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सबसे अच्छी मेडिसीन है स्वच्छ विचार – दादी

प्रतिनिधि। देश भर से आए हुए चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए डॉक्टर सोनिया रावत।

नवयुग टाइम्स। प्रतिनिधि।
आबू रोड। यूके की प्रेजेंटिव हेल्थ एण्ड वेलनेस की डायरेक्टर डॉ.सोनिया रावत ने कहा, वर्तमान समय में हाथ की लकीरों को नहीं, बल्कि अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है।
वे शांतिवन में ब्रह्मा कुमारी संस्थान के मेडिकल प्रभाग द्वारा, आयोजित अखिल भारतीय कार्यक्रम में देश भर से आए हुए, चिकित्सकों को सम्बोधित करते हुए बोल रही थी। उन्होंने आगे कहा कि हमें मन का प्रबंधन करने के लिए, मेडिटेशन का अभ्यास करना आवश्यक है। मुलायम सिंह यादव मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने कहा, आध्यात्मिकता सिर्फ थ्योरी नहीं बल्कि जीवनशैली है। जो हमें अनेक बीमारियों से बचाती है।
संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी ने कहा, वर्तमान जीवन शैली में हमें टेंशन नहीं बल्कि अटेंशन रखने की आवश्यकता है। यदि आप सबसे खुश रहेंगे तो सभी आपसे भी खुश रहेंगे। खुश रहना है तो सच्चाई, सफाई और सादगी से रहना होगा। मन की सबसे अच्छी मेडिसीन है स्वच्छ विचार। मन में स्वच्छ विचार रहेंगे, तो मन हमेशा प्रसन्न रहेगा और सेहत भी अच्छी रहेगी। संयुक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने कहा, राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने से हमारा मन, शांत और खुश रहने लगता है। हम एक-दूसरे में खुशियां बांटते रहे तो हमारा घर, खुशियों का घर बन जायेगा। वहां जो भी आयेगा उसे खुशी की अनुभूति होगी।
संस्था के महासचिव बीके निर्वैर भाई ने कहा, आध्यात्मिक ज्ञान हमें स्वस्थ बनाने के साथ-साथ, जीवन को मूल्यों से सम्पन्न भी बनाता है। यही मूल्य हमें स्वस्थ समाज के निर्माण में सहायक होते हैं। हमें अपने दुर्गुणों को त्याग कर, सात्विक जीवनशैली अपनानी चाहिए।
मेडिकल प्रभाग के सचिव डॉ.बनारसी लाल शाह ने, देश भर से आए हुए चिकित्सकों का स्वागत करते हुए कहा, राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने से अनेकों लोगों को, हार्ट की बीमारी, शुगर की बीमारी, कैंसर जैसी अनेक असाध्य बीमारियों को, ठीक करने में भी आशातीत सफलता प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि, ईश्वरीय ज्ञान का श्रावण करने से ६५ से ७० प्रतिशत लोगों ने व्यसनों का त्याग किया है। जो कि एक रिकार्ड है। ग्लोबल अस्पताल के उप-अधीक्षक डॉ.प्रताप मिढ्ढा ने कहा, आज परहेज बढ़ गए हैं लेकिन बीमारियां कम नहीं हुई। हम जिस तरह से जीवन जी रहे हैं, वही बीमारी का कारण बनता है। हमारे मन में जो संकल्प चलते हैं, उसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। स्वस्थ जीवन जीने के लिए, सात्विक आहार के साथ-साथ, नियमित रूप से व्यायाम और मेडिटेशन का अभ्यास भी करना चाहिए। मंच का कुशल संचालन मुम्बई के डॉ.गिरीश पटेल ने किया।

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