ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन, राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

कोरोना को हराने के लिए मन से मजबूत बनिए – शिवानी

  • जिस प्रकार हम वायरस के सम्बन्ध में जानकारी ले रहे हैं उसी प्रकार हमें स्वयं को बचाने के लिए मन के अंदर क्या करना है उसकी भी जानकारी लेनी चाहिए

  • लॉक डाउन के समय स्वयं को रखें सकारात्मक और आपसी रिश्तों को बनाएं मजबूत

  • डर हमारे इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है

  • बीमारी से कम और डर से होती है ज्यादा मृत्य

ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन, राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

नवयुग टाइम्स, संवादाता से भेंटवार्ता पर आधारित।

पिछले कुछ दिनों से अचानक की बातें सामने आयी है। जीवन में कुछ बातें ऐसी होती है जो हमें अच्छी नहीं लगती है जैसे की घर में किसी का डेथ होना, किसी का एक्सीडेंट होना, किसी का नौकरी छूटना, किसी के रिश्तें टूटना। क्योंकि हम उनको अपने आसपास होते हुए देख रहे हैं। तो भी हम फील करते हैं कि ये हमारे साथ नहीं होगा।

  • हमारी गलत मान्यता के कारण बढ़ा है भय

आज हमारे पास एक परिस्थति है जिसके बारे में हमने सोचा ही नहीं था। हम अभी तक समझ नहीं पा रहे हैं कि हरेक के मन पर इसका कितना प्रभाव पड़ा है। ये एक ऐसी परिस्थिति है जिसने विश्व के प्राय: सभी लोगों के मन पर प्रभाव डाला है। जिस समीकरण को हम जीवन में बहुत सालों से लेकर चल रहे हैं जिसकी वजह से ये चिंता और डर बढ़ा गया है। वो समीकरण थी जैसी परिस्थिति होगी वैसी मन की स्थिति होगी। जब इतनी बड़ी प्रॉब्लम है तो डिस्टर्ब होना तो नार्मल है। स्ट्रेस होना तो नार्मल है। डर पैदा होना तो नार्मल है। हमने निगेटिव इमोशन को नार्मल कह दिया। हमने कहा मन में टेंशन और एंग्जायटी होना नार्मल है। ऐसे कहते-कहते हम शायद बचपन से जी रहे है और शायद विश्व के सारे लोग इसी विश्वास के साथ जी रहे हैं। आज उस समीकरण को फिर से चेक करने की आवश्यकता है। परिस्थिति बाहर है मन की स्थिति मेरी है। परिस्थिति मन की स्थिति को नहीं बनाता बल्कि मन की स्थिति का प्रभाव परिस्थिति पर सौ प्रतिशत पड़ता है।

  • हमने ये नहीं सीखा कि खुद को बचाने के लिए क्या करना है?

ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन, राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय

जैसे इतने दिनों से हम सीख रहे हैं इस वायरस से अपने परिवार को, देश को और विश्व को बचाने के लिए हमें क्या-क्या करना है। हम कई बार इन बातों को सुन रहे हैं। सुन-सुन कर, समझकर हम सबने करना शुरू कर दिया। लेकिन हमने ये नहीं सोचा कि इससे खुद को बचाने के लिए, सबको बचाने के लिए अपने मन के अंदर क्या करना है। हमने सोचा कि वायरस शरीर पर प्रभाव डालेगा, स्वास्थ्य पर असर पड़ेगा, बीमारी होगी और अंत में मृत्यु होगी। हम बीमारी, डेथ और डर को सोच रहे हैं, बोल रहे हैं और उसे ही एक-दूसरे से शेयर कर रहे हैं। रोज उसके डेटा चेक रहे हैं कि इस बीमारी से कहां-कहां और कितने लोगों की मृत्यु हो रही है। जबकि कोरोना वायरस की परिस्थति में शांत रहना, स्टेबल रहना, निर्भय रहना जरूरी है। हमने ये सोचा ही नहीं कि ये भी हमारे हाथ में है और इसके बारे में भी हम कुछ कर सकते हैं।

  • हमारे अंदर का डर कमजोर करता है शरीर की सुरक्षा तंत्र को

हम ये सोच रहे हैं इनसे अगर हम मिले तो हमें पता होना चाहिए कि कहीं इनको कोरोना तो नहीं है। अगर इनको है तो मैं इनके एक-दो फीट की दूरी में आ गई तो मुझे भी हो सकता है। हम ये चेक करें कि सारा दिन में हम जिनसे मिल रहे हैं उनको डर तो नहीं है। अगर उनको डर है और हम उनके एक-दो फीट की दूरी में बैठे हुए हैं तो वो डर हमारे अंदर भी आ जायेगा। वायरस का भय हमारे अंदर पहले से ही है, सामने वाले के अंदर भी है। घर में बैठे हुए चार लोगों के अंदर है। देश के १३० करोड़ लोगों के अंदर है। डॉक्टर्स हमेंं ये बता रहे हैं कि हमारे अंदर का डर हमारे इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर करता है। ये डर हमारे अंदर आज से नहीं है बल्कि ये डर तो हमारे जीवन का वैसे भी हिस्सा था। लेकिन पहले हम कभी-कभी डरते थे।

  • कोरोना से जीतने के लिए मन से मजबूत बनिए

जब इस वायरस की बात आती है तो हम कहते हैं 10 से नीचे और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इनको होने की संभावना सबसे ज्यादा है। वैसे ये बीमारी हो तो किसी को भी सकता है। लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम को कमजोर होने नहीं देना है। इम्यूनिटी सिस्टम शरीर की आयु पर निर्भर नहीं है बल्कि यह हमारे मन की स्थिति पर निर्भर करता है। हो सकता है कि कोई 80 साल के हों लेकिन मन से वो बहुत मजबूत है। उन्होंने कभी निगेटिव सोचा ही नहीं अभी भी उनको कोई डर नहीं लग रहा है। वो इमोशनली बहुत स्ट्रांग है। किसी भी बीमारी का सामना करने के लिए सर्वप्रथम हमें मन से मजबूत होना आवश्यक है। तभी हम इस लड़ाई को जीत सकते हैं।

Check Also

गांवों की ओर लौटता भारत ….

🔊 Listen to this क्योंकि मेरे देश की आत्मा मुझमें बसती है… जीवन मंत्र। नवयुग …

Navyug Times