हाईलाइट्स:
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सांपाला निवासी भाई-बहनों द्वारा शिवानी दीदी का किया गया भावभीनी स्वागत
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शिवानी बहन को सुनने के लिए स्थानीय नागरिकों का उमड़ा जनसैलाब
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दर्शकों ने कहा आज तक तो शिवानी दीदी को टीवी पर देखा व सुना आज सम्मुख सुनने का सौभाग्य मिला
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अध्यात्म के आकर्षण से मंत्रमुग्ध हुए सांपला निवासी
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दीया जलाना शुभ माना जाता है – बीके शिवानी
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शिवानी दीदी ने बताया स्वास्तिका का आध्यात्मिक रहस्य
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खुशी सदा बनी रहे इसके लिए राजयोग जीवन शैली को अपनाएं
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प्रतिदिन सुबह के तीन संकल्प आपके संबंधों में लाएंगे मधुरता
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प्रत्येक घर में ऊर्जा कमाने वाला एक शक्ति स्तंभ होना चाहिए

नवयुग टाइम्स, संवादाता, हरियाणा। 12-04-23
सांपला, हरियाणा। ब्रह्माकुमारी संस्था के स्थानीय सेवाकेंद्र द्वारा खुशियों का पासवर्ड विषय पर सिंघानिया के सेमिनार हॉल में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसे सम्बोधित करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने बताया जीवन में खुशी सदा बना रहे इसके लिए जरूरी है कि हम अपने जीवन में राजयोग मेडिटेशन को अपनाएं।

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इस कारण से गुम हो जाती है हमारी खुशी

इससे पूर्व दीदी जी ओम शांति कहकर सभा को संबोधित करते हुए कहा आप अपना ध्यान भृकुटी के मध्य में लगाये जहां पर हम तिलक लगाते हैं और एक संकल्प करे कि मैं शक्तिशाली आत्मा हूं, हर परिस्थिति में शांत हूं, खुशी मेरा संस्कार है, खुशी मेरा स्वभाव है, मैं आत्मा सदा खुश, शांत और स्थिर हूं। हम सब सहज सरल और खुश रहना चाहते हैं। खुशी मेरा स्वभाव है लेकिन मेरे अंदर चिंता, तनाव, गुस्सा के कारण हमारी खुशी गुम हो जाती है।

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दीया जलाना शुभ होता है

आगे उन्होंने कहा आज से हम अपनी भाषा में परिवर्तन करेंगे। यदि हम चाहिए शब्द बोलेंगे तो हम लेने वाले बन जाएंगे। देना शुभ माना जाता है इसलिए घरों में लोग दिया जलाते हैं। जब दिया बुझ जाता है तब अशुभ माना जाता है माना हमारे जीवन में अशुभ होने लगता है। इसलिए हमें सदा आत्मा रूपी दीपक को जलाए रखना है।
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स्वास्तिका हमें कालचक्र के रहस्य को बताता है

आगे उन्होंने जीवन में स्वास्तिका का महत्व बताते हुए कहा हम देवी देवताओं के कुल के हैं। हमारे पूर्वज देवी देवता हैं जिस युग में हम देने वाली आत्मा होते हैं तो वह युग सतयुग कहलाता है। जब भी हम जीवन में शुभ कार्य करते हैं तो स्वास्तिका बनाते हैं जिसके बराबर – बराबर चार भाग होते हैं। पहला भाग सतयुग का जिसमें हम देने वाले होते हैं दूसरा भाग त्रेत्तायुग का जिसमें हम देना कम कर देते हैं, तीसरा भाग द्रपर युग का जिसमें हम लेना शुरु कर देते हैं माना चाहिए चाहिए और कलियुग में तो हम हाथ खड़े कर देते हैं माना हम छीनने की स्थिति में आ जाते हैं। स्वास्तिका हमें कालचक्र दिखाता है जिस प्रकार सृष्टि में सुबह होती है और रात होती है रात के बाद फिर सुबह होती है इसी प्रकार सृष्टि पर घोर कलयुग रुपी रात्रि के बाद सतयुग रूपी सुबह होने वाला है अर्थात सतयुग आने वाला है। कलयुग अर्थात कलह-क्लेश का युग और सतयुग अर्थात सुख-शांति का युग। 24 घंटे का समय में भी सुबह उठना चाहिए तो कालचक्र में भी अभी जगाने का समय आ गया है।
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संस्कार से बनती है सृष्टि

