हाइलाइटस:-
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टोंगा की कॉमनवेल्थ वोकेशन यूनिवर्सिटी के कुलपति ने शांतिवन के विशाल सभागार में मुन्नी दीदी को प्रदान की डॉक्टरेट की डिग्री
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ब्रह्माकुमारी संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका के साथ बनी डॉक्टरेट बीके मुन्नी दीदी
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मुन्नी दीदी ने कहा: यह सम्मान हमारा नहीं बल्कि दादी और परमात्मा का है
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बीके मुन्नी दीदी बाल्यकाल से ही दादी की निर्देशन में अध्यात्म की शिक्षा ले रही थीं
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इससे पूर्व संस्था में डॉक्टरेट की उपाधि से दादी प्रकाशमणि, दादी जानकी, दादी रतनमोहिनी को किया जा चुका है सम्मानित
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दादीजी की 14 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रदान की गई डॉक्टरेट की उपाधि
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दादी जी की पुण्यतिथि विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में पूरे विश्व में मनाई गई
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डॉ.ब्रजेश पटेल द्वारा संकलित प्रभु प्यार के मधुर गीत पुस्तक का हुआ विमोचन
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कोरोना महामारी के दौरान संस्था को कोरोना मुक्त रखने के लिए बीके मृत्युंजय भाई द्वारा किए गए कार्यों के लिए किया गया सम्मानित
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संस्था की दिवंगत पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी जी के जीवन पर आधारित कोहिनूर ऑफ स्प्रीचुअलिटी एलबम का दादी और मुन्नी बहन के द्वारा किया गया विमोचन
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दादी जी की 14 वीं पुण्यतिथि बनी यादगार

नवयुग टाइम्स, संवादाता, 25-08-2021
आबू रोड। ब्रह्माकुमारी संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका ब्रह्माकुमारी मुन्नी दीदी को टोंगा की कॉमनवेल्थ वोकेशन यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि देकर सम्मानित किया गया।

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आध्यात्मिक व्यक्ति संतुलित होते हैं

दादी जी की 14 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कामनवेल्थ वोकेशन यूनिवर्सिटी, टोंगा के कुलपति डॉ.रिपु रंजन सिन्हा ने कहा कि हम सभी के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण है। बीके मुन्नी दीदी को यह उपाधि प्रदान करते हुए हमें बहुत हर्ष हो रहा है। उन्हें यह उपाधि भारत सहित विश्व के अनेक देशों में अध्यात्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि एक रिसर्च में यह पाया गया है आध्यात्मिक व्यक्ति अन्य व्यक्तियों की तुलना में ज्यादा कुशाग्र और पॉजीटिव होते हैं। मानव के संतुलित व्यवहार के लिए अध्यात्म बहुत ही जरूरी है। मैंने यह देखा है कि आध्यात्मिक व्यक्ति बहुत ही दृढ़ता से अपने लक्ष्य को प्राप्त करता है। मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि 21 वीं सदी अध्यात्म की सदी होगी।

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हमारे जितना भाग्यशाली कोई और नहीं…

संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ओम शांति कहते हुए कार्यक्रम को सम्बोधित किया और कहा कि भगवान हम बच्चों को जितना भाग्यशाली बनाते हैं कि उतना कोई और नहीं बना सकता है। प्रकाशमणि दादी अंतिम घड़ी में भी हम सबको यही याद दिलाते रहे कि हम निमित मात्र हैं कराने वाला बाबा है। इसी स्मृति से हम कर्मातीत बन सकते हैं।
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यह हम सभी के लिए गौरव की बात है…

संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा – दादी जी की इस यादगार दिवस पर मुन्नी बहन को सम्मानित किया जाना हम सभी के लिए गौरव की बात है। जैसे सभी लोग ब्रह्मा बाबा को मेरा बाबा कहते हैं उसी प्रकार दादी को लोग मेरी दादी कहते हैं। क्योंकि दादी हम सबको अपना समझकर ही पालना करती रही है।
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कार्य कैसे करना है यह हमें दादियों ने सिखाया…

संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका बीके मुन्नी दीदी ने टोंगा विश्वविद्यालय का आभार प्रगट करते हुए कहा कि मुझे विश्वविद्यालय द्वारा जो डॉक्टरेट की उपाधि देकर सम्मानित किया है इसके लिए मैं दिल से आभार प्रगट करती हूं। उन्होंने आगे कहा यह सम्मान हमारा नहीं बल्कि दादी और परमात्मा का है। छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कार्य करना हमें दादियों ने सिखाया है। जिससे आज मैं बेहद के यज्ञ को संभाल रही हूं।

इस कार्यक्रम को बीके मृत्युंजय भाई, बीके दीपक हरके, बीके संतोष दीदी, बीके आशा दीदी ने भी सम्बोधित किया और अपने विचार रखे। इससे पूर्व सभी अतिथियों को बैज, गुलदस्ता और शॉल उढ़ाकर सम्मानित किया गया। मंच का कुशल संचालन इलाहाबाद की बीके मनोरमा दीदी ने किया।




