की बीके आशा बहन ने स्वर्णिम समाज की स्थापना के लिए शपथ दिलाई

नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान  19-07-2024

माउण्ट आबू, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संस्था के ज्ञानसरोवर परिसर में संस्था के सामाजिक सेवा प्रभाग द्वारा समृद्ध एवं सशक्त समाज की कुंजी – अध्यात्म विषय पर चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश भर से व नेपाल से समाज सेवा के क्षेत्र से जुड़े लोगों ने भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।

  • सेवा का यही मूल मंत्र है..

दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री कीरत सिंह रावत ने कहा कि समाज की सेवा करने से पहले खुद की सेवा करें और स्वयं में सुधार लाएं। समाज सेवा का यही मूल मंत्र है। ब्रह्माकुमारी संस्था अध्यात्म के आधार पर वे हमारे जीवन को श्रेष्ठ बना रही है। आगे उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा दी जा रही आध्यात्मिक शिक्षाएं समाज के कल्याण के लिए है। इन शिक्षाओं से मैं खुद को काफी प्रेरित महसूस कर रहा हूं।

  • कारागार का निगेटिव वातावरण हमारे लिए चुनौति थी – कीर्ति वर्धन

अमरावती करागार की जेल सुपरिटेंडेंट कीर्ति वर्धन चिंतामणि ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनों के सम्पर्क में आने से हमारे जीवन में आध्यात्मिकता का बल आता गया। और जेल जैसे नकारात्मक माहौल को कुछ बेहतर बनाने की प्रेरणा मिली। अध्यात्म का जब साथ होता है तब हर कार्य सहज हो जाते हैं। जब हम सच्चे दिल से कुछ संकल्प करते हैं तो वह सिद्ध हो जाता है। हमने बंदियों के जीवन में सुधार के लिए अनेक प्रोग्राम किए।

  • दीदी ने कहा आप दुआएं लेते जाओ…

आगे उन्होंने कहा कि शिवानी दीदी से मुझे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली। जब मैं शिवानी दीदी से मिली तो मैंने कहा कि हमें जेल में पॉजिटिव एनर्जा की जरूरत है जिससे कि मुझे कार्य करने में बल मिले। तब शिवानी दीदी ने कहा कि आप दुआएं लेते जाओ। हमने सरकार के सहयोग से स्टाफ के क्वाटर को और जेल को ठीक कराया। तब से मुझे बहुत दुआएं मिली। उस दुआ के बल से ही मैं जेल के निगेटिव वातावरण में कार्य कर पा रही हूं। यह हमारे लिए भी जरूरी है कि हम कुछ ऐसा सोचे या फिर कुछ ऐसा काम करें जिससे हमें दुआएं मिले।

  • कपड़े देने या खाना देने से लोगों का जीवन नहीं बदलता – सुदेश दीदी

संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका व ज्ञान सरोवर की डायरेक्टर राजयोगिनी सुदेश दीदी ने कहा  कि मुझे बचपन से ही चाहना थी कि मैं समाज सेवा करूं। समाज बहुत अच्छा होना चाहिए। समाज की शोभा, जीवन की शोभा है। हरेक इंसान को कितनी चिंता, कितना परेशानी, कितना दुःख, कितनी हिंसा, कितना डर, इंसान, इंसान होते भी आराम से नहीं रह सकता। तो समाज सुधरना चाहिए। थोड़े व्यक्ति ऐसे हैं जिनका जीवन ठीक नहीं है। जिसके कारण अनेक आत्माओं को कष्ट पहुंचता है। कपड़े देने से या फिर खाना देने से उनका जीवन नहीं बदलता क्योंकि उनके अंदर शक्ति नहीं है अपने जीवन को बदलने की। इसके लिए उनकी आध्यात्मिक सेवा करनी होगी।