आगे दीदी ने बताया कि अगर हम मन में नकारात्मक विचार रखेंगे तो हमारे संबंधों में मधुरता नहीं रहेगी, हर जगह की एक ऊर्जा होती है, हर व्यक्ति की एक ऊर्जा होती है ऊर्जा अर्थात आभामंडल और यह बनता है हमारे मन के संकल्पों से। इसलिए देवी देवताओं के सर के पीछे चक्र दिखाया जाता है जो कि सफेद कलर का होता है वह आभामंडल है। जितना-जितना हम नकारात्मक संकल्पों से दूर होते जाएंगे हमारा आभामंडल क्लीन होता जाएगा। इसका प्रभाव वातावरण, प्रकृति, संबंध और परिवार पर पड़ता है। धन से घर तो बन जाता है लेकिन घर में सुकून धन से नहीं आता है वह आता है हमारे संस्कारों से, हमारे संकल्प से और हमारी उर्जा से। इसलिए तो कहा जाता है संस्कार से सृष्टि बनती है।
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संबंधों में मधुरता लाने के लिए प्रतिदिन करें तीन संकल्प


दीदी जी ने आज बताया कि यदि हम संबंधों में मधुरता लाना चाहते हैं तो हमें प्रतिदिन 3 संकल्प सुबह-सुबह करने होंगे क्योंकि कोई भी चीज करते-करते संस्कार बन जाता है। पहला संकल्प है आप शुद्ध, पवित्र और शक्तिशाली आत्मा हो, आपका हर संस्कार श्रेष्ठ है, आपका हर कार्य सबको सुख देता है। इस समय हर कोई किसी न किसी संस्कारों की अग्नि में जल रहा है जिसका मन अंदर से खुश नहीं है माना आत्मा की शक्ति घटी हुई है माना वह बीमार है जो बीमार होता है उससे नाराज नहीं होना चाहिए बल्कि उसे दुआ देनी चाहिए। आप सुबह सुबह उठकर भगवान से प्राथना करने के बाद पूजा करते हैं उसके बाद ये तीन संकल्प अवश्य दुहरा ले माना आत्माओं को दुआ दे।
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हम अपने परिवार का शक्ति स्तंभ बनें

जब धर्म की अति ग्लानि होती है तब परमात्मा का सृष्टि पर अवतरण होता है। उसकी याद में हम हर वर्ष शिवरात्रि का त्योहार मनाते हैं परमात्मा हमें संस्कार परिवर्तन करने की शक्ति देता। अब वह समय आ गया है कि हम अपने परिवार का, अपने घर का शक्ति स्तंभ बने। जो धन कमाने के साथ-साथ उर्जा भी कमाए।
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शब्दों से किया स्वागत

हिंदी साहित्यकार मधुकांत बंसल ने सभी अतिथियों का शब्दों से स्वागत करते हुए कहा कि सांपला का ऐतिहासिक महत्व भी है। यह हमारा सौभाग्य है कि शिवानी दीदी हम सभी के बीच में पधारी है उनका हम दिल से धन्यवाद करते हैं।
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विभिन्न संस्थाओं ने शिवानी दीदी को किया सम्मानित

अंतरराष्ट्रीय मोटिवेशनल वक्ता ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी जी को अनेक समाज सेवी संस्थाओं ने मेमेंटो भेंटकर गौरवान्वित महसूस किया। इन संस्थाओं में मुख्य रुप से भारत विकास परिषद, सांपला वेलफेयर एसोसिएशन, महिला दक्षता समिति, वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति, व्यापार मंडल, खाटू श्याम सेवा समिति के सदस्यों ने दीदी जी को प्रतीक चिह्न भेंटकर सम्मानित किया।

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इन्होंने दर्ज की उपस्थिति
खुशी का पासवर्ड कार्यक्रम में मुख्य रुप से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा की धर्मपत्नी श्रीमती आशा हुड्डा, प्रिंसिपल गायत्री देवी, जिला परिषद की अध्यक्षा श्रीमती मनजीत हुड्डा, ब्लॉक समिति के चेयरमैन टीनू, समाजसेवी सुरेंद्र गुप्ता सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
