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केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का ब्रह्माकुमारीज के मुख्यालय पहुंचने पर हुआ भव्य स्वागत
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संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय भाई ने केंद्रीय मंत्री को गुलदस्ता व शॉल ओढ़ाकर किया स्वागत
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केंद्रीय मंत्री ने कहा – पुराणों में कहा गया है विद्या वो है जो हमें आसक्ति से दूर करे
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आज मुझे इस पुनीत स्थल पर आने का अवसर मिला है – शेखावत
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महिला प्रभाग की अध्यक्षा व वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदी ने केंद्रीय मंत्री को परमात्मा का स्मृति चिन्ह भेंटकर किया स्वागत
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केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जोधपुर से हैं सांसद
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अध्यात्म के मार्ग ने बहुत लोगों का जीवन परिवर्तित किया है
नवयुग टाइम्स, संवादाता, राजस्थान 10-07-2022
आबू रोड। भारत सरकार के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के ब्रह्माकुमारीज मुख्यालय शांतिवन पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर शांतिवन के डायमण्ड हॉल में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अनेक वर्षों से हमारे मन में था कि मुझे एक बार इस पवित्र स्थान पर जाकर यहां व्याप्त ऊर्जा का अनुभव करना चाहिए। बाबा के इस घर में, बाबा की आज्ञा के बिना शायद आना संभव नहीं था। जब मैं विद्यालय में पढ़ता था तब हमारी माताजी ब्रह्माकुमारी संस्था के सम्पर्क थी। उस समय से मेरा इस ईश्वरीय विश्व विद्यालय के साथ में जुड़ाव रहा है। आज मुझे इस पुनीत स्थल पर आने का अवसर मिला है।

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असीमित ऊर्जा से जुड़ा हुआ महसूस कर रहा हूं
जिस जगह पर आत्मा का परमात्मा से मिलन होता हो, ऐसी जगह जहां अनेकानेक लोग पिछले अनेक वर्षों में आत्मा के परमात्मा से जुड़ाव के रास्ते पर आगे बढ़े हो, जहां पर प्रतिदिन उस मार्ग पर चलने की प्रेरणा हजारों-लाखों लोगों को मिलती हो। निश्चित ही उस जगह से सृजित ऊर्जा का प्रभाव न केवल वहां के वातावरण और वायुमण्डल पर होता है अपितु यहां के वनस्पति, पानी, पेड़-पौधे सब पर पड़ता है। मैं अपने आपको यहां आकर के उस असीमित अपारिमानित ऊर्जा से जुड़ा हुआ महसूस कर रहा हूं।

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भारतीय संस्कृति का प्रकीर्णन पूरे विश्व में किया
ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने न केवल देश में अपितु पुरी दुनिया में भारतीय संस्कृति और भारत की आध्यात्मिक चेतना, विद्या परम्परा का प्रकीर्णन पूरे विश्व में किया है। जैसा हमारे पुराणों में कहा गया है विद्या वो है जो हमें आसक्ति से दूर करे। निश्चित रूप से इस मार्ग ने बहुत लोगों का जीवन परिवर्तित किया है। इस भारत की संस्कृति का प्रकीर्णन पूरे विश्व भर में किया। हम सब जानते हैं हमारा देश एक महत्वपूर्ण पड़ाव से गुजर रहा है। हालांकि भारत जैसे सनातन संस्कृति के देश का लाखों लाख वर्षों का इतिहास रहा है। भारत ऐसा देश है जिसे लोकतंत्र की जननी कहा जा सकता है। दुनिया में यदि कहीं लोकतंत्र प्रारंभ हुआ था तो सबसे पहले भारवर्ष में हुआ था। फिर भी हमारे स्थापित इतिहास के अनुरूप हम देश की आजादी के 75वें वर्ष से गुजर रहे हैं।