  • समृद्ध बनने से पहले सशक्त बनना आवश्यक…

समाज सेवा प्रभाग की अध्यक्षा व संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी संतोष दीदी ने कहा कि समृद्ध् बनने से पहले सशक्त बनने की आवश्यकता है। आध्यात्मिकता हमें ये सिखाती है सशक्त अर्थात् स्वराज्य अधिकारी। अपनी कर्मइंद्रियों के उपर राज्य करने वाला ही सशक्त है। आध्यात्मिकता हमें ये सिखाती है बुरा मत सुनो, बुरा मत देखो, बुरा मत सोचो। उसके लिए हमें अंतर्मुख होने की आवश्यकता है अर्थात् आत्मिक स्थिति में स्थित होने की आवश्यकता है। हम कम बोलेंगे, धीरे बोलेंगे और मीठा बोलेंगे तो सभी हमारी बात को सुनेंगे। आज दुनिया में जो भी झगड़े हैं वह बोल के ही कारण हैं।

  • स्वर्णिम दुनिया का हिस्सा बनने के लिए…

दिल्ली खानपुर की बीके आशा बहन ने कहा हम सभी जिस समाज में रह रहे हैं वहां हर चीजें बहुत ही फास्ट हो गई है। फास्ट फूड खाने की प्रथा बच्चों में बढ़ती जा रही है। आज के आधुनिक जीवन में सब कुछ फास्ट हो गया है। यहां तक की हम जिन रोगों के बारे में सुना करते थे कि बुढ़ापे में होते हैं आज वो युवा पीढ़ी में दिखाई दे रहे हैं। परंतु एक समय ऐसा भी था जब हर चीज बिल्कुल सुव्यवस्थित, संतुलित और नियंत्रित थी। वे समय देव युग था। जहां श्रीलक्ष्मी और श्रीनारायण का राज्य था। वही स्वर्णिम सवेरा फिर से इस सृष्टि पर उदय होने वाला है। उस स्वर्णिम दुनिया का हिस्सा बनने के लिए आध्यात्मिक गुणों को जीवन में धारण करना है।

  • इन सब का करण हमारे जीवन शैली में परिवर्तन होना है…

समाज सेवा प्रभाग के उपाध्यक्ष व गुलबर्गा सबजोन के डायरेक्टर बीके प्रेम भाई ने कॉन्फ्रेंस का उद्देश्य बताते हुए कहा कि जब आप इतिहास के पन्नों को पलटेंगे तो देखेंगे कि कहीं वृक्ष लगाए जा रहे हैं, कहीं वावड़ी की खुदाई हो रही है तो कहीं धर्मशाला बनाए जा रहे हैं तो कहीं अन्न दान दिया जा रहा है, वस्त्र दान ये सब सेवा में ही संलग्न हैं। मनुष्य ने इतने शास्त्र पुराण पढ़े हैं सब में यह बताया गया है कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। परंतु देखते देखते हैं हमारे चरित्र में गिरावट आती गई। खान पान की अशुद्धि बढ़ती गई। आज इतने मेडिकल कॉलेज खुलने के बाद भी बीमारियां बढ़ती जा रही है मनुष्य  असक्त होता जा रहा है। इन सब का काम हमारे लाइफ स्टाइल में परिवर्तन होना ही है।

  • समाज सेवा का महत्व बताया…

समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन को समाज सेवा प्रभाग के नेशनल क्वाडिनेटर बीके अवतार भाई ने भी संबोधित किया और अपने विचार रखें। बीके मेहरचंद भाई ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और समाज सेवा का महत्व बताया। मुख्यालय संयोजक वीरेन्द्र भाई ने सभी अतिथियों का आभार प्रगट किया और मंच का कुशल संचालन बीके वंदना बहन ने किया।

समाजसेवी सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए समाज सेवा प्रभाग के नेशनल क्वाडिनेटर बीके अवतार भाई।
सभी अतिथियों का शब्दों से स्वागत करते हुए बीके मेहरचंद भाई।
मंच का कुशल संचालन करते हुए बीके वंदना बहन।

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