हाईलाइट्स:
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सभी अतिथियों का तिलक, बैज व गुलदस्ता भेंटकर किया गया स्वागत
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मेहसाणा सेवाकेंद्र की कुमारी ने पेश किया स्वागत नृत्य
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सभी अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया
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ज्ञान सरोवर में आयोजित हुआ ग्राम विकास प्रभाग का चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन
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सम्मेलन को अनेक विश्वविद्यालय के कुलपतियों, कृषि वैज्ञानिकों व प्रोफेसरों ने किया सम्बोधित
नवयुग टाइम्स संवादाता, राजस्थान 13/06/24
माउण्ट आबू, राजस्थान। ब्रह्माकुमारी संस्था के ग्राम विकास प्रभाग द्वारा ज्ञान सरोवर परिसर में भारतीय कृषि दर्शन एवं संपूर्ण ग्राम विकास विषय पर चार दिवसीय राष्ट्रिय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन में देश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संखया में किसानों, कृषि वैज्ञानिकों तथा विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कुलपतियों ने भाग लिया।
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जिसकी कल्पना हमने बहुत समय पहले की थी – कुलपति
दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए केंद्रीय विश्वविद्यालय, इम्फाल के कुलपति डॉ. अनुपम मिश्रा ने कहा कि हम पहले धार्मिक रूप से पौधों से जुड़े हुए थे। शिक्षा के माध्यम से ही हम अपने खेती के संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को देते हैं। प्रकृति भी एक नियम से चलती है। ईश्वर के जो शाश्वत नियम हैं, हमारे संस्कारों में, भारतीय ग्रंथों में समाहित है। जिसकी कल्पना हमने बहुत समय पहले की थी। हम समाजिक, धार्मिक और संस्कृतिक रूप से बहुत पहले से ही उन्नत थे। हमे भारत को उन्नत बनाना है तो पहले गांव का विकास करना होगा।
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प्रकृति कृषि का मूल मंत्र है गौ माता – कर्नाटक
महाराणा प्रताप कृषि एवं प्राद्योगिकी विश्विद्यालय के कुलपति डॉ. अजित कुमार कर्नाटक ने कहा कि आजादी के बाद से भारत ने कृषि के क्षेत्र में अनेक कीर्तिमान स्थापित किए हैं। आज हम धीरे – धीरे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। यह सब किसानों की मेहनत के कारण ही हो पाया। अधिक अनाज उत्पन्न करने में तो हम सफल हुए मगर क्वांटिटी के चक्कर में हमारी क्वालिटी समाप्त हो गई। आज कीटनाशकों और उर्वरक के उपयोग के कारण न सिर्फ मिट्टी की उर्वरता कम हुई बल्कि मानव के स्वास्थ पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। किसान की आय को बढ़ाने के लिए हमें कृषि में विविधीकरण लाना होगा। प्रकृति कृषि का मूल मंत्र है गौ माता। बिना गौ माता के प्राकृतिक खेती नहीं हो सकती।
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हरेक इन्सान इस कर्म क्षेत्र पर खेती करने वाला खेत्रज्ञ है – सुदेश दीदी
ज्ञान सरोवर की डायरेक्टर व संस्था की संयुक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी सुदेश दीदी ने कहा की अनादि प्रकृति है हम सभी आत्मा भी अनादि हैं। पांच तत्वों से बना यह शरीर प्रकृति की देन है। हरेक इन्सान इस कर्म क्षेत्र पर खेती करने वाला है। हम सभी कर्मों की खेती कर्म इन्द्रियों के द्वारा करते हैं।
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…लेकिन अध्यात्म में विश्व गुरु बन सकते हैं – बृजमोहन
ब्रह्माकुमारी संस्था के अतिरिक्त महासचिव बीके बृजमोहन भाई ने कहा कि पहले लोग प्रकृति के नियमों के आधार पर कार्य करते थे तो दुनिया में सुख था। प्रकृति ने किस भी चीज़ का कीमत नहीं लगाया लेकिन मानव ने धीरे-धीरे प्राकृतिक का दोहन करना शुरू कर दिया। अगर मानव की नेचर सुधर जाए तो प्रकृति अपने स्वरूप में आ जाए। एक योगी व्यक्ति जो भी करेगा वह यौगिक होगा। सन्तुष्टता सबसे बड़ा धन है। सन्तुष्टता से खुशी पैदा होती है। किसी भी चीज़ का अभाव व्यक्ति के अंदर इच्छा पैदा करता है। अगर हम विश्व गुरु बनना चाहते हैं तो विश्व गुरु माना चैंपियन जिसकी तुलना में कोई ना हो। हम किसी भी चीज़ मे विश्व गुरु नहीं बन सकते लेकिन अध्यात्म में बन सकते हैं। इसलिए सबसे बड़ी आवश्यकता है यौगिक जीवन बनाने की।
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संस्था का मुख्य विषय राजयोग है…
ग्राम विकास प्रभाग के बीके राजू भाई ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था का मुख्य विषय राजयोग है और योग के प्रयोग से असंभव कार्य भी सम्भव हो जाते हैं।
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वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारतीय कृषि दर्शन को स्पष्ट किया…
कृषि निदेशालय उत्तर प्रदेश, लखनऊ में सहायक निदेशक एवं ग्राम विकास प्रभाग के कोर कमेटी मेंबर बीके बद्री विशाल भाई ने वीडियो प्रेजेंटेशन के माध्यम से भारतीय कृषि दर्शन को स्पष्ट किया। भारत देश अपनी संस्कृति के माध्यम से ही सोने की चिड़िया कहलाता था।
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इन्होंने भी किया संबोधित…
ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन को ग्राम विकास प्रभाग की अध्यक्षा बीके सरला दीदी, नेशनल क्वाडिनेटर बीके सुनन्दा बहन ने भी संबोधित किया और अपने विचार रखें। सभी अतिथियों का आभार प्रगट मुख्यालय संयोजक बीके सुमन्त भाई ने किया तथा मंच का कुशल संचालन सूरत की बीके तृप्ति बहन ने किया।