- अखिल भारतीय माइंड बॉडी मेडिसीन सम्मेलन में पूरे देश तथा नेपाल से हजारों डॉक्टरों ने की शिरकत
- व्यसन मुक्त गांव बनाने के संकल्प के साथ हुआ माइंड बॉडी मेडिसीन सम्मेलन का समापन
मेडिकल प्रभाग द्वारा शांतिवन में आयोजित कार्यक्रम के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए वक्तगण। - नवयुग टाइम्स, प्रतिनिधि। 25 नवम्बर 2019
आबू रोड। विगत चार दिनों से शांतिवन में चल रहे ३९ वें माइंड-बॉडी मेडिसीन कार्यक्रम का आज विधिवत समापन हो गया। समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माउण्ट आबू स्थित ग्लोबल हॉस्पीटल के निदेशक डॉ.प्रताप मिढ्ढा ने कहा आध्यात्मिकता भारतीय संस्कृति का अंग है। हमारी संस्कृति में सुर्योदय से पहले उठना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता था लेकिन आज की युवा पीढ़ी हमारी इस संस्कृति से दूर होती जा रही है। आज आवश्यकता है हमारी युवा पीढ़ी को हमारी संस्कृति से अवगत कराने की। उन्होंने कहा कि सूर्योदय से पहले उठकर राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करना अनेक दवाओं की एक दवा है। जो हमें स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक रूप से सशक्त भी बनाता है।
अनेकों को मिलेगी प्रेरणा
मल्टी मीडिया के चीफ बीके करूणा भाई ने कहा कि जब आप यहां आए थे तो आप सिर्फ डॉक्टर थे लेकिन अब आप तन के साथ-साथ मन के भी डॉक्टर बन गए। आपने जो कुछ यहां अनुभव किया उसे आप अपने जीवन में अपनाएंगे तो इससे अनेकों को प्रेरणा मिलेगी।
जब पूरा देश व्यसन मुक्त गोकुल गांव बन जायेगा
मेडिकल प्रभाग के सचिव डॉ.बनारसी लाल ने कहा कि हमें धन कमाने के साथ-साथ पुण्य कमाने का भी कार्य करना चाहिए। उन्होंने डॉक्टरों को प्रेरणा देते हुए कहा कि आप एक-एक गांव को व्यसन मुक्त, डायबिटीज मुक्त बनाने का संकल्प लें तो गांव ही नहीं बल्कि पूरा देश ही व्यसन मुक्त गोकुल गांव बन जायेगा। डॉ.सचिन पर्व ने कहा कि जब मरीज को दवाईयां लेने की सलाह देते हैं तो हमें उसी समय उसे थोड़ा समय निकालकर मेडिटेशन करने की भी सलाह देनी चाहिए। मंच का कुशल संचालन ग्लोबल हॉस्पीटल की बीके रूपा बहन ने किया।
शांतिवन में आयोजित मेडिकल कॉन्फ्रेंस में देश भर से आए हुए चिकित्सक।
