आध्यात्मिकता द्वारा श्रेष्ठ व्यवहार लाएगा सड़क दुर्घटनाओं में कमी – ट्रांसपोर्ट कमिश्नर

हाईलाइट्स:

  • संस्था के यातायात एवं परिवहन प्रभाग द्वारा गति, सुरक्षा और आध्यात्मिकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

  • दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया कार्यक्रम का उद्घाटन

  • जीवन यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए मन से हल्के और खुश रहना चाहिए

  • सकारात्मकता के द्वारा अपने कार्य में कुशलता लाकर दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकते हैं

  • घर परिवार में प्यार भरा वातावरण भी जीवन रक्षा के लिए जरूरी है

नवयुग टाइम्स संवादाता राजस्थान 09/08/24
माउण्ट आबू। भारत के एक लाख सत्तर हजार से ज्यादा लोग दुर्घटनाओं का शिकार होकर हर साल मरते हैं। भारत में होने वाली 84% दुर्घटनाएं चालकों की गलती के कारण ही होती है।

उक्त उद्गार मुंबई से पधारे महाराष्ट्र स्टेट ट्रांसपोर्ट कमिश्नर विवेक भीमावर ने राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के यातायात एवं परिवहन प्रभाग द्वारा ज्ञान सरोवर, माउंट आबू में गति, सुरक्षा, आध्यात्मिकता विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा। आगे उन्होंने कहा कि तेज गति से वाहन चलाना तथा घर परिवार और कारोबार के तनाव और आक्रोश को मन में लेकर वाहन चलाने से 7 लाख से ज्यादा लोग दुर्घटना के शिकार होकर अपंग भी हो जाते हैं। मुझे विश्वास है कि मेडिटेशन से व्यवहार बदलेगा, इसलिए आध्यात्मिकता सड़क दुर्घटनाओं में निश्चित ही कमी आ सकती है।

  • आध्यात्मिकता द्वारा यह संभव है…

प्रभाग की अध्यक्षा बीके दिव्या बहन ने कहा कि दुनिया में हर कोई हर कार्य को तेज गति से करना चाहता है। आजकल यह देखा गया है कि संसार में लोगों के मन की गति भी काफी तीव्र चल रही है। संसार में तनाव और अनिद्रा का यह एक मुख्य कारण है। तेज  गति की कामना करना बुरी बात नहीं है मगर यह ध्यान रखना होगा कि इससे नुकसान न पहुंचे। मन को शक्तिशाली बनाने से व्यक्ति सही तरीके से हर कार्य करेगा तो जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेगा। जीवन यात्रा को सुरक्षित रखने के लिए मन से हल्के और खुश रहना चाहिए। आध्यात्मिकता द्वारा यह संभव है।

  • सकारात्मकता से दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकते हैं…

प्रभाग के उपाध्यक्ष बीके डॉक्टर सुरेश शर्मा ने कहा कि जीवन रूपी यात्रा को सफल बनाने के लिए हमेशा सकारात्मक सोच और खुद में और खुदा में विश्वास रखना बहुत लाभदायक साबित होता है। उन्होंने कहा कि जीवन में असुरक्षा की भावना होने के कारण और ज्यादा दुर्घटनाएं होती हैं इसलिए सकारात्मकता के द्वारा हम न केवल अपने कार्य में कुशलता ला सकते हैं बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी ला सकते हैं। घर परिवार को सदा सुरक्षित रख सकते हैं।

  • अपने इस सफर को सुचारू रूप से चला सकेंगे…

ज्ञान सरोवर की डायरेक्टर राजयोगिनी प्रभा दीदी ने कहा कि एक न एक दिन हमारा यह सफर पूरा होगा और उसके बाद हमें वापस घर लौटना पड़ेगा। जीवन की इस यात्रा का आनंद लेने के लिए हर प्रकार की खुशी आपको प्राप्त करना है। स्वयं के ऊपर विशेष अटेंशन देकर हम खुशियां आनंद प्राप्त कर सकते हैं। राजयोग का ध्यान अभ्यास हमें खुद को सुंदर बनाए रखना सिखाता  है। स्वयं को सुंदर बनाकर हम अपने इस सफर को सुचारू रूप से चला सकेंगे।

  • यात्रा को सुखमय और सफल बनाएगा…

युवा प्रभाग की अध्यक्षा बीके चंद्रिका बहन ने आत्मा की यात्रा को सुखद बनाने के लिए आप सदा प्रभु के सानिध्य में रहकर राजयोग का अभ्यास करने की प्रेरणा दी और कहा कि सकारात्मकता का संकल्प आपकी यात्रा को सुखमय और सफल बनाएगा।

  • इस संगोष्ठी में 600 मेहमान हुए शामिल…

इस सम्मेलन को जाने-माने मैनेजमेंट ट्रेनर स्वामीनाथन, मुंबई से पधारे जाने माने मनोचिकित्सक डॉक्टर हरीश शेट्टी,  ई.वी गिरीश , बी.के कमल आदि वक्ताओं ने भी संबोधित किया। ब्रह्माकुमारी नीरजा बहन ने सम्मेलन में पधारे हुए लोगों को धन्यवाद दिया और उनका आभार प्रकट किया। मंच का कुशल संचालन कुमारी पिंकी और राजीव भाई ने किया। इस संगोष्ठी में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तेलंगाना, बिहार, मध्यप्रदेश, कर्नाटक सहित अनेक प्रांतों से लगभग 600 मेहमान शामिल हुए हैं।

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