Breaking News

स्व-प्रशासन की कला बनाती है कुशल प्रशासक

हाइलाइट्स :-

  • ब्रह्माकुमारी संस्था के प्रशासनिक प्रभाग का महासम्मेलन भोपाल में हुआ सम्पन्न

  • प्रशासनिक महासम्मेलन को मध्य प्रदेश विधानसभा के मुख्य सचिव ने किया सम्बोधित

  • जीवन के संग्राम में वही व्यक्ति विजयी होता है जो आंतरिक व मानसिक रूप से सशक्त होता है

  • हमारा विवेक तभी सही निर्णय देता है जब हम आंतरिक रूप से सशक्त होते हैं

  • आध्यात्मिक ऊर्जा से संपन्न व्यक्ति ही बनता है कुशल प्रशासक

  • स्वयं पर प्रशासन करने के लिए आवश्यकता होती है आत्मिक ज्ञान की

  • निमित मात्र समझकर कार्य करने से जीवन में मूल्यों का विकास होता है

नवयुग टाइम्स, संवादाता, मध्यप्रदेश

  • इन्होंने किया सम्बोधित

भोपाल। प्रजापिता ब्रह्माकमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के भोपाल जोन द्वारा राजयोग भवन के सभागार में अखिल भारतीय प्रशासक महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से मध्य प्रदेश विधानसभा के मुख्य सचिव अवधेश प्रताप सिंह, राजस्व विभाग के सचिव संजय गोयल, दिल्ली से प्रशासक प्रभाग की राष्ट्रीय अध्यक्षा बीके आशा दीदी, माउण्ट आबू से मुख्यालय संयोजक बीके हरीश भाई, गोधरा से बीके शैलेश भाई, पालम विहार दिल्ली से बीके उर्मिला बहन, भोपाल से बीके रीना बहन सहित प्रशासनिक सेवा से जुड़े अनेक पदाधिकारियों ने भाग लिया और इस महासम्मेलन को सम्बोधित किया।

  • कुशल प्रशासन के लिए मेडिटेशन आवश्यक…

महासम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के मुख्य सचिव अवधेश प्रताप सिंह ने कहा कि जीवन एक संग्राम है इसमें वही व्यक्ति विजय प्राप्त करता है जो आंतरिक व मानसिक रूप से सशक्त होता है। जीवन में बहुत सारे क्षण ऐसे आते हैं जहां पर हमें विवेक के आधार पर निर्णय लेना होता है। हमारा विवेक तभी सही निर्णय देता है जब हम आंतरिक रूप से सशक्त होते हैं। मेडिटेशन का अभ्यास हमें सशक्त बनाने के साथ-साथ हमारी ऊर्जा को भी बढ़ाता है। वहीं राजस्व विभाग के सचिव संजय गोयल ने कहा कि यहां आकर हमें जो ऊर्जा मिलती है वह हमारे कार्य में बहुत ही मददगार बनती है।

  • आध्यात्मिक ऊर्जा से संपन्न व्यक्ति ही बनता है कुशल प्रशासक…

भोपाल जोन की निदेशिका व प्रशासक प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका राजयोगिनी बीके अवधेश दीदी ने कहा कि स्व-प्रशासन हेतु हमें मूल्यों की आवश्यकता होती है। ये मूल्य हमें अपने परिवार व आध्यात्मिक शिक्षा से मिलते हैं। दूसरों पर प्रशासन करना तो सहज है लेकिन स्वयं पर प्रशासन करने के लिए आत्मिक ज्ञान की आवश्यकता होती है। आध्यात्मिक ऊर्जा से संपन्न व्यक्ति ही कुशल प्रशासक बनता है।

  • स्वयं पर नियंत्रण करना ही कुशल प्रशासन…

ओम शांति रिट्रीट सेंटर की डायरेक्टर व प्रशासक प्रभाग की राष्ट्रीय संयोजिका बीके आशा दीदी ने कहा कि स्वयं पर नियंत्रण रखना ही स्व-प्रशासन है। प्रतिदिन मेडिटेशन के अभ्यास द्वारा हम स्वयं को शक्तिशाली बना सकते हैं। आत्मा व परमात्मा का सत्य ज्ञान प्रशासन के कार्य में हमें बहुत मदद करता है।

  • निमित समझने से मूल्यों का विकास होता है…

प्रशासन प्रभाग के मुख्यालय संयोजक बीके हरीश भाई ने प्रशासनिक प्रभाग द्वारा की जा रही सेवाओं से अवगत कराते हुए कहा कि कुशल प्रशासक बनने के लिए स्वयं का शासक बनना जरूरी है। हम कोई भी कार्य करें तो निमित मात्र समझकर करें तो इससे हमारे जीवन में मूल्यों का विकास होता है। कार्यक्रम का कुशल संचालन ओआरसी की बीके ख्याति बहन ने किया। स्वागत भाषण ब्रह्माकुमारी रीना बहन ने दिया और मेडिटेशन के द्वारा गहन शांति का अभ्यास ब्रह्माकुमारी आकृति बहन ने कराया। कार्यक्रम के अंत में सभी को ईश्वरीय उपहार भेंटकर सम्मानित किया गया।

Check Also

स्वस्थ व स्वच्छ समाज के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण: कादमा में विशेष कार्यक्रम का आयोजन

🔊 Listen to this हाईलाइट्स: मानवता की ओर लौटने का मार्ग है आध्यात्मिकता: एसडीएम मनोज …

Navyug Times