हाइलाइट्स :-
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परमात्मा की स्मृति व राजयोग की साधना से प्रारंभ हुआ आध्यात्मिक समारोह
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ब्रह्माकुमार भाई-बहनों की उपस्थिति ने बिखेरी अध्यात्म की खुशबू
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राज्यपाल ने पत्र संदेश के द्वारा आध्यात्मिक समारोह में दर्ज की अपनी उपस्थिति
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राज्यपाल ने कहा – ब्रह्माकुमारी बहनें राजयोग का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर स्वस्थ समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है
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ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा की जा रही सेवाओं की राजयपाल ने की सराहना
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स्वच्छ व व्यसन मुक्त जीवन के संकल्प के साथ मनाया गया आध्यात्मिक समारोह
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समाज में भौतिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा देना भी जरूरी
नवयुग टाइम्स, संवादाता, हि.प्र. 26-11-2021
सुन्नी, हिमाचल प्रदेश। ब्रह्माकुमारी संस्था के सुन्नी सेवाकेंद्र के तृतीय वार्षिकोत्सव को आध्यात्मिक सम्मेलन के रूप में मनाया गया। इस सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने पत्र-संदेश के द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करते हुए बधाई दी और कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था न केवल भारतवर्ष में बल्कि पूरे विश्व में अपने सेवाकेंद्रों के माध्यम से लोगों को अध्यात्म की शिक्षा प्रदान कर उन्हें संतुलित जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा दे रही है। आगे उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारी बहनें गांव-गांव में जाकर राजयोग का निःशुल्क प्रशिक्षण देकर स्वस्थ समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। कोविड के समय संस्था के द्वारा जो सामाजिक सेवाएं की गई वह सराहनीय है। आगे उन्होंने लिखा है समाज सेवा में समर्पित उन लोगों को जिन्हें इस वार्षिक आध्यात्मिक सम्मेलन में उत्कृष्ट सेवा पुरस्कार दिया जाएगा उन्हें मैं हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देता हूं।
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जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं…
भाजपा के कार्यकारी सदस्य व बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के सह संयोजक डॉ.प्रमोद शर्मा ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था के द्वारा जो आध्यात्मिक व नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है वह मानव के सर्वागींण विकास के लिए आवश्यक है। इन मूल्यों को अपनाकर ही हम जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं। आज समाज को भौतिक शिक्षा के साथ-साथ आध्यात्मिक मूल्यों की शिक्षा देना भी जरूरी है। यह कार्य इस संस्था के द्वारा बखूबी किया जा रहा है।
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जैसा संस्कार होगा वैसा जीवन बनेगा…
संस्था के मुख्यालय माउंट आबू से पधारे वरिष्ठ राजयोगी भ्राता बीके प्रकाश भाई ने कहा कि नैतिक मूल्य हमें मूल्यवान बनाते हैं। इसकी शिक्षा हमें घर में माता-पिता से ही मिलती है। इसलिए मां को प्रथम गुरू कहा जाता है। हम अपने जीवन में जैसे संस्कार धारण करते हैं वैसा ही हमारा जीवन बनता है। आगे उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। इसलिए हम सभी को मिलकर इसे व्यसन मुक्त बनाना है। जहां स्वच्छता होती है वहीं देवत्व का निवास होता है।
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हमें दिव्यता की ओर ले जाता है…
अहमदाबाद से पधारी राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी नेहा बहन ने आध्यात्मिक सम्मेलन की शुभकामना देते हुए कहा कि राजयोग एक जीवनशैली है जो हमें जीवन जीने की कला सिखाती है। इसका नियमित अभ्यास हमें अनेक बुराईयों से बचाता है और दिव्यता की ओर ले जाता है।
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जीवन परिवर्तन करने की प्रेरणा देना है…
सेवाकेंद्र प्रभारी बीके शकुंतला बहन ने अपने ओजस्वी सम्बोधन में सभी-बहनों को बधाई देते हुए कहा कि हमें स्वयं के परिवर्तन से ही विश्व को बदलना है। इसलिए हमें अपने आस-पास के सभी लोगों को आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाकर जीवन परिवर्तन करने की प्रेरणा देना है।
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समारोह में ये भी रहें उपस्थिति
इस कार्यक्रम में बीके गोपी भाई, शिमला की बीके रजनी बहन, अपरा फिलोर से ज्योति बहन, अहमदाबाद से बीके नंदा बहन, जालंधर से बीके तृत्पी बहन और बीके मनीषा बहन सहित अनेक वरिष्ठ भाई-बहनें उपस्थित रहें। मंच का कुशल संचालन बीके राकेश भाई ने किया।
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इस तरह हुआ स्वागत…
कार्यक्रम के अंत में बीके नेहा बहन के द्वारा सभी आमंत्रित अतिथियों को ईश्वरीय उपहार व शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व सभी अतिथियों का स्वागत आत्म स्मृति का तिलक देकर व गुलदस्ता भेंटकर किया गया।