


-
नई सुबह की नई किरण समारोह में अहमदपुरकर महाराज ने दादी जी के साथ मनाया अपना 105 वां जन्मदिन
-
नई सुबह की नई किरण समारोह का दादी जी के साथ अनेक विशिष्ट अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया उद्घाटन
-
मराठी पत्रकार संघ के द्वारा दादी जी को 95 किलो का माला पहनाकर किया गया स्वागत
-
सोमप्रभा दीदी, गीता दीदी, प्रज्ञा बहन के साथ अनेकों भाई – बहनों द्वारा हेलीपैड पर पुष्प गुच्छ भेंटकर दादी जी का किया भव्य स्वागत
-
दादी जी के आगमन के साथ बीड सेवाकेंद्र में मनाया गया शिव जयंती का त्यौहार
-
सूर्या लांस पहुंचने पर दादी जी का स्थानीय नागरिकों द्वारा ताली की गड़गड़ाहट से हुआ स्वागत
-
दादीजी की उपस्थिति में विशिष्ट अतिथियों का हुआ महत्वपूर्ण संबोधन वा सम्मान



बीड, महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के बीड जिले में स्थित ब्रह्माकुमारी संस्था के स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा कनाल रोड स्थित सूर्या लांस में नई सुबह की नई किरण नाम से एक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह का प्रारंभ दादी जी के साथ माउंट आबू से आए मधुबन निवासियों के भव्य स्वागत सम्मान समारोह से हुआ।

इस समारोह को संबोधित करते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी ने कहा मनसा शक्ति बढ़ाकर हमें सर्व के प्रति शुभ भावना और शुभकामना देना है क्योंकि हम सब एक पिता परमात्मा की संतान हैं। परमात्मा हम सब को सत्य ज्ञान देकर ऊंचा बना रहे हैं। सृष्टि पर प्रारम्भ में स्वर्ग की दुनिया थी जहां सुख और शांति थी। हम परमात्मा के बताए हुए मार्ग पर चलेंगे तब हमारा श्रेष्ठ भाग्य बनेगा। और हमारे विचार श्रेष्ठ बन जाएंगे। जब हमारे विचार श्रेष्ठ बन जाएंगे तब हमारा कर्म भी बदल जाएगा।
-
दुख और अशांति का मूल कारण है स्वयं को ना जानना – गीता

माउंट आबू से आयी वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी गीता बहन ने कहा कि जीवन में जो दुख और अशांति है उसका मूल कारण स्वयं को ना जानना और अध्यात्मिक ज्ञान की कमी है। इस अज्ञानता के कारण ही आज सारा विश्व विभाजित है। परमात्मा शिव अध्यात्मिक जगत के सूर्य हैं। उन्हें याद करने से आत्मा के अंदर शक्ति आ जाती है। जिससे वह सहज ही बुराइयों कर विजय प्राप्त कर लेता है।
-
परमात्मा से दूर होता जा रहा है मानव – भरत

ब्रह्माकुमारी संस्था के चीफ इंजीनियर व सोशल एक्टिविटी ग्रुप के अध्यक्ष वीके भरत भाई ने कहा कि मनुष्य धर्म को तो मानते लेकिन आत्मिक शक्ति की कमी होने के कारण उस मार्ग पर चल नहीं पाते हैं। आज विज्ञान ने मानव को सुख सुविधाओं के तो अनेक साधन दिए हैं लेकिन वहीं दूसरी ओर मानव जीवन में दुख और अशांति भी बढ़ती जा रही है। जिसके कारण वह परमात्मा से दूर होता जा रहा है।
-
दादी जी के आशीर्वाद से यह सहज हो जायेगा – मुंडे

सांसद प्रीतम मुंडे ने कहा कि मन की शांति किसी को बदल कर नहीं बल्कि जो जैसा है वैसा ही स्वीकार करने से मिलती है। राजनीति में रहते हुए आध्यात्मिकता के मार्ग पर चलना कठिन है लेकिन दादी जी के आशीर्वाद से यह सहज हो जाएगा।

-
ब्रह्माकुमारी बहनों का जीवन प्रेरणा स्रोत है – राहुल

बीड जिले के जिलाधिकारी राहुल ने कहा कि इस संस्था के दौरान दिया जा रहा ज्ञान मानव को दुखों से दूर कर उसे सुख का रास्ता दिखाने वाला है। ब्रह्माकुमारी बहनों का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
-
आध्यात्मिक शिक्षा मूल्यनिष्ठ बनाती है – सोमप्रभा


-
भारतीय संस्कृति को फैलाने का कार्य कर रही है – महाराज

अहमदपुरकर महाराज ने कहा कि दादा लेखराज ने अध्यात्म का एक पौधा लगाया था। जो आज वट वृक्ष बन चुका है। मुझे खुशी है कि ब्रह्माकुमारी संस्था पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति व अध्यात्म को फैलाने का कार्य कर रही है। विज्ञान की चकाचौंध ने हमें नैतिक मूल्यों से दूर कर दिया है।

-
संस्कार परिवर्तन से सृष्टि परिवर्तन होगी – प्रज्ञा

सभी अतिथियों का आभार प्रकट करते हुए बीड सेवाकेंद्र की संचालिका बीके प्रज्ञा दीदी ने कहा परमात्मा के द्वारा दिया जा रहा यह ज्ञान हम सभी के संस्कारों को परिवर्तन करने के लिए है। संस्कार परिवर्तन से ही सृष्टि परिवर्तन होगी और इस धरा पर नई दुनिया आएगी।
-
यादगार समारोह बनाया