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आजादी का 75वां वर्ष हम सबके लिए महत्वपूर्ण
एक व्यक्ति के जीवन में 75 वर्ष बहुत बड़ा कालखण्ड हो सकता है। लेकिन राष्ट्र के जीवन में और वो भी भारत जैसा हो जिसकी इतनी सुधीर्ग परम्परा रही हो, जिसका लाखों वर्षों का इतिहास रहा हो, उस राष्ट्र के जीवन में 75 वर्ष एक छोटे से बिन्दु जैसा कालखण्ड होगा। लेकिन वर्तमान परिपेक्ष्य में यदि हम देखें तो आजादी का यह 75 वां वर्ष निश्चित रूप से हम सबके लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमें एक अवसर पर प्रदान करता है कि हम पीछे मुड़कर देखें कि इन 75 वर्ष में हमें कहां पहुंचना चाहिए था और कहां हम पहुंच पाएं हैं। यह हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। जो कर्तव्य हमारे प्राणी मात्र के प्रति हैं, जो परिवार के प्रति हैं, जो समाज के प्रति हैं, जो राष्ट्र के प्रति हैं, प्रकृति और पर्यावरण के सब घटकों के प्रति हमारे जो कर्तव्य हैं उन सब पर एक बार पुर्नविचार करने का भी अवसर प्रदान करता है।

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आने वाले 25 वर्षों में देश का स्वरूप तय करना है
इस 75 वर्ष की यात्रा के बाद आगामी 25 वर्ष जिसे अमृतकाल की संज्ञा दी गई है। ये 75वां वर्ष हमें इस बात की प्रेरणा देता है कि आने वाले 25 वर्ष के बाद देश किस तरह का होगा। हम किस तरह की कल्पना अपने देश के लिए करते हैं। लोक कल्याण की भावना के साथ जिस तरह से हमारे देश ने हमारी संस्कृति ने, जो बीज हमें दिया है, उसका प्रकीर्णन किस तरह से हो सके, ये अवसर हमें इस 75 वर्ष के अमृत वर्ष में मिला है। आने वाले 25 वर्ष के काल में हम उस बीज को पल्लवित कर किस तरह से उस लक्ष्य तक पहुंच सके। ऐसा समय हम सब लोगों के बीच में मिला है। मुझे अत्यंत खुशी है ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने इस आजादी के अमृतवर्ष में माननीय प्रधानमंत्री जी का जो संदेश था उसके साथ जुड़ने का संकल्प लिया।

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ब्रह्माकुमारी संस्था ने जनआंदोलन बनाने में बहुत प्रभावी भूमिका तय की
ब्रह्माकुमारी संस्थान ने वर्ष भर में पंद्रह हजार कार्यक्रम करने का लक्ष्य रखा था लेकिन सौभाग्य की बात है कि दुनिया भर में केवल तीन महीने के कालखण्ड में ही उन पंद्रह हजार कार्यक्रमों को आयोजित किया। मैं ये मानता हूं कि इस तरह से जब समाज के ऐसे संस्थान इस तरह के विषय के साथ जुड़ते हैं तो निश्चित ही वो विषय एक जनआंदोलन का स्वरूप लेता है। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने इसे एक जनआंदोलन बनाने में एक बहुत प्रभावी भूमिका तय की है। कोई भी विषय चाहे कितना भी कठिन, कितना भी दुरूह, कितना भी कष्टप्रद क्यों न हो लेकिन जब उस विषय को या जो चुनौति चाहे कितनी भी बड़ी हो, उस चुनौति को जब समाज अपने कंधों पर उठा लेता है। जब उस चुनौति को जन सामान्य मानवीय अपनी चुनौति है ऐसा स्वीकार कर लेता है तो वो चुनौति निश्चित रूप से पार की जा सकती है।
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इन्होंने किया स्वागत
केंद्रीय जल शक्ति मंत्री के शांतिवन पहुंचने पर संस्था के कार्यकारी सचिव ब्रह्माकुमार मृत्युंजय भाई, संस्था के मल्टी मीडिया डिवीजन के चीफ ब्रह्माकुमार करूणा भाई, दिल्ली शक्ति नगर की वरिष्ठ राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदी ने फुल, तिलक व शॉल भेंटकर स्वागत किया तथा उन्हें मुख्यालय में पुनः पधारने का निमंत्रण दिया।
